पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७५६

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

P वागुरा वागुरा ( स्त्री० ) फंदा । जाळ । लासा । वृत्तिः, { स्त्री० ) अंगली जीवों को पकड़ कर आजीविका करने वाला /-वृत्तिः, ( पु० ) बहेलिया | बधिक । ( ७४६ ) वारिक ( पु० ) बहेलिया | चिड़ीमार | हिम्न एफ. दने वाला : वाग्मिन् (वि०) १ वाकपटुता | वाग्मिता | २ बानूनी ३ बहुवाक्य (क पटु मनुष्य २ वृहस्पति का नाम । चाग्य (वि० ) १ कम बोलने वाला बोलते समय सावधानी करने वाला २ अवार्थ या सत्य कहने वाला । वाग्यः (पु० ) लज्जाशीलता । विनम्रता । चांक: ( पु० ) समुद्र । 4 वां (धा०प० ) [ चांक्षति ] अनिलाया करना । इच्छा करना । वाड्मय (वि० ) [स्त्री०-वाङ्मयी ] १ शब्दमयी : २ वाक्यात्मक वचन सम्बन्धी ३ वाणीसम्पन्न । ४ वाकपटु । . चाङ्मयं ( म० ) भाषा वाणी २ वाकपटुता । ३ अकार शास्त्र | वाङमयी (०) सरस्वती देवी । वाच ( सी० १ शब्द ध्वनि वाणी कहावत | कहतून ३ बयान | ४ वादा २ सरस्वती का नाम -अर्थः, भाषा २ इकरार ( ० ) (= वागर्थः ) शब्द और उसका धर्म आई- B | बहु 2 1 i वरः, (= वागाडम्बरः ) वहुवात आस्मन् (= वागल (दि०) शब्दों से सम्पन्न । -रेशः (= वागोशः ) (go) १ वाग्मी | वा २ बृहस्पति का नामान्तर १ असा । -ईश्वरः, (वरः ) - पढ़। बा-ईश्वरी ( श्री० ) सरस्वती 1-- ऋषभ (वा) ( दु० ) वाकपटु या विद्वान पुरुष कलहः (= वाकलह ) झगड़ा | टंटा वाक्युद्ध-कीरः (= वाकीरः) C . ww वाच् ( 3० ) पर्वा का भाई । साला 1-1 -शुद (= []) ( पु० ) प विशेष सुि -गुलिकः = वायुतिः = वालिका ) ( पु० ) राजा का वह अनुचर यो उनको पान का बीपि. (वि०) (= वाकू- चपल) की बानूनी-फुलं = वाकवली वावृती चालाकी 1-जातं (=वाजा ) न) कोरी बातचीत 1 ( उ० ) : चिकार ) २ वाकसंयम - दत्त (वाग्दस ) प्रतिज्ञान :- दवा. (सी० ) (=ता ) सगाई की हुई धारी लड़की :- वलं, (व - दानं, (२० ) ( [=]वादानं ) सगाई | मंगमीट (वाट ) ( वि० ) गाली गलौज से भरा हुआ। यह जो व्याकरण के नियमों के विरुद्ध अशुद्ध भाषा का प्रयोग करे दुः, (= ) ( पु० ) निन्दक बढ़ माझा जिसका यज्ञोपवीत समय पर न हुआ 1 हो -देवता, देवी (=वाग्देवता, वाग्देवी) (स्त्री०) सरस्वती देवी-दाः (=दोषः) ( पु० ) गाली | निन्दा व्याकरण विरुद्ध निवन्धन, ( वि० ) शब्दों पर निर्भर रहने वाला :--निश्चयः, (नः ) सगाई!-निष्ठा, (= वादा) वचनपालन | - वि० ) ( वाक्पट्ट ) वाकनैपुण्य | -- ( 3० ) (=षाकूपनि: ) बृहस्पति | -पारु (५० ) (द) कठोर शब्द | गाली गलौज निन्दा---प्रोवनं (०) (= वाक्प्रवादनं ) आज्ञा भाषा [3] 2 - ( पु० ) | फटाफ आरोप प्रलापः, (= वाकलापः) वाक्पटुता - मनसे (द्विव चन) (= वामसी) वैदिक ) वासी और मन - सात्रं, (= वाइमा ) ( म० ) शब्द मात्र मुखं वाङ्मुखं ) (न०) भूमिका | - थल, ( वाग्यत ) मौन था वह जिसने अपनी ereी को वश में करना हो यमन (= वाग्यमः) वाणी को संयम में करने वाला। ऋषि मुनि (~यामः, (= वाग्यामः ) ( पु०)