सामग्री पर जाएँ

ब्रह्मपुराणम्/अध्यायः १९७

विकिस्रोतः तः
← अध्यायः १९६ ब्रह्मपुराणम्
अध्यायः १९७
वेदव्यासः
अध्यायः १९८ →
  1. अध्यायः १
  2. अध्यायः २
  3. अध्यायः ३
  4. अध्यायः ४
  5. अध्यायः ५
  6. अध्यायः ६
  7. अध्यायः ७
  8. अध्यायः ८
  9. अध्यायः ९
  10. अध्यायः १०
  11. अध्यायः ११
  12. अध्यायः १२
  13. अध्यायः १३
  14. अध्यायः १४
  15. अध्यायः १५
  16. अध्यायः १६
  17. अध्यायः १७
  18. अध्यायः १८
  19. अध्यायः १९
  20. अध्यायः २०
  21. अध्यायः २१
  22. अध्यायः २२
  23. अध्यायः २३
  24. अध्यायः २४
  25. अध्यायः २५
  26. अध्यायः २६
  27. अध्यायः २७
  28. अध्यायः २८
  29. अध्यायः २९
  30. अध्यायः ३०
  31. अध्यायः ३१
  32. अध्यायः ३२
  33. अध्यायः ३३
  34. अध्यायः ३४
  35. अध्यायः ३५
  36. अध्यायः ३६
  37. अध्यायः ३७
  38. अध्यायः ३८
  39. अध्यायः ३९
  40. अध्यायः ४०
  41. अध्यायः ४१
  42. अध्यायः ४२
  43. अध्यायः ४३
  44. अध्यायः ४४
  45. अध्यायः ४५
  46. अध्यायः ४६
  47. अध्यायः ४७
  48. अध्यायः ४८
  49. अध्यायः ४९
  50. अध्यायः ५०
  51. अध्यायः ५१
  52. अध्यायः ५२
  53. अध्यायः ५३
  54. अध्यायः ५४
  55. अध्यायः ५५
  56. अध्यायः ५६
  57. अध्यायः ५७
  58. अध्यायः ५८
  59. अध्यायः ५९
  60. अध्यायः ६०
  61. अध्यायः ६१
  62. अध्यायः ६२
  63. अध्यायः ६३
  64. अध्यायः ६४
  65. अध्यायः ६५
  66. अध्यायः ६६
  67. अध्यायः ६७
  68. अध्यायः ६८
  69. अध्यायः ६९
  70. अध्यायः ७०
  71. अध्यायः ७१
  72. अध्यायः ७२
  73. अध्यायः ७३
  74. अध्यायः ७४
  75. अध्यायः ७५
  76. अध्यायः ७६
  77. अध्यायः ७७
  78. अध्यायः ७८
  79. अध्यायः ७९
  80. अध्यायः ८०
  81. अध्यायः ८१
  82. अध्यायः ८२
  83. अध्यायः ८३
  84. अध्यायः ८४
  85. अध्यायः ८५
  86. अध्यायः ८६
  87. अध्यायः ८७
  88. अध्यायः ८८
  89. अध्यायः ८९
  90. अध्यायः ९०
  91. अध्यायः ९१
  92. अध्यायः ९२
  93. अध्यायः ९३
  94. अध्यायः ९४
  95. अध्यायः ९५
  96. अध्यायः ९६
  97. अध्यायः ९७
  98. अध्यायः ९८
  99. अध्यायः ९९
  100. अध्यायः १००
  101. अध्यायः १०१
  102. अध्यायः १०२
  103. अध्यायः १०३
  104. अध्यायः १०४
  105. अध्यायः १०५
  106. अध्यायः १०६
  107. अध्यायः १०७
  108. अध्यायः १०८
  109. अध्यायः १०९
  110. अध्यायः ११०
  111. अध्यायः १११
  112. अध्यायः ११२
  113. अध्यायः ११३
  114. अध्यायः ११४
  115. अध्यायः ११५
  116. अध्यायः ११६
  117. अध्यायः ११७
  118. अध्यायः ११८
  119. अध्यायः ११९
  120. अध्यायः १२०
  121. अध्यायः १२१
  122. अध्यायः १२२
  123. अध्यायः १२३
  124. अध्यायः १२४
  125. अध्यायः १२५
