पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७५७

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वाच गंगा श्रादमी | युद्धं (= वयु) जयानी खड़ाई गरम बहस या वादविवार ।- - घजू, (= वाबजू: ) ( १० ) शाप | अकोसा २ कठोर शब्द । --विदग्ध, (वाग्विदग्ध) वाक- में 1-विधा, (= वाग्विदग्धा ) ( स्त्री० ) मधुरभाषिणी या मनोमोहिनी टी1 --- विभवः, (वाग्भः) विलासः ( पु० ) वर्णन करने की शक्ति (= विनासः ) गौरवमयी वादी ।-ध्यव हाः (= वायवदारः ) ( पु० ) मौखिक नवविवाद अयानी वहस ---व्यापास ( पु० ) (= वाण्यापारः [१] [ोजने की शैली या ढंग संयमः, (पु० ) (= वाकूसंयमः) वाणी का नियंत्रण | ( ७५० वाचः (पु०) मधुसी २ मदन नामक पौधा वाचंयम ( वि० ) जवान वन्द रखने वाला मौनी । वाचंयम: (पु० ) मौन रहने वाला मुदि वाचक ( वि० ) बताने वाला कहने वाला। सूचक i व्याख्याता | वास: ( पु० ) १ बक्ता १२ व्यक शब्द पाठक पाठ करने वाला ४ संदेसा जाने वाला। क्रासिद चूरु वाचनं ( न० ) १ पाठ २ घोपया कथः । वाचनकं ( म० ) पहेली। वाचनिक (पि० ) [स्त्री०- वासनिकी ] मौखिक १ याचिका शब्दों द्वारा प्रकटित ) वाचाल ( बि० ) बकवादी | स्पर्थ बकने वाला वाचिक (वि० ) [ स्वी०- वाचिकी, वाचिका ] 9 - वाजीकरणा वाणी से किया हुआ। शाब्दिक वाणी सम्बन्धी ३ मौखिक । वात्रिकं (न० ) १ ज़बानी संदेसा । भौखिक सूचना । २ समाचार | संवाद | ख़बर वाचोयुक्ति (वि ) धाकूषटु । चाचोयुक्तिः ( श्री० ! घोषणा | वयान | 1 चाच्य (वि०) १ कहने योग्य जो कथन में धावे । २ शाब्दिक सङ्केत द्वारा जिसका योध हो। ३ अभिधेय ४ तिरस्करणीय दोषी ठहराने लायक --वर्जू. ( न० ) कठोर शब्द | ( वाच्यं ( न० ) १ कलङ्क | भर्त्सना निन्दा | २ अभिधा द्वारा बोधगम्य २ विधेय ४ क्रिया का वाच्य ( किया दो प्रकार की मानी गयी है। कर्म- वाच्य कर्तृवाच्य) 1 1 चाज्ञः (पु०) १ बाजु । २ पर | हैना ३ तीरं में लगे हुए पर युद्ध संग्राम २ ध्वनि | नाद । वार्ज (न०) १ घी २ श्राद्धपिण्ड | ३ भोज्य पदार्थ | ४ जल | ५ वह स्तव या मंत्र जिसको पढ़ कर कोई यज्ञ समाप्त किया जाय-पेयः (g० ) -पेयं, ( न० ) एक प्रसिद्ध यश, जो सात श्रौत यशों में पाँचवों है |~~सनः, ( पु० ) १ श्रीविष्णु भगवान का नाम २ शिव /~-~समिः ( पु० ) सूर्य वाजसनेयः ( पु० ) याज्ञवल्क्य का नाम । [ग्रह ऋऋषि वे हैं, जिनके नाम से शुजुर्वेद की वाजसनेयी संहिता प्रसिद्ध है।] वाचस्पतिः ( पु० ३. "दाणी का प्रभु”, देवगुरु | वाजसनेविन ( पु० ) १ याज्ञवल्क्य ऋषि का नाम । बृहस्पति की उपाधि | २ शुक्लयजुर्वेदी । वाचस्पत्यं ( म० ) वाक्पटुता । भाषण्य उभास्वर से | वाजिन ( पु० ) १ घोड़ा | २ सीर । ३ पक्षी । यजुर्वेद की वाजसनेची शाखा वाला।२ शुक्र यजुर्वेदी । - मेघः, ( पु० ) अश्वमेध यज्ञ ~~शाला, ( स्त्री० ) अस्तबल सुनाई हुई वक्त ता वाचा ( सी० ) १ वाणी २ वाक् | वचन १ शब्द | ३ सिद्धान्त स्मृति या श्रुतिवाक्य ४ शपथ | वाचाट ( वि० ) वासूनी बकी | 1 चाजीकर (वि० ) मनुष्य में वीर्य और पुंसव की वृद्धि करने वाला वाजीकरणः (पु० ) आयुर्वेदिक वह प्रयोग जिससे मनुष्य में वीर्य और पुं सरव की वृद्धि होती है।