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अन्वेषणपरिणामाः

  • हुआ, इसमें १६ ।१।२६ इन नीलम आदिकों के मोल को जोड़ देने से समवन २३३ हुआ। यदि एक नीलम का १६ मोल है तो १६X७ सात का क्या, यों सात नीलम का मोल -=११२ हुआ, इसमें...
    ३१५ B (१,०७,२३० शब्दाः) - ०९:२४, ११ मे २०१९
  • विचरन्त्यां गौर्यां मणितटारोहणार्थं सोपानो भवेति भावः। १ लीलामदेस्तिमिर. २ नीलम. ३ विहरेत्. कुरु सुखपदारोहणायाप्रयायी; ब्रज पदसुखस्पर्शमारोहणेषु.  हित्वेति...
    ३८६ B (७,९५० शब्दाः) - १२:०७, ४ जुलै २०२०
  • विचरन्त्यां गौर्यां मणितटारोहणार्थं सोपानो भवेति भावः। १ लीलामदेस्तिमिर. २ नीलम. ३ विहरेत्. कुरु सुखपदारोहणायाप्रयायी; ब्रज पदसुखस्पर्शमारोहणेषु.  हित्वेति...
    १ KB (१४,२१२ शब्दाः) - १२:२८, ४ जुलै २०२०
  • वाक्यम् | चो ऽ प्यर्थे । इरितो हरिद्वर्णान् । ‘थालाशो हरितो हरित’ इत्यमरः । नीलम णमिति यावत् । हरिताश्वानयतीत्यातिक्रम्य वाजिनऽश्व वर्तन्ते । वेगेन सूर्याधा...
    ४५८ B (२४,२४२ शब्दाः) - ११:०१, ५ मार्च् २०२१
  • सुबन्त का समानाधिकरण वाले विशेष्यवाची सुबन्त के साथ बहुलता से समास होता है। | नीलम उत्पलम् (नीला कमल) में नीलम् विशेषण है और उत्पलम् विशेष्य। दोनों में ही प्रथमा...
    १८३ KB (११,८६७ शब्दाः) - १७:३०, १६ आगस्ट् २०२२
  • अप्रयो ति चतुर्थी द्विविधा हि गुणशब्दा:-द्रव्यपर्यन्ता गुणमात्रविश्रान्ताश्च नीलम उत्पलस्य ' ' नीलमुत्पलम --इति द्विविधव्यवहा रदशनान । तथा च यथा द्रव्यवाचिनां...
    ३२७ B (२८,६५८ शब्दाः) - ०८:४६, ३१ जुलै २०१८
  • विक्रमादित्य को देख कर भय से या लज्जा से कांपने लगी । अर्थात् जिस प्रकार नीलम के बनने कुण्डलों को धारण करने वाली कामिनी पूर्व परिचित कामुक को वेग से आए...
    ३२२ B (६४,२८७ शब्दाः) - ११:००, २७ जुलै २०१८
  • बादलों पर पड़ कर विचित्र रह धारण करती हैं। इन्द्रनील (पुं.) मरकत माये | नीलम | इन्द्रनेत्र, (न. ) एक हजार की गिनती । इन्द्रपर्वत, ( पुं. ) महेन्द्र पर्वत...
    ४०५ B (१,२५,८६२ शब्दाः) - ०७:०५, २३ डिसेम्बर् २०१९
  • माणिक्यः वंशपात्रम् विद्रुम, पृथिवी कांस्यपात्रम् पीत धान्यम् श्वेत चन्दनम् नीलम,तिलाः सप्तधान्यानि कम्बल,मृगनाभि गोधूम, गुडः श्वेत व्रीहि मसूर,द्विदल हरितवस्त्रम्...
    ९७ KB (३,६५७ शब्दाः) - ०५:५२, ७ एप्रिल् २०२३
  • गोपुर तथा प्रावरण लगे थे और जो अनेकों तपाये हुये सोने के कपाटों से शोभित, नीलम एवं मरकतों के तोरणों से सुसज्जित, फहराती हुई विविध ध्वजा पताकाओं से अलङ्कृत...
    ३४६ B (१,१०,४६५ शब्दाः) - ०३:५१, ८ आगस्ट् २०१८
  • संतुष्ट हुआ और फिर पाँच-छः डग. आगे बढ़ ब्राह्मण के चरणों में प्रणिपात करके नीलम, पुखराज, पन्ना और वैदूर्य मणियों से जड़े सिंहासन पर ( उसे ) वैठाकर वोला-...
    ४०० B (३९,४८१ शब्दाः) - ११:५६, १३ मे २०१९
  • सकते हैं। आपदा ( स्त्री० ) विपत्ति: सङ्कट [ किराल | आपनिक ( पु० ) १ पन्ना | नीलम | पुखराज २ आप ( ० ० ) १ मास | उपलब्ध २ गिरा हुआ। मुबतिला। -सत्वा, (स्त्री०...
    ४७१ B (१,४७,३६३ शब्दाः) - ११:१८, २१ जुलै २०१८
  • । १ धर्मशीले उणादिको० २ विप्रे संक्षिप्त० सुनील न० प्रा० स० । १ मणिमेदे (नीलम) २ दाड़िमे राजनि० ३ सुन्दरनीलवर्णे पु० । ४ तद्वति त्रि० । ५ अ तस्याम् ६ अपराजितायां...
    ३२४ KB (1 शब्दः) - ००:५९, १८ सेप्टेम्बर् २०२१
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