पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९४४

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सूक्ष सूक्ष ( भा०प० ) [ सूर्त्तति, सूर्यति ] १ सम्मान करना । इज्ज़त करना २ अपमान करना । तिरस्कार करना । वर्क्षणं सुदर्यणं । ( न० ) असम्मान । बेइज्जती । } सूर्यः ( पु० ) मूंग | सूर्प देखो शूर्प | समिः

} (स्त्री० ) १ लोहे या अन्य किसी धातु की

सम } बनी मूर्ति। धातु विग्रह | २ घर का खंभा | 1 ३ चमक | आभा | दीप्ति | ४ शोला अँगारा | सूर्यः ( 3 ) १ सूर्य २ धर्क का पौधा । ३ बारह की संख्या 1- अपायः, ( पु० ) सूर्यास्त /- मध्ये ( न० ) सूर्य को अर्घ्यदान:-अश्मन्, ( पु० ) सूर्यकान्तमणि । -अश्वः ( पु० ) सूर्य का घोड़ा 1-अस्तं, (न० ) सूर्यास्त /- धातयः, (पु० ) धूप की चकाचौंध | धूप | सूर्यातप आलोकः, ( पु० ) धुप | घाम आवर्तः, ( पु० ) सूरज मुखी का फूल। -आाह्न, ( वि० ) सूर्य के नाम वाला। -ग्राहं, (म० ) | तांबा आह्वः, (पु० ) गुल्म विशेष-दर्शः, उत्थानं, (न०) - उदयः, (पु०) सूर्योदय- ऊडः, (पु० ) १ वह अतिथि या महमान जो शाम को आया हो । २ सूर्यास्तकाल / कान्तः, ( पु० ) सूर्यकान्तमणि - कालः ( पु० ) दिवस काल । ग्रहः ( पु० ) १ सूर्य । का ग्रहण। ३ राहु और केतु के नामान्तर घट की तली-ग्रहणं, ( न० सृग मणि । - मराडलं, (न० ) सूर्य की परिधि - यंत्र ( न० ) १ सूर्य के मंत्र और बीज से अति ताम्रपत्र जिसका सूर्य के उद्देश्य से पूजन किया जाता है। २ यंत्र विशेष या दूरवीन जिससे सूर्य की गति आदि का हाल जाना जाय।- रश्मिः ( पु० ) सूर्य की किरणें 1-लोकः, ( पु० ) सूर्य के रहने का लोक विशेष ।-वंशः, (पु०) सूर्यवंशी राजाओं का कुल या वंश-वर्चस् (वि० ) सूर्य की तरह चमकीला - विलोकनं, ( न० ) चार मास का होने पर शिशु को बाहिर निकाल कर उसको सूर्य का दर्शन कराने की विधि - संक्रान्ति (स्त्री० ) संक्रम:, (१०) सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि पर जाना /-संज्ञ, ( न० ) केसर । - सारथिः, (पु० ) अरुण का नामान्तर / ~ स्तुतिः, ( स्त्री० ) - स्तोत्रं, ( न० ) सूर्य की स्तुति या स्तव हृदयं (न०) सूर्य का एक स्तव विशेष । सूप ( धा० प० ) [ सूपति ] उत्पन्न करना। पैदा सूर्या ( स्त्री० ) सूर्यपत्नी । करना । सूपणा ( स्त्री० ) माता । सूयन्ती (स्त्री० ) वह स्त्री जो बालक जनने ही वाली हो । २ सूर्य | सृ ( धा०प० ) [ सरति सिसति, स्रुत ] 1 ध्जल- गमन करना । २ समीप जाना । ३ आक्रमण करना। ४ दौड़ना | भागना। ५ बहना चलना। ( जैसे हवा का ) । ६ बहना ( पानी का ) । सृकः ( पु० ) १ हवा। पवन | २ तीर । ३ वज्र । ४ कैरव | कमल । सूर्यग्रहण --- F चन्द्रौ. [ = सूर्याचन्द्रमसौ ] ( पु० ) ( द्विव- चन) सूर्य और चन्द्रमा 1-जः, -तनयः, - पुत्रः, ( पु० ) सुग्रीव का नामान्तर । २ कर्ण | ३ शनिग्रह | ४ यम । -आ-तनया, (वि०) यमुना नदी !-~-तेजस्, ( न० ) सूर्य का शा) सृकह } (स्वी० ) खाज खुजली। कालः (पु० ) गाल | गीदड़ | (न०) सकं (न० ) या चकाचौंध या धमक-नक्षत्रं, (न० ) २७ नपत्रों में से जिस पर सूर्य हो ।-पर्धन, संक्रमण और सूर्यग्रहण आदि । -प्रभव, (वि०) सूर्य से उत्पन्न या निकला हुआ। ~भक्त, (वि०) सूर्योपासक - भक्तः, ( पु० ) बन्धूक नामक - सकणी (स्त्री०) सृकिणी (स्त्री० ) । सकिन् (न० ) सकन् ( न० पृढ या उसके फूल /~-मणिः, (पु० ) सूर्यकान्त | सृगः ( पु० ) मिन्दिपाल । एक प्रकार की गदा । -मुख के दोनों ओर के कोने ।