पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८८

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अमिन प्रसृत -ओजस्, (वि०) सर्वमान-तेजस्- | अमूर्त (वि० ) आकारशून्य । अशरीरी | शरीर द्युति, (वि०) असीम महिमा या कान्ति वाला । विक्रमः, ( पु० ) १ असीम पराक्रमशाजी । २ विष्णु का नाम । रहित (गुण (पु० वैशेषिकदर्शन में गुह को अशरीरी माना है। यथा धर्म अधर्म। अमूर्तः (पु०) अवयव रहित । २ वायु । अन्तरिच ! धाकाश | ३ काल ४ दिशा । २ आत्मा। ६ शिव | अमित्रः ( पु० ) जो मित्र न हो । शत्रु | रिङ्क | वैरी । प्रतिद्वन्द्वी सामना करने वाला ● अमिथ्या (अन्य ) झुठाई से नहीं सचाई से। अमिन् (वि० ) बीमार रोगी। [1] प्रमूर्ति (वि० ) आकाररहित । जिसकी कोई अलि ( न० ) १ सांसारिक भोग पदार्थ विलास । प्रमूर्तिः (पु० ) विष्णु | (स्त्री० ) धमूर्तिता: शक्ल शक्क न हो। का या आकार का न होना। २ ईमानदारी सचाई | ३ मांस | गोश्त । माम् ( न० ) कष्ट । क्लेश पीड़ा चोट | अमीवा ( स्त्री० ) ३ रोग बीमारी | २ तकलीफ कष्ट भय । अमुक (सर्वनामीय विशेषण ) फलां | ऐसा ऐसा जब किसी वस्तु विशेष या व्यक्ति विशेष का नाम लेना अभीष्ट नहीं होता और उसको निर्दिष्ट किये का प्रयोग किया जाता है 1 1 " 1 प्रमुक्त ( दि० जो मुक्त न हो । बँधा हुआ। बंधन में पढ़ा हुआ जिसे छुटकारा न मिला हो। बह -हस्त (वि० लोभी। कंजूल किफायतशार. अमुकम् (न०) हथियार ( यथा तलवार, छुरी जो फेंककर न चलाया जाय। हाथ में पकड़े ही पकड़े चलाया जाय। ) [ मोर का न मिलना। प्रमुक्ति (स्त्री० ) स्वतंत्रता या मोत का प्रभाव अतः (अन्य ) १ वहाँ से | यहाँ । २ स स्थान से ऊपर से ३३ परलोक में अगले जन्म में। ४ वहाँ । विना काम भी नहीं चलता, तव उस वस्तु था |ध्यमृत ( वि० ) १ जो मृत न हो । २ अमर | व्यक्ति का नाम न लेकर उसके बजाय इस शब्द ३ अविनाशी अविनश्वर --- 1 दीधितिः, की उपधियाँ । 1-

शुः कः, - द्युतिः, - रश्मिः, (g० ) चन्द्रमा -अन्धस्, अशनः, आशिन, (५०) जिसका भोजन अमृत हो । देवता । अवि नाशी । ब्राहरणः, (पु०) गरुड़ का नाम -- उत्पन्ना, ( स्त्री० ) मक्खी।-उत्पन्नम्, उद्भवम् (न०) एक प्रकार का सुर्मा -कुण्डम् (न० ) पात्र जिसमें अद्भुत हो। गर्भ: (पु० ) व्यक्ति गतमा २ परमात्मा । ~तरङ्गिणी (स्त्री०) चाँदनी । जुम्हाई |--! - द्रव (वि० ) मृत बहाने या चुत्राने वाला द्रवः ( पु०) अमृत की धार -धारा (खी०) छन्दविशेष वृत्त विशेष | इस वृत्त में चार चरण होते हैं और प्रथम पद में २०, दूसरे में १२, तीसरे में १६ और चाये में अक्षर होते हैं। २ अमृत की धारा-पः (पु०) १ देवता । २ विष्णु का नाम | ३ शराब पीने वाला । फला, ( स्त्री० बन्धु (पु०) देवता २ घोड़ा या चन्द्रमा १ -भुज, ( पु० ) अमर | देवता ~भू, ( वि० ) जन्म मरग्य से मुक्त -मन्थनम्. ( न० ) अमृत निकालने के लिये समुद्र का मंथन ।-रसंः, सं० श० कौ – ११ । द्राक्षा का गुच्छा- 1 Tem - 1: अमुथा (अव्यया० ) इस प्रकार यों उस प्रकार | अमुष्य ( सम्बन्ध कारक ध्यदस्) एक ऐसे का । --कुल, (वि० ) एक ऐसे कुल का --कुलम्, ( न० ) एक प्रसिद्ध कुल्ल या वंश का '-- (पु०) - पुत्री (स्त्री० ) अच्छे या प्रसिद्ध वंश में उत्पन्न पुत्र या पुत्री | अमृदूश ( (वि०) [ स्त्री० -- अमूदूशी, अमृद्वती] अमूदृशे श्रमूद्वक्ष इस प्रकार का इस जाति या प्रकार का। अमूल 2 ( वि० ) बेजड़ । निर्मूल । असत्य । अमूलक ) मिथ्या | प्रमाणशून्य जिसका कोई प्रमाण या आधार न हो। अमूल्य (वि० ) अनमोल । वेशक़ीमती । बहुमूल्य | लम् (न० ) एक सुगन्निवत वास विशेष | नजद उशीर खस 4