ब्रह्मपुराणम्/अध्यायः २०९

विकिस्रोतः तः
← अध्यायः २०८ ब्रह्मपुराणम्
अध्यायः २०९
वेदव्यासः
अध्यायः २१० →
  1. अध्यायः १
  2. अध्यायः २
  3. अध्यायः ३
  4. अध्यायः ४
  5. अध्यायः ५
  6. अध्यायः ६
  7. अध्यायः ७
  8. अध्यायः ८
  9. अध्यायः ९
  10. अध्यायः १०
  11. अध्यायः ११
  12. अध्यायः १२
  13. अध्यायः १३
  14. अध्यायः १४
  15. अध्यायः १५
  16. अध्यायः १६
  17. अध्यायः १७
  18. अध्यायः १८
  19. अध्यायः १९
  20. अध्यायः २०
  21. अध्यायः २१
  22. अध्यायः २२
  23. अध्यायः २३
  24. अध्यायः २४
  25. अध्यायः २५
  26. अध्यायः २६
  27. अध्यायः २७
  28. अध्यायः २८
  29. अध्यायः २९
  30. अध्यायः ३०
  31. अध्यायः ३१
  32. अध्यायः ३२
  33. अध्यायः ३३
  34. अध्यायः ३४
  35. अध्यायः ३५
  36. अध्यायः ३६
  37. अध्यायः ३७
  38. अध्यायः ३८
  39. अध्यायः ३९
  40. अध्यायः ४०
  41. अध्यायः ४१
  42. अध्यायः ४२
  43. अध्यायः ४३
  44. अध्यायः ४४
  45. अध्यायः ४५
  46. अध्यायः ४६
  47. अध्यायः ४७
  48. अध्यायः ४८
  49. अध्यायः ४९
  50. अध्यायः ५०
  51. अध्यायः ५१
  52. अध्यायः ५२
  53. अध्यायः ५३
  54. अध्यायः ५४
  55. अध्यायः ५५
  56. अध्यायः ५६
  57. अध्यायः ५७
  58. अध्यायः ५८
  59. अध्यायः ५९
  60. अध्यायः ६०
  61. अध्यायः ६१
  62. अध्यायः ६२
  63. अध्यायः ६३
  64. अध्यायः ६४
  65. अध्यायः ६५
  66. अध्यायः ६६
  67. अध्यायः ६७
  68. अध्यायः ६८
  69. अध्यायः ६९
  70. अध्यायः ७०
  71. अध्यायः ७१
  72. अध्यायः ७२
  73. अध्यायः ७३
  74. अध्यायः ७४
  75. अध्यायः ७५
  76. अध्यायः ७६
  77. अध्यायः ७७
  78. अध्यायः ७८
  79. अध्यायः ७९
  80. अध्यायः ८०
  81. अध्यायः ८१
  82. अध्यायः ८२
  83. अध्यायः ८३
  84. अध्यायः ८४
  85. अध्यायः ८५
  86. अध्यायः ८६
  87. अध्यायः ८७
  88. अध्यायः ८८
  89. अध्यायः ८९
  90. अध्यायः ९०
  91. अध्यायः ९१
  92. अध्यायः ९२
  93. अध्यायः ९३
  94. अध्यायः ९४
  95. अध्यायः ९५
  96. अध्यायः ९६
  97. अध्यायः ९७
  98. अध्यायः ९८
  99. अध्यायः ९९
  100. अध्यायः १००
  101. अध्यायः १०१
  102. अध्यायः १०२
  103. अध्यायः १०३
  104. अध्यायः १०४
  105. अध्यायः १०५
  106. अध्यायः १०६
  107. अध्यायः १०७
  108. अध्यायः १०८
  109. अध्यायः १०९
  110. अध्यायः ११०
  111. अध्यायः १११
  112. अध्यायः ११२
  113. अध्यायः ११३
  114. अध्यायः ११४
  115. अध्यायः ११५
  116. अध्यायः ११६
  117. अध्यायः ११७
  118. अध्यायः ११८
  119. अध्यायः ११९
  120. अध्यायः १२०
  121. अध्यायः १२१
  122. अध्यायः १२२
  123. अध्यायः १२३
  124. अध्यायः १२४
  125. अध्यायः १२५
  126. अध्यायः १२६
