पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९२२

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सामक सामिधेनी सामकः ( पु० ) सान धरने का पत्थर | सामवायिक ( वि० ) [ श्री० - सामवायिकी ] समाज या समूह या कंपनी से सम्बन्ध युक्त | २ अटूट सम्बन्ध से सम्बन्ध रखने वाला । सामग्री ( श्री० ) सामान थे पदार्थ जिनका किसी कार्य विशेष में उपयोग होता है। 1 सामग्र्यं ( न० ) १ समूचापन । पूर्णता नितान्तता | सामाजिक ( चि० ) [ स्त्री : - सामाजिकी ] समाज सम्बन्धी । २ नौकर चाकर। अनुचरवर्ग ३ सामान का बेर या ज़खीरा ४ मंदार जखीरा । स्वामंजस्य ) ( न० ) १ संगति | मेल । मिलान | २ सामञ्जस्यं । शुद्धता। याथार्थ्य। १ सामन् ( २० ) १ शान्तिकरण | तुहिसाधन । २ राजाओं के लिये शत्रु को वश करने का उपाय विशेष ३ केरमलता | मृदुता (वाक्य सम्बन्धी ) । ४ प्रशंसात्मक छंद या गान | ५ सामवेद का मंत्र | ६ सामवेद /-उद्भवः, ( पु० ) हाथी - उपचास-उपायः, ( पु० ) शमन करने के साधन -गः (पु० ) सामवेदी ब्राह्मण या वह ब्राह्मण जो सामवेद का गान कर सके -ज जात, (वि० ) १ सामवेद से उत्पन्न | २ शान्त साधनों से पैदा हुआ।-जः जातः, ( पु० ) हाथी-योनिः; ( पु० ) १ माह्मण | २ हाथी | --वादः, (पु० ) मृदुशब्द| मधुर शब्द - वेदः, (पु० ) चार वेदों में तीसरा वेद । ) ( वि० ) सीमावर्ती। समीपी। पड़ोस का । २ सार्वजनिक | साम॑तं ] ( न० ) १ पड़ोसी २ पड़ोसी राजा | सामन्त ) २ करद राजा | ४ नामक । सामंतः 1 सामंत सामन्त सामाजिकः ( पु०) किसी समाज का सदस्य । | सामानाधिकररायं ( न० ) एक ही पद पर दोनों का होना। समान या बराबर अधिकार समानता का सम्बन्ध । · सामान्य ( वि० ) १ साधारण जिसमें कोई विशेषता न हो। मामूली २ समान बराबर का ३ समानांश का ४ तुच्छ नाचीज़ ५ समूचा समस्त पक्षः ( पु० ) मध्यम - लक्षणा, ( स्त्री० ) वह गुण जिसके अनुसार किसी एक सामान्य को देख कर उसी के अनुसार उस जाति के अन्य सब पदार्थों का ज्ञान प्राप्त होता है। किसी पदार्थ को देख उस जाति के अन्य पदार्थों का बोध करा देने वाली शक्ति /- वनिता, (स्त्री० ) - शास्त्र (न० ) साधारण नियम या विधान सामान्यं ( न० ) १ सार्वजनिकता | २ सामान्य | लक्षण | ३ समूचापन ४ क़िस्म । प्रकार | ५ समता| एक स्वरूपत्व ६ निर्विकार अवस्था समता धैये ७ सार्वजनिक मामले ८ सार्व- जनिक प्रस्तावित विषय | १ साहित्य में अलंकार विशेष यह तब माना जाता है जब एक ही आकार की दो या अधिक ऐसी वस्तुओं का वर्णन होता है; जिनमें देखने में कुछ भी अन्तर नहीं जान पड़ता। सामासिक (वि०) [स्त्री०-सामासिकी] १ समूचा समष्टि । २ संचित | ३ सामासिक शब्द सम्बन्धी । ( पु० ) पड़ोस ) सामन्तः सामयिक (वि०) [ स्त्री०-सामयिकी ] १ रस्मी रीति जो सदा से होती चली आयी हो । २ कौल करार की हुई। व्हराई हुई। ३ ठीक समय का । ४ समय से ! ५ समयानुसार | समय की दृष्टि से उपयुक्त | ६ समय सम्बन्धी समय से सम्बन्ध रखने वाला ७ अस्थायी थोड़े समय के लिये सामर्थ्य ( न० ) १ शक्ति ताकृत | योग्यता | २ उद्देश्य की समानता । ३ अर्थ या अभिप्राय की | सामिधेनी (स्त्री०) १ एक प्रकार का ऋमंत्र जिसका समानता था एकता ४ उपयुक्तता । ५ शब्द की अर्थ बतालने वाली शक्ति। ६ लाभ | स्वार्थ । ७ सम्पत्ति धन दौलत | पाठ, होम का अग्नि प्रज्वलित करते समय अथवा हवन के अग्नि में समिधाएं छोड़ते समय किया जाता है। २ समिधा | ईंधन सामासिकं (ज० ) सब प्रकार के समासों का संग्रह सामि (अव्यया० ) १ आधा अधूरा २ कलङ्की । तिरस्करणीय |