  126. अध्यायः १२६
  127. अध्यायः १२७
  128. अध्यायः १२८
  129. अध्यायः १२९
  130. अध्यायः १३०
  131. अध्यायः १३१
  132. अध्यायः १३२
  133. अध्यायः १३३
  134. अध्यायः १३४
  135. अध्यायः १३५
  136. अध्यायः १३६
  137. अध्यायः १३७
  138. अध्यायः १३८
  139. अध्यायः १३९
  140. अध्यायः १४०
  141. अध्यायः १४१
  142. अध्यायः १४२
  143. अध्यायः १४३
  144. अध्यायः १४४
  145. अध्यायः १४५
  146. अध्यायः १४६
  147. अध्यायः १४७
  148. अध्यायः १४८
  149. अध्यायः १४९
  150. अध्यायः १५०
  151. अध्यायः १५१
  152. अध्यायः १५२
  153. अध्यायः १५३
  154. अध्यायः १५४
  155. अध्यायः १५५
  156. अध्यायः १५६
  157. अध्यायः १५७
  158. अध्यायः १५८
  159. अध्यायः १५९
  160. अध्यायः १६०
  161. अध्यायः १६१
  162. अध्यायः १६२
  163. अध्यायः १६३
  164. अध्यायः १६४
  165. अध्यायः १६५
  166. अध्यायः १६६
  167. अध्यायः १६७
  168. अध्यायः १६८
  169. अध्यायः १६९
  170. अध्यायः १७०
  171. अध्यायः १७१
  172. अध्यायः १७२
  173. अध्यायः १७३
  174. अध्यायः १७४
  175. अध्यायः १७५
  176. अध्यायः १७६
  177. अध्यायः १७७
  178. अध्यायः १७८
  179. अध्यायः १७९
  180. अध्यायः १८०
  181. अध्यायः १८१
  182. अध्यायः १८२
  183. अध्यायः १८३
  184. अध्यायः १८४
  185. अध्यायः १८५
  186. अध्यायः १८६
  187. अध्यायः १८७
  188. अध्यायः १८८
  189. अध्यायः १८९
  190. अध्यायः १९०
  191. अध्यायः १९१
  192. अध्यायः १९२
  193. अध्यायः १९३
  194. अध्यायः १९४
  195. अध्यायः १९५
  196. अध्यायः १९६
  197. अध्यायः १९७
  198. अध्यायः १९८
  199. अध्यायः १९९
  200. अध्यायः २००
  201. अध्यायः २०१
  202. अध्यायः २०२
  203. अध्यायः २०३
  204. अध्यायः २०४
  205. अध्यायः २०५
  206. अध्यायः २०६
  207. अध्यायः २०७
  208. अध्यायः २०८
  209. अध्यायः २०९
  210. अध्यायः २१०
  211. अध्यायः २११
  212. अध्यायः २१२
  213. अध्यायः २१३
  214. अध्यायः २१४
  215. अध्यायः २१५
  216. अध्यायः २१६
  217. अध्यायः २१७
  218. अध्यायः २१८
  219. अध्यायः २१९
  220. अध्यायः २२०
  221. अध्यायः २२१
  222. अध्यायः २२२
  223. अध्यायः २२३
  224. अध्यायः २२४
  225. अध्यायः २२५
  226. अध्यायः २२६
  227. अध्यायः २२७
  228. अध्यायः २२८
  229. अध्यायः २२९
  230. अध्यायः २३०
  231. अध्यायः २३१
  232. अध्यायः २३२
  233. अध्यायः २३३
  234. अध्यायः २३४
  235. अध्यायः २३५
  236. अध्यायः २३६
  237. अध्यायः २३७
  238. अध्यायः २३८
  239. अध्यायः २३९
  240. अध्यायः २४०
  241. अध्यायः २४१
  242. अध्यायः २४२
  243. अध्यायः २४३
  244. अध्यायः २४४
  245. अध्यायः २४५
  246. अध्यायः २४६

