पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७५८

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वांड वाइल ( ७५ ) वांद्र ( घा० प० ) : वांनि घांन] वाणिजः ( 5 ) वाकू चाहना इच्छा करना कामना करना । वांद्रनं {( स० ) थाल्छा ! अभिलाषा । कामना ! चां वाञ्छा वांचित चाव्दित) । ( ० ) इच्छा श्रमिलारा मावि । ब० इ० ) चाहा हुआ। अभिलषित | ( ० ) कामना । इच्छा ०) १ चाहने वाला वाज्दिन् ) वाला इच्छा करने वाला कामुक F अभिलाषा कामाने २ लंपट ( वार्ड (न०) ) १ गराउदान वाट: ( पु० ) ) लतामण्डप ३ मार्ग राह| रास्ता । ४ कमर कटि । कुन्हा २ अनविशेष :--- धानः (पु० ) द्राणी माता और कर्महीन था नाममात्र के प्राण से उत्पन्न एक पतित या सहर जाति । वाया ( श्री० ) ) वाट्यालः ( पु० ) चाट्याजी (स्त्री०) ) 1 वाटिका ( खी० ) फुलवगिया २ वह भूखण्ड जिस पर कोई हमारत या भवन खड़ा हो । घाटी (स्त्री० ) १ वह भूखण्ड जिस पर कोई भवन खड़ा हो । २ घर डेरा ३ थाँगनं सहन । घेरा ४ बाग़ | उपवन | कुक्ष | ४ मार्ग | सड़क। ६ कमर कटि । अनाज विशेष | चाडवः ( ५० ) १ वाडवानल | २ ग्राहाया। वाडवं ( न० ) घोड़ियों का समुदाय अमः,


अनलः ( पु० ) बाडवानल |

नाम का पौधा 1 वाड् (धा० श्रा० ) [ पाडते ] स्नान करा गोता लगाना । वाडवेयः (दु० ) सौंद D वाडवेयो (द्वि० श्च ० ) अश्विनीकुमार । वाडव्यं ( म० ) ब्राह्मण समुदाय वाणि: (स्त्री० ) सुनन। चुनावट | २ करवा | 1 TONTTI REED SHETTHETHANDRA - (श्री० 1 + वात् भा० उ० का ३. परिचर्या करना | ४ कि कि त्राम मंत्र व्यापार 1 २ नृत्यको शराब के नशे में चूर स्त्री वारियो श्री । नाच २ माद | न स्त्र २ अन्य साहि प्रशंसा ६ सरस्वती देवी । 4 . ) [ वातयति चानयत ] | २ हवा करना पंसा करना । करना: २ जाना। I वान (व० ० ) मिति याचित वात बारहसिंगा सूर्य के जोड़ों में से एक --पु०) धरडकोय का रोग विशेष + - ( न० ) पता नः ( ५० ) घोड़ा।घायनं, (ल० ) १ खिड़की | सरोसा | रोशनदान २ बरसाती घर के दरवाज़े के आगे की पढ़ी हुई जगई। ३ फर्श | गन । यु ( पु० ) बारहसिंगा । -अश्वः, ( पु० ) सेज़ घोड़ा:-प्रामोदा ( स्त्री० ) मुरफ | कस्तूरी। --आलिः (स्त्री०) वरात (वि०) १ वायु से तादिन । यि से ग्रस्त - आहतिः ( श्री० ) पवन का प्रचण्ड फोका 1-द्धिः वायुद्ध ३ गदर | काठ का ढंडा | लोहे की मूंद वाली बड़ी-कांने, (न०) अपान बायु निकलने की किया | कुइलिका) मूत्र रोग विशेष जिसमें रोगी की पेशान करने में पीड़ा होती है और बूंद बूंद करके पेशाब निकलता है 1 - कुम्भः, ( पु० ) हाथी के मस्तक का भाग विशेष - फैनु: ( पु०) भूल फैलिः (पु०) के दाँतों या या हुआ फूंका हुधा | २ is १ प्रेमरसपूर्ण झालाप २ उपपति नखों का घाव :- गुल्मः ( ० ) गठिया ज्वरः, (पु० ) वातज्वर अँधड़ | २ --ध्वजः, ( पु० ) यादव पुत्रः (g० ) १ हनुमान | २ भीम-पौधः-पोथकः ( पु०) पलाश बुद्ध/- प्रमी. (पु० स्त्री० ) तेज दौड़ने वाला