  127. अध्यायः १२७
  128. अध्यायः १२८
  129. अध्यायः १२९
  130. अध्यायः १३०
  131. अध्यायः १३१
  132. अध्यायः १३२
  133. अध्यायः १३३
  134. अध्यायः १३४
  135. अध्यायः १३५
  136. अध्यायः १३६
  137. अध्यायः १३७
  138. अध्यायः १३८
  139. अध्यायः १३९
  140. अध्यायः १४०
  141. अध्यायः १४१
  142. अध्यायः १४२
  143. अध्यायः १४३
  144. अध्यायः १४४
  145. अध्यायः १४५
  146. अध्यायः १४६
  147. अध्यायः १४७
  148. अध्यायः १४८
  149. अध्यायः १४९
  150. अध्यायः १५०
  151. अध्यायः १५१
  152. अध्यायः १५२
  153. अध्यायः १५३
  154. अध्यायः १५४
  155. अध्यायः १५५
  156. अध्यायः १५६
  157. अध्यायः १५७
  158. अध्यायः १५८
  159. अध्यायः १५९
  160. अध्यायः १६०
  161. अध्यायः १६१
  162. अध्यायः १६२
  163. अध्यायः १६३
  164. अध्यायः १६४
  165. अध्यायः १६५
  166. अध्यायः १६६
  167. अध्यायः १६७
  168. अध्यायः १६८
  169. अध्यायः १६९
  170. अध्यायः १७०
  171. अध्यायः १७१
  172. अध्यायः १७२
  173. अध्यायः १७३
  174. अध्यायः १७४
  175. अध्यायः १७५
  176. अध्यायः १७६
  177. अध्यायः १७७
  178. अध्यायः १७८
  179. अध्यायः १७९
  180. अध्यायः १८०
  181. अध्यायः १८१
  182. अध्यायः १८२
  183. अध्यायः १८३
  184. अध्यायः १८४
  185. अध्यायः १८५
  186. अध्यायः १८६
  187. अध्यायः १८७
  188. अध्यायः १८८
  189. अध्यायः १८९
  190. अध्यायः १९०
  191. अध्यायः १९१
  192. अध्यायः १९२
  193. अध्यायः १९३
  194. अध्यायः १९४
  195. अध्यायः १९५
  196. अध्यायः १९६
  197. अध्यायः १९७
  198. अध्यायः १९८
  199. अध्यायः १९९
  200. अध्यायः २००
  201. अध्यायः २०१
  202. अध्यायः २०२
  203. अध्यायः २०३
  204. अध्यायः २०४
  205. अध्यायः २०५
  206. अध्यायः २०६
  207. अध्यायः २०७
  208. अध्यायः २०८
  209. अध्यायः २०९
  210. अध्यायः २१०
  211. अध्यायः २११
  212. अध्यायः २१२
  213. अध्यायः २१३
  214. अध्यायः २१४
  215. अध्यायः २१५
  216. अध्यायः २१६
  217. अध्यायः २१७
  218. अध्यायः २१८
  219. अध्यायः २१९
  220. अध्यायः २२०
  221. अध्यायः २२१
  222. अध्यायः २२२
  223. अध्यायः २२३
  224. अध्यायः २२४
  225. अध्यायः २२५
  226. अध्यायः २२६
  227. अध्यायः २२७
  228. अध्यायः २२८
  229. अध्यायः २२९
  230. अध्यायः २३०
  231. अध्यायः २३१
  232. अध्यायः २३२
  233. अध्यायः २३३
  234. अध्यायः २३४
  235. अध्यायः २३५
  236. अध्यायः २३६
  237. अध्यायः २३७
  238. अध्यायः २३८
  239. अध्यायः २३९
  240. अध्यायः २४०
  241. अध्यायः २४१
  242. अध्यायः २४२
  243. अध्यायः २४३
  244. अध्यायः २४४
  245. अध्यायः २४५
  246. अध्यायः २४६

