पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८७

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अमर अमरः (५०) १ देवता | २ पारा | ३ सुवर्ण ४ तेंतीस की संख्या ५ धमरसिंह का नाम । ६ हड्डियों का ढेर | अमरता ( स्त्री० )) अमरत्वं ( न० ) ) ( ८० ) अविनश्वरता । अमरा (स्त्री० ) १ अमरावती पुरी। २ नाभिसूत्र । नाभिनाल | ३ गर्भाशय अमरावती (सी० ) इन्द्र की पुरी का नाम । अमरी (खो० ) देवता की स्त्री देवी । इन्द्र की राजधानी (वि० ) अविनाशी दैवी। जो कभी नाश न हो। आएगा, (स्त्री० ) गङ्गा का नाम । मर्त्यः (०) देवता। अमर्मन् ( न० ) शरीर का मर्मस्थल नहीं।- वेधिन ( वि० ) मर्मस्थल को न वेधने वाला कोमल । मुलायम अमर्याद ( वि० ) १ सीमारहित सीमा के बाहिर । अनुचित। असम्मानकारी। २ असीम । असदा- चर | असम्मान | अमित श्रमा (चि० मापरहित। जो नापा न जा सके । (अव्यया० ) साथ। सनीप पास (स्त्री० ) धमावास्या तिथि | चन्द्र की १६ वीं कला (पु०) थामा । जीव | J 1 मर्यादा (श्री० ) उचित सम्मान की अवहेला अमर्ष (वि० ) दूसरे का उत्कर्ष न सहने वाला। अमः (पु०) असहनशीलता अधैर्य ईर्ष्या ईर्ष्या से उत्पन्न कोष | २ क्रोध | कोप । अमर्षण ) (वि० ) १ अधैर्यवान् । असहनशील धमर्पित जो रामा न करे। २ क्रोध। रूठा हुआ। श्रमर्पिन रोपपरवश २ प्रचण्ड उग्र श्रमर्षवत् प्रतिज्ञ । श्रामल { वि० ) जिसमें मैल न हो । साफ सुथरा | निष्कलङ्क वेषण्वा वेदारा विशुद्ध सञ्चा २ सफेद चमकदार |-- (ला) (स्त्री) १ लक्ष्मी जी का नाम । २ नाला । नाभिसूत्र | ३ एक वृक्ष का नाम आमला वृक्ष-पत्रिन (पु० ) जंगली हंस 1-~-रत्नं, ( न० ) – मणिः (पु० ) एफटिक पत्थर | अमलम् (न०) १ स्वच्छता २ अत्रक २ परमात्मा । अमलिन (वि०) स्वच्छ | बेदाग़। निष्कलङ्क | पवित्र । श्रमसः (पु०) १ रोग १२ मुड़ता | ३ मूर्ख ४ समय 1 अमांस (वि० ) १ विना मांस का । जो मांसल न हो । २ दुबला पतला निर्बल अमांसम् (२०) मांस को छेद अन्य कोई भी वस्तु । मात्यः (पु०) दीवान महामात्र मंत्रो । सचिव | मात्र ( वि० ) १ असीम जो नापा न जा सके। २ सम्पूर्ण या समूचा नहीं । ३ अमौलिक | 1 मात्रः ( पु० ) परमात्मा । अमाननम् ( न० ) मानना (स्त्री० ) अमानस्थं ( न० ) पीड़ा | दर्द । (वि० ) निरभिमान | विनयी | विनम्र अमानुष (वि० ) [ स्त्री०- श्रमानुषी ] मनुष्य सम्बन्धी नहीं। अमानवी। अलौकिक । अपौरुषेय । अमानुष्य ( वि० ) अमानुपी। अलौकिक | मामासी } (श्री०) अमावास्या | } तिरस्कार । अपमान । अवज्ञा । (वि० ) १ सच्चा । निष्कपट | निश्चल | २ जो नापा न जा सके। माय ( न० ) ब्रह्म । " अमाया (स्त्री०) १ छल या कपट का अभाव। सचाई। ईमानदारी । २ वेदान्त दर्शन में ". अमावा " से माया या भ्रम से रहित का बोध होता है। पर- मात्मा का ज्ञान | अमायिक } (वि०) तिश्च । निष्कपट 1 ईमानदार। अमायिन् अमावस्या अमावास्या अभावसो अमावासी प्रमित (वि०) १ अपरिमित | जिसका परिमाण न हो। बेहद असीम | २ श्रवज्ञा किया हुआ। तिरस्कृत | ३ अज्ञात ४ अशिष्ट-अक्षर, (वि० ) राय- वत् । कवित्व शून्य /-धाम, (वि० ) असीम कान्तिवान् । { स्त्री० ) अमावस | कृष्णपक्ष की - अन्तिम तिथि । अंधेरे पास का अन्तिम दिन ।