पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७५४

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वसुकः, वसूकः का का नाम । ६ एक वृक्ष । ७ एक कील या सरोवर | ८] लगाम | रास | ३ हल के जुड़ की जोत की रस्सी या गाँठ । १० बागडोर ११ किरन । १२ सुर्य । ( स्त्री० ) किरन -ग्रौकमारा ( स्त्री० ) १ इन्द्र की अमरावती पुरी का नाम ' २ कुवेर की अलकापुरी का नाम । ३ यमरावती और अलकापुरी में बहने वाली एक नाम --- कृषिः, कोट: ( ५० भिक्षुक भिखारी :-दा, (स्त्री० ) पृथिवी | शमीन | -- देवः ( पु० : श्रीकृष्ण के पिता का नाम । देव ( पु० ) श्रीकृष्ण 1-देवना, - नव्या (स्त्री०६ धनिष्ठानसत्र !---धर्मिका ( स्त्री० : बिल्लौर |धा (स्त्री०) १ पृथिवी जमीन – धारा, भारा (स्त्री० ) कुबेर की राजवानी 1-प्रभा । स्त्री० ) अग्नि की सात जिह्वाओं में से एक का नाम । - अणः, ( १० ) अभिदेव ।—रतस् (पु०) अनि । - श्रेष्ठं, (न०) बनाया हुआ सोना | चांदी - :: (पु० ) कर्ण का नाम स्वनी ( स्त्री० ) कुबेर की नगरो का नाम. B वसुः ) ( पु० ) धर्क का पौधा | मदार । वसूकः श्रीया | वसु (२०) समुद्री निमक : २ पशु व्ववण | हे । सार लवण | ( ७४७ ) ( स्त्री० ) धरा पृथिवी . वसुंधरा वसुन्धरा वसुमन् (वि० ) धनी | धनवान | वसुमती (स्त्री० पृथिवी वसुन्न: ( पु० ) देवता। वसूरा (स्त्री० ) घेश्या। रंडी | व ( ० ० ) [ चस्कते ] जाना चलना। वस्य देखो वकय चस्की देखो वकणी । वस्कराटिका ( स्त्री० ) बीड़ी | वस्तू ( घा० उ० ) [वस्तयति-वस्तयते] 1 घायल करना | मार डालना | २ माँगमा याचना करना | ३ चलना | जाना । वस्तं ( न० ) वासा | डेरा : वस्नन वस्तुः ( पु० ) बकरा । वस्तकं (न० / बनावटी दिमक | वस्तिः (पु० स्त्री० ) १ पास रहन । उहराव | २ तरेट | पेट का नाभि के नीचे का भाग | ३ कोख चखां पेड़ ४ सूत्राशय । ५ पिचकारी --मलं (न०) सूत्र | पेशाब - शिरस् नि० ) पिचकारी की नली, गोधनं (०) मूत्राशय ग्राफ करने बाजी दवा : वस्नु ( न० ) १ वह जिसका हो। यह जिसकी सत्ता हो। यह जो सचमुच हो । २ धन दौलत | सारवानवस्तु । वास्तविक सम्पत्ति ३ वे साधन या सामग्री जिसमे कोई चीज़ बनी हो । ४ किसी नाटक का कथानक किसी काव्य की कथा | 4 किसी वस्तु का सार ६ खाका ढाँचा | प्लान/अमावः ( पु० ) १ वास्तविकता का साहित्य | २ धन सम्पत्ति का नाश - रचना, ( स्त्री० ) शैली। क्रम वस्तुतसू ( अध्यय) 1 दरहकीकत | दरअसल में वस्तुगत्या अवश्य । वस्थं ( न० ) घर वास्तव में | वासा | डेरा । व ( न० ) १ - कपड़ा | २ पोशाक | परिच्छद | गारः गारं, गृहं ( न० ) खेमा । तंबू क्रमात अंचलः, - अन्तः, (पु० ) कपड़े की गोट | माजी | संजाफ ( न० ) १ तंबूत-प्रन्थिः (पु० ) धोती की गाँठ जोनाभि के पास लगती है। नयी | नाड़ा | इजारबन्द - जियोजकः ( ० ) धोबी-परिधानं, ( म० ) पोशाक पहिनना : -पुत्रिका, ( स्त्री० ) न (वि०) कपड़े में चुना हुआ। -भेदकः, -भेदिन, ( पु० ) वर्जी ! ~ योनिः, ( पु० ) रुई था जिससे कपड़ा बना हो ! - रञ्जनं, (न० ) कुसुम का फूल वस्नं ( न० ) १ भाड़ा मजदूरो ( मजदूरी के अर्थ में यह शब्द पुलिङ्ग में व्यवहत होता है।) वस्त्र | २ चमड़ा | २ घास ३ घन ४ बसन ६ मूल्य ७ मृत्यु वस्ननं ( म० ) पढ़का | कमरवंद । करधनी ।