गोकुले बलप्रत्यागमनवर्णनम्
व्यास उवाच
इत्थं स्तुतस्तदा तेन मुचुकुन्देन धीमता।
प्राहेशः सर्वभीतानामनादिनिधनो हरिः।। १९७.१ ।।

श्रीकृष्ण उवाच
यथाऽभिवाञ्छितांल्लोकान्दिव्यान्गच्छ नरेश्वर।
अव्याहतपरैश्वर्यो मत्प्रसादोपबृंहितः।। १९७.२ ।।

भुक्त्वा दिव्यान्महाभोगानभविष्यसि महाकुले।
जातिस्मरो मत्प्रसादात्ततो मोक्षमवाप्स्यसि।। १९७.३ ।।

व्यास उवाच
इत्युक्तः प्रणिपत्येशं जगतामच्युतं नृपः।
गुहामुखद्विनिष्क्रान्ता ददृशे सोऽल्पकान्नरान्।। १९७.४ ।।

ततः कलियुगं ज्ञात्वा प्राप्तं तप्तुं ततो नृपः।
नरनारायणस्थानं प्रययौ गन्धमादनम्।। १९७.५ ।।

कृष्णोऽपि घातयित्वाऽरिमुपायेन हि तद्‌बालम्।
जग्राह मथुरामेत्य हस्त्यश्वस्यन्दनोज्ज्वलम्।। १९७.६ ।।

आनीय चोग्रसेनाय द्वारवत्यां न्यवेदयत्।
पराभिभवनिञशङ्कं बभूव च यदोः कुलम्।। १९७.७ ।।

बलदेवोऽपि विप्रेन्द्राः प्रशान्ताखिलविग्रहः।
ज्ञातिदर्शनसोत्कण्ठः प्रययौ नन्दगोकुलम्।। १९७.८ ।।

ततो गोपाश्च गोप्यश्च यथापूर्वममित्रजित्।
तथैवाभ्यवदत्प्रेम्णा बहुमानपुरः सरम्।। १९७.९ ।।

कैश्चापि संपरिष्वक्तः कांश्चित्स परिषस्वजे।
हासं चक्रे समं कैश्चिद्‌गोपगोपीजनैस्तथा।। १९७.१० ।।

प्रियाण्यनेकान्यवदन्गोपास्त्र हलायुधम्।
गाप्यश्च प्रेममुदिताः प्रोचुः सेर्ष्यमथापराः।। १९७.११ ।।

गोप्य पप्रच्छुरपरा नागरीजनवल्लभः।
कच्चिदास्ते सुखं कृष्णश्चलत्प्रेमरसाकुलः।। १९७.१२ ।।

अस्मच्चेष्टोपहसनं न कत्च्चिपुरयोषिताम्।
सौभाग्यमानमधिकं करोति क्षणसौहृदः।। १९७.१३ ।।

कच्चित्स्मरति नः कृष्णो गीतानुगमनं कृतम्।
अप्यसौ मातरं द्रष्टुं सकृदप्यागमिष्यति।। १९७.१४ ।।

अथवा किं तदालापैः क्रियन्तामपराः कथाः।
यदस्माभिर्विना तेन(तस्य)विनाऽस्माकं भविष्यति।। १९७.१५ ।।

पिता माता तथा भ्राता भर्ता बन्धुजनश्च कः।
न त्यक्तस्तत्कृतेऽस्माभिरकृतज्ञस्ततो हि सः।। १९७.१६ ।।

तथाऽपि कच्चिदात्मीयमिहाऽऽगमनसंश्रयम्।
करोति कृष्णो वक्तव्यं भवता वचनामृतम्।। १९७.१७ ।।

दामोदरोऽसौ गोविन्दः पुरस्त्रीसक्तमानसः।
अपेतप्रीतिरस्मासु दुर्दर्शः प्रतिभाति नः।। १९७.१८ ।।

व्यास उवाच
आमन्त्रितः स कृष्णेति पुनर्दामोदरेति च।
जहसुः सुस्वरं गोप्यो हरिणाकृष्टचेतसः।। १९७.१९ ।।

संदेशैः सोम्यमधुरैः प्रेमगर्भैरगर्वितैः।
रामेणाऽऽश्वासिता गोप्यः कृष्णस्यातिमधुस्वरैः।। १९७.२० ।।

गोपैश्च पूर्ववद्रामः परिहासमनोहरैः।
कथाश्चकार प्रेम्णा च सह तैर्व्रजभूमिषु।। १९७.२१ ।।

इति श्रीमहापुराणे आदिब्राह्मे गोकुले बलप्रत्यागमनवर्णनं नाम सप्तनवत्यधिकशततमोऽध्यायः।। १९७ ।।