सृगालः मृगालः ( पु० ) सियार । गीदड़ | स्रुका ( स्त्री० ) रत्न हार। रत्नों का हार। सृज् (धा०प० ) [ सृजति, सृष्ट ] १ सृष्टि करना । पैदा करना | बनाना | २ रखना । प्रयुक्त करना । ३ छोड़ देना । मुक्त करना । छुटकारा देना | ४ उड़ेलना । गिराना । बहाना। १ उच्चारण करना । ६ फेंकना | पटकना ● त्यागना | छोड़ना | उजिकात्तरः ( पु० ) रेह | सज्जी खार | संजयाः ) ( पु० ) ( बहु० ) एक जाति के लोगों सृञ्जयाः ) का नाम। सृणिः ( स्त्री० ) अंकुश | आँकुल ( पु० ) १ शत्रु २ चन्द्रमा । सृणिका सृणीका ) ( स्त्री० ) धूक | खखार । ( १३९ ) सृतिः ( स्त्री० ) १ जाना। फिसलना। खिसकना । २ मार्ग | सड़क | रास्ता | ३ चोटिलकरण | अनिष्ट - करण | सुत्वर (वि० ) [ स्त्री०- सत्वरी ] गमन करने वाला । जाने वाला । सृत्वरी ( स्त्री० ) १ दरिया | चश्मा | नदी | सोता । २ माता । जननी । सुदरः ( पु० ) सर्प साँप | सदाकुः ( पु० ) १ पवन | हवा | २ अग्नि ३ मृग | ४ इन्द्र का बज्र। सूर्य का मण्डल | ( स्त्री० ) नदी। चश्मा । सृप् (धा०प० ) [ सर्पति, सृप्त] १ रेंगना। सरकना । फिसलना। धीरे धीरे रेंगना । २ जाना | चलना । सृपाट: ( पु० ) माप विशेष | सृपाटिका ( स्त्री० ) पक्षी की चोंच सृपाटी ( स्त्री० ) माप विशेष । सुप्रः ( पु० ) चन्द्रमा । ( धा० प० ) [ सर्भति, सृ॑भति ] करना। चोटिल करना। वध करना । घायल सेतु सृमरः ( पु० ) मृग विशेष सृष्ट (च० कृ० ) १ पैदा किया हुआ। सिरजा हुआ । २ उड़ेला हुआ | ३ त्यागा हुआ | छोड़ा हुआ। ४ विदा किया हुआ । विसर्जन किया हुआ । बरखास्त किया हुआ निकाला हुआ । ६ दर्यात किया हुआ । निश्चित किया हुआ । ७ जुड़ा हुआ। मिलाया हुआ = अधिक । विपुल । असंख्य | ६ भूचित | सृभू संभ सृम्भ सृमर (वि० ) [ श्री०- सृमरी ] गमन करने वाला। जाने वाला। सृष्टिः ( स्त्री० ) १ रचना | २ संसार की रचना | ३ प्रकृति | ४ छुटकारा ५ दान ६ गुण का अस्तित्व | सगुणता । ७ निर्गुणता |--कर्तृ, ( पु० ) सृष्टिकर्ता | सॄ ( धा० प० ) [ सृणाति ] घायल करना । वध करना । सेक् (धा० आ० ) [ सेकते ] जाना चलना । सेकः ( पु० ) १ पानी छिड़कना | सिंचन। पेड़ों को सींचना | २ प्रेरण| त्याग ३वीर्यपात | ४ नैवेद्य । चड़ौती । --पात्रं, (न० ) वह बरतन जिससे छिड़काव किया जाय। २ बाल्टी । डोल | सेकिनं ( न० } मूली | सलगम | सेक्ट (वि० ) [ स्त्री०-सेक्त्री ] १ छिकने वाला। ( पु० ) छिड़काव करने वाला २ पति । खाबिंद | सेक्त्रं (न० ) डोलची | पानी छिड़कने का पात्र । सेचकं (वि० ) [ स्त्री० – सेचिका ] सेंचन करने वाजा। जल छिड़कने वाला सेचकः ( पु० ) बादल। सेवनं ( न० ) १ सिंचन | पानी का छिड़काव । सींचना । २ डोलची | बाल्टी। घटः, (पु० ) अलघट जल का घड़ा । सेवनी (स्त्री० ) बाल्टी । डोलची । सेटुः ( पु० ) १ तरबूज | २ ककड़ी । सेतिका ( स्त्री० ) अयोध्या का नाम । सेतुः ( पु० ) १ टीला | बांध | २ पुल सेतु भूलीमा । ४ घाटी सङ्कीर्ण मार्ग | २ सीमा | हद
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