पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८८३

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सखी ( खी० ) सहेली ! सख्यं ( न० ) १ मित्रता समानता। d सक्रिय संकीर्ण सङ्की सक्रिय (वि० ) क्रियानक जंगम चल | ● देकारी या सङ्कारी सक्षण ( वि० ) वह जिसको हो । सखि ( पु० ) [ सखा सखायौ मलायः ] संपणं से जाने की किया है जुताई। संपूर्ण है (०) खींचने की क्रिया २ आकर्षण | १ मित्र | संगी। संकः १ (४० ) श्रीकृष्ण के आई बलराम का सगर ( वि० ) ज़हरीला सगरः (५० एक + सख्यः (पु० ) दोस्त। मिश्र | सग (वि० ) दल सहित | समुदाय सहित सगणः ( पु० ) शिव जी का नाम । 2 विपेखा बंशी राजा का नाम दोस्ती हेलमेल | २ सगर्भ ! सगर्ग्यः ( पु० ) एक गर्भ का सगुण ( वि० ) १ गुणसहित गुणों वाला २ | धार्मिक साधु । पचित्र | ३ सांसारिक | ४ | वह धनुष जिस पर डोरी या रोवा या चिठ्ठा पा सगोत्र (वि०) एक कूल का सम्बन्ध युक्त सगोत्र: पु० ) एक कुल के लोय < ( ८७७ ) यापरी उल वंश या रिश्तेदारी के लोग सजातीय के जिसके साथ धाड और तर्पण का सम्बन्ध हो । दूर का नातेदार ४ कुल परिवार खानदान | ● सन्धिः ( श्री० ) साथ साथ खाने वाला; संकट ) ( वि० ) १ सिकुड़ा सङ्कट) पतला २ अगम्य ३ परिपूर्ण घिरा हुआ। हुआ । सङ्कीर्ण सम्पन्न संकटं ) + न० ) सही रास्ता दर्रा पर्वतों के सङ्कट ) बीच का रास्ता । २ आत । विपत्ति | जोखों ख़तरा | संकथा } { स्वी० ) वार्तालाप - बातचीत । सङ्ख्या संकरी 44141228 १ संघट २ जोड़ योग | 1 मंफलनं ( न० ) (२०) (स्त्री०) (०) संकलित ) ( ० ० संरः सङ्कारः ) किया हुआ योजित जोड़ा हुआ F यहुत सी वस्तुओं को एक स्थान पर एकत्र करने की लिया ३ टक्कर ४ सरोड़ ऐंठना १ जेाड़ । १ देर लगाया हुआ एक मिश्रित : ३ पकड़ा हुआ। जोड़ लगाया हुआ | करने की इच्छा जो मन विचार इरादा २ मन । चित दिया | ३ संकल्पः ) ( ० ) कार्य सङ्कल) में उत्पन्न हो अभिलाप | कामना ४ दाम पुराध कोई देवकार्य आरम्भ करने के पूर्व एक निश्चित मन्त्र का उच्चारण करते हुए अपना हड़ निश्चय या विचार प्रकट करना । --जः --अमन ( न० ) -योनिः ( पु० ) कामदेव की उपाधि | रूप. इच्छा प्रकाश करने दिइन्दानुसार संवि० ) अहद पंच | परिवर्तनशील । २ अतिरिक्त ३ सय ४ बुरा। त्रुट २ कमज़ोर | नियंत | a F (पु०१ धूल गर्दा भारन बटोरन । २ अंगारों की चापट | संकारी । सङ्क्रारी संकाश ) सङ्काश ( निकट | ( बी० ) यह लड़की जिसका कौमार्य हाक ही में हरण किया गया हो। ( वि० ) : समान सय २ समीप । संकाशः ) ( पु० ) १ मौजूदगी । विद्यमानता १२ माणसामीप्य नै । 1

) ( पु० ) सुधार | प्रभात कही।

संकरः ) (पु० मिलावट २ संयोग | ३ वर्ण-जलती हुई सधान सङ्करः ) असमानता। वर्षों की गड़बड़ी | दोगलापन। ४ धूल बटोरन फाइन संकी | ( वि० ) १ मिति | मिला हुआ | २ सङ्कीर्ण गढ़वह फुटकर ३ बिखरा हुआ। फैला