द्विविदवानरवधवर्णनम्
व्यास उवाच
शृणुध्वं मुनयः सर्वे बलस्य बलशालिनः।
कृतं यदन्यदेवाभूत्तदपि श्रूयतां द्विजाः।। २०९.१ ।।

नरकस्यासुरेन्द्रस्य देवपक्षविरोधिनः।
सखाऽभवन्महावीर्यो द्विविदो नाम वानरः।। २०९.२ ।।

वैरानुबन्धं बलवान्स चकार सुरान्प्रति।। २०९.३ ।।

द्विविद उवाच
नरकं हतवान्कृष्णो बलदर्पसमन्वितम्।
करिष्ये सर्वदेवानां तस्मादेष प्रतिक्रियाम्।। २०९.४ ।।

यज्ञविध्वंसनं कुर्वन्मर्त्यलोकक्षयं तथा।
ततो विध्वंसयामास यज्ञानज्ञानमोहितः।। २०९.५ ।।

बिभेद साधुमर्यादां क्षयं चक्रे च देहिनाम्।
ददाह चपलो देशं पुरग्रामान्तराणि च।। २०९.६ ।।

क्वचिच्च पर्वतक्षेपाद्‌ग्रामादीन्समचूर्णयत्।
शैलानुत्पाट्य तोयेषु मुमोचाम्बुनिधौ तथा।। २०९.७ ।।

पुनश्वार्णवमध्यस्थः क्षोभयामास सागरम्।
तेनातिक्षोभितश्चाब्धिरुद्वेलो जायते द्विजाः।। २०९.८ ।।

प्लावयंस्तीरजन्ग्रामान्पुरादीनतिवेगवान्।
कामरूपं महारूपं कृत्वा सस्यान्यनेकशः।। २०९.१० ।।

लुठन्भ३मणसंमर्दः संचूर्णयति वानरः।
तेन विप्रकृतं सर्वं जगदेतद्‌दुरात्मना।। २०९.११ ।।

निःस्वाध्यायवषट्‌कारं द्विजाश्चाऽऽसीत्सुदुःखितम्।
कदाचिद्रैवतोद्याने पपौ पानं हलायुधः।। २०९.१२ ।।

रेवती च महाभागा तथैवान्या वरस्त्रियः।
उद्‌गीयमानो विलसल्ललनामौलिमध्यगः।। २०९.१३ ।।

मुशलं च चकारास्य संमुखः स विडम्बनाम्।
तथैव योषितां तासां जहासाभिमुखं कपिः।। २०९.१४ ।।

पानपूर्णांश्च करकांश्चिक्षेपाऽऽहत्य वै तदा।
ततः कोपपरीतात्मा भर्त्सयामास तं बलम्।। २०९.१५ ।।

तथाऽपि तमवज्ञाय चक्रे किलकिलाध्वनिम्।
ततः समुत्थाय बलो जगृहे मुशलं रुषा।। २०९.१६ ।।

सोऽपि शैलशिलां भीमां जग्राह प्लवगोत्तमः।
चिक्षेप च स तां क्षिप्तां मुशलेन सहस्रधा।। २०९.१७ ।।

बिभेद यादवश्रेष्ठः सा पपात महीतले।
अपतनमुशलं चासौ समुल्लङ्घ्य प्लवंघमः।। २०९.१८ ।।

वेगेनाऽऽयम्य रोषेण बलेनोरस्यताडयत्।
ततो बलेन कोपेन मुष्टिना मूर्ध्नि ताडितः।। २०९.१९ ।।

पपात रुधिरोद्‌गारी द्विविदः क्षीणजीवितः।
पतता तच्छरीरेण गिरेः श्रृङ्गमशीर्यत।। २०९.२० ।।

मुनयः शतधा वज्रिवज्रेणेव हि ताडितम्।
पुष्पवृष्टिं ततो देवा रामस्योपरि चिक्षिपुः।। २०९.२१ ।।

प्रशशंसुस्तदाऽभ्येत्य साध्वेतत्ते महत्कृतम्।
अनेन दुष्टकपिना दैत्यपक्षोपकारिणा।।
जगन्निराकृतं वीर दिष्ट्या स क्षयमागतः।। २०९.१२ ।।

व्यास उवाच
एवंविधान्यनेकानि बलदेवस्य धीमतः।
कर्माण्यपरिमेयानि शेषस्य धरणीभृतः।। २०९.१३ ।।

इति श्रीमहापुराणे आदिब्राह्मे बलदेवामाहात्म्ये द्विविदवानरवधवर्णनं नाम नवाधिकद्विशततमोऽध्यायः।। २०९ ।।