लघुसिद्धान्तकौमुदी/परस्मैपदप्रकिया
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अथ परस्मैपदप्रक्रिया
अनुपराभ्यां कृञः॥ लसक_७४८अ = पा_१,३.७९॥
कर्तृगे च फले गन्धनादौ च परस्मैपदं स्यात्। अनुकरोति। पराकरोति॥
अभिप्रत्यतिभ्यः क्षिपः॥ लसक_७४९ = पा_१,३.८०॥
क्षिप प्रेरणे स्वरितेत्। अभिक्षिपति॥
प्राद्वहः॥ लसक_७५० = पा_१,३.८१॥
प्रवहति॥
परेर्मृषः॥ लसक_७५१ = पा_१,३.८२॥
परिमृष्यति॥
व्याङ्परिभ्यो रमः॥ लसक_७५२ = पा_१,३.८३॥
रमु क्रीडायाम्॥ विरमति॥
उपाच्च॥ लसक_७५३ = पा_१,३.८४॥
यज्ञदत्तमुपरमति। उपरमयतीत्यर्थः। अन्तर्भावितण्यर्थो ऽयम्॥
इति परस्मैपदप्रक्रिया॥