पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९६६

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स्फुटं ( अव्यया० ) साफ तौर से स्पष्टतः । स्फुटनं ( न० ) फूट जाना । खुल जाना। वरक जाना। चिर जाना ! स्फुट्ट्टू (धा० उ० } [ स्फुट्टयति, स्फुट्टयते ] तिरस्कार करना । अपमान करना | स्फुड ( घा०प० ) [ स्फुडति ] ढकना । स्फुट् } (धा०प० ) [ स्फुण्यति ] हँसना | स्फुरा ) मज़ाक करना। स्फुड् } ( घा० उ० ) [ स्कुण्डते, स्फुण्डयति स्फुण्डे ) स्फुण्डयते ] देखा स्फुराट् । } स्फुट } ( स्त्री० ) पैर की यिवाईं था खूजन। स्फुटिका | स्त्री० ) टुकड़ा। चीप | स्फुटित (व० कृ० ) १ तड़का हुआ | टूटा हुआ | चिरा हुआ। फूटा हुआ। २ फलियाया हुआ | कलियाँ लगा हुआ । फूला हुआ। खिला हुआ। ( फूल ) ३ साफ किया हुआ। प्रकट किया हुआ। खिलाया हुआ | ४ चीरा हुआ। नष्ट किया हुआ। २ उपहास किया हुआ । जोट उड़ाया हुआ | -~-चरण, ( वि० ) फैले हुए पैरों वाला | चौड़े फुलं (न०) छोलबारी । तंबृ । स्फुलवं ( न० ) कैंपकपी । धड़कन । पैरों वाला। स्फुरत् ( वि० ) थरथराता हुआ स्फुरित ( च० कृ० ) हुआ। २ हिला हुआ । ३ काँपता स्फोट स्फुरितं ( न० ) १ थरथरी । कँपकँपी | २ मन का उद्वेक या उद्वेग | कुच्छ (चा०प० ) [ स्फूर्च्छति ] १ फैलना । बढ़नः । २ भूलना । विस्मरण होना। स्फुर्ज (धा०प० ) [ स्फूर्जति ] १ बादल की तरह गरजना | २ चमकना । ३ फट पड़ना फूट जाना । चमकीला । हुआ चमका । चञ्चल । १ सूजा हुआ । स्फुल् (धा० ० ) [ स्फुलति ] धड़कना २ प्रकट होना कौंपना । आना । ३ सामने जमा करना संग्रह करना | ४ नाश करना । वध करना । स्फुलिङ्गः ( पु० ) स्फुलिंगः ( पु० ) ) स्फुलिंगं ( न० ) (न० ) स्फुलिंगा (स्त्री० स्फुलिङ्ग (सी०) स्फुत (अव्यया० ) बनावटी आवाज़ विशेष । -करः, ( पु० ) स्फुत् शब्द | स्फुर् (धा० प० ) [ स्फुरति, स्फुरित ] स्फूर्जथुः ( पु० ) गड़गड़ाहट | धड़कना | धकधक करना । २ थरथराना | काँपना । | स्फूर्तिः ( पु० ) १ धड़कन | थरथराहट | २ खिलन | स्फुरः (पु० ) १ फड़कन थरथरी धड़कन फूलन। ३ प्रकटन | प्राकट्य | ४ स्मरण होना । २ काव्य सम्बन्धी स्फूर्ति । कँपकँपी २ सूजन फूलन | ३ ढाल | स्फुरणं ( न० ) १ कड़कन । कँपकँपी थरथराहट जो होने वाले २ ( अङ्ग विशेषों की ) फड़कन । शुभाशुभ के द्योतक होते हैं। ६ इष्टि पड़ना | नज़र आना | ४ चमक | दमक | कौंधा | * स्मरण हो थाना । अँगारा। शोला । स्फूर्णः (पु० ) : बिजली गिरने की कड़कड़ाहट । २ इन्द्र का वज्र३ सहसा होने वाली बाढ़ या फूटन ४ दो प्रेमियों का प्रथम समागम जिसमें प्रारम्भ में हर्प और अन्त में भय की आशंका हो । स्फूर्तिमत् ( वि० ) १ कँपकँपा । थरथराने वाला । आन्दोलित | २ कोमल हृदय वाला। स्फेयस् ( पु० ) अपेक्षाकृत अधिक । अपेक्षाकृत बढ़ा। स्फेट (वि० ) अत्यधिक अधिक । सब से अधिक बढ़ा। धड़कता | स्फोट: ( पु० ) १ फूटन | सड़कन । २ प्रकाश । हुआ । ४ प्रकटी करण । खुलाव | ३ गुमड़ा। सूजन | गुमड़ी। बलतोड़ | ४ मन का वह भाव जो किसी शब्द के