पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९२३

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- सामीची (स्त्री०) प्रशंसा । स्तव स्तुति । सामीप्यं ( न० ) समीप होने का भाव । निकटता सामीप्यः (पु० ) पड़ोसी । अन्तेवासी । सामुद्र (वि० ) [ स्त्री०- सामुद्री] समुद्र सम्भूता। समुद्र में उत्पन्न । सामीची सामुद्रिकं ( न० ) हस्त रेखाओं से शुभाशुभ कहने की विद्या । सामुद्रिक ( पु० ) वह आदमी जो के चिह्नों या लक्षणों को देख उस मनुष्य को ! 'मनुष्य के शरीर शुभाशुभ फलों का विवेचन करें। सांपराय ) ( वि० ) [ स्त्री०- सांगरायो ] १ साम्पराय) युद्ध सम्बन्धी सामरिक | २ परलोक सम्बन्धी । भविष्य | सांपरायं, (न० ) साम्परायं ( न० ) सांपरायः ( पु० ) साम्परायः ( पु० ) 1 सामुद्र ( न० ) १ समुद्री निमक | २ समुद्रफेन । ३ शरीर का दाग़ या चिह्न सांबंधिकं ) ( न० ) नातेदारी | रिश्तेदारी | सामुद्रः (पु० ) समुद्र यात्री । समुद्री सफर करने | साम्बन्धिकं २ सन्धि द्वारा स्थापित मैत्री | सांवरी । वाला । साम्बरी । ( स्त्री० ) माया : जादूगरी। जादूगरनी । सामुद्रकं ( न० ) समुद्री लवण | सामुद्रिक ( वि० ) [ स्त्री०~~सामुद्रिकी ] समुद्र में | सांभवी } ( स्त्री० ) १ लाल लोध्र वृह | २ त्पन्न समुद्र सम्भूत | शरीर के शुभाशुभ चिह्नों | साम्यं ( न० ) ३ समानता | एक सा पन | समत्व। सम्बन्धी । २ सादृश्य | ३ ऐकमत्य | ४ अपक्षपातित्व | साहमस्य। ५ जिशाला । अनुसन्धान |६ अनिश्चयता | सांपरायिकं साम्पराधिकं १ मुठभेड़ लड़ाई भविष्य जीवन । भविष्य | ३ परलोक प्राप्ति के साधन । भविष्य सम्बन्धिनी जिज्ञासा । सांपरायिक: साम्परायिकः सांप्रदायिक व्यूह विशेष } ) ( न० ) युद्ध | समर । जङ्ग । गत प्राप्त परंपरागत सांवः ) साम्बः ) सायुज्य ( वि० ) [ स्त्री० सांप्रदायिकी ] ( पु० ) लड़ाई का रथ सांप्रतिक ? (वि०) [स्त्री० - साम्प्रतिकी] वर्तमान साम्प्रतिक ) समय सम्बन्धी | स्योग्य | उचित । ठीक । ( पु० ) शिव का नामान्तर | सांपरायिक } ( वि० ) { स्त्री० --साम्परायिकी] | सायम् ( अव्यया०) सन्ध्याकाल में 1-कालः, (पु०) साम्परायिकी युद्ध में काम आने वाला । २ विपत्तिकारक । ४ परलोक सम्बन्धी सामारिक १३ - कल्पः (पु० ) सैन्य सन्ध्याकाल मण्डनं, (न० ) १ सूर्यास्त । २ सूर्य सन्ध्या (श्री० ) सन्ध्या काल की खाली ३ सन्ध्या काल की भगवदुपासना । सांबंधिक ) (वि० ) [ स्त्री० - साम्बन्धिकी ! साम्वन्धिक सम्बन्ध से उत्पन्न | साम्राज्यं ( न० ) १ वह राज्य जिसके अधीन बहुत से देश हों और जिसमें किसी एक सम्राट का शासन हो । सार्वभौमराज्य सलतनत २ आधिपत्य पूर्ण अधिकार | सायः ( पु० ) १ समाप्ति अन्त । २ दिन का अन्त। सन्ध्याकाल तीर /- अहन्, ( पु० ) (=सायाहः ) सायंकाळ । सायकः ( पु० ) 1 तीर २ तलवार 1- पुंखः, तीर का वह भाग जिसमें पंख लगे होते हैं। सायंतन | ( ) [ स्त्री० - सायंतनी ] सन्ध्या सायन्तन सम्बन्धी सन्ध्या " बढ़ाई।सायिन् ( पु० ) घुड़सवार | सायुज्यं ( न० ) ऽ एक में इस प्रकार मिल जाना कि भेद न रहे। २ पाँच प्रकार की मुक्तियों में से एक प्रकार का मोद। इसमें जीवात्मा का परमाष्मा में लीन हो जाना माना गया है। ३ समानता । सादृश्य ।