पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७२५

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ललित I ललित (वि० ) १ क्रीड़ासक खिलाड़ी | २ कामुक भोजन ३ मनोहर | सुन्दर ४ मनोमुग्धकारी। प्रिय उत्तम २ अभिपत ६ कोमल सीधा ७ कपकपा । हिलता डोलता हुआ। ललितं ( न० ) १ खेल | कोड़ा | २ आमोद प्रमोद | द्वार रस में कायिक हाव या अन्वेष्टा जिसमें सुकुमारता के साथ भी, आँख, हाथ, पैर आदि अंग हिलाये जाते हैं | ३ सौन्दर्य मनोहरता | ४ कोई भी स्वाभाविक क्रिया २ भोलापन | अपन-अथ ( वि० ) जिसका सुन्दर अर्थ हो-पद (वि० ) जिसमें सुन्दर पद या शब्द हो। प्रहारः, ( पु० ) प्यार की थपथपी । ललिता ( श्री० ) रमणी । २ स्वेच्छाचारिणी । स्त्री | ३ सुरक। कस्तूरी | ४ दुर्गादेवी का रूप | ५ | अनेक प्रकार के वृत्त पञ्चमी ( श्री० ) आश्विन शुक्का पंचमी जिसमें ललिता देवी का पूजन होता है। ~~सप्तमी, ( स्त्री० ) भाद्रमास के शुद्ध | ! पक्ष की सप्तमी । जसिका खारी जल-शाकरः ( पु० ) १ निमक की खान | २ खारीजल का कुछ अर्थात् समुद्र । (०) सौन्दर्य की या सलोनेपन की खान । - श्रालयः, ( पु० ) समुद्र । -उत्तमं ( न० ) 2 सेंधा ननक २ सोरा उदः ( पु० ) १ समुद्र । २ खारीजल का समुद्र - उदक- उदधिः (१०)-जलः (g०) समुद्र --मेहा, ( पु० ) प्रमेह का एक भेद । समुद्रः ( पु० ) खारी जल का समुद्र 1. 1- लवां (न० )सिक २ बनाया हुआ निमक विशेष | लवंगे । जय } ( न० ) लवंग का पौधा । ( ७१८ ) लवणः ( पु० ) १ निमकीन स्वाद | २ खारी जल का समुद्र ३ मधुदैत्य का पुत्र लवणासुर ४ नरक विशेष जवदा ( स्त्री० ) दीसि। आभा सौन्दर्य | जवणिमन् ( 30 ) १ निमकीनपना | २ सलौनापन | सौन्दर्य | 4 लवं (न०) १ लॉग | लवंग । २ जायफल | नातीफल | लवं ( धन्यया० ) अत्यन्त अल्प परिमाण । लवः ( पु० ) १ कढाई । २ पके हुए अनाज की कटाई । ३ विभाग टुकड़ा। खण्ड ४ परिमाणु इतरा। बंद | बहुत थोड़ी मात्रा | २ऊन | केश ६ क्रीड़ा | ७ काल का एक मान ८ भिन्न के ऊपर की राशि ( गया है। इसमें ४ की संख्या लब है ) ६ लग्नांश १० विनाश ११ श्रीरामचन्द्र जी | लशुनः (पु० ) के एक पुत्र का नाम | लशून: ( पु० ) लशुनं (न० ). जशूनं ( न० ) लवनं ( न० ) १ लुनना । ( अनाज का ) काटना । २ हंसिया | 1 लवली (स्त्री० ) लता विशेष हरफोखरी नाम का वृष विशेष | लविनं ( न० ) हंसिया । लशू (घा० उभष० ) [ लशयति, लशयते ] किसी कलाकौशल को सीखने का अभ्यास करना। वहसुन। लष् ( घा० परस्मै’ ) १ अभिलाष करना । चाहना | 1 लयंगः ) ( यु० ) लौंग का - कलिका (०) लपित ( व० ऋ० ) अभिलषित । चाहा हुआ । जवङ्गः ) लॉग | लवंगर्क लध्वः ( पु० ) नट अभिनयकर्त्ता | नन्चैया लवङ्गकम् } ( म० ) लॉग । लस् (धा० परस्मै०) [जसति, लसित] १ चमकना । २ निकलना उदय होना प्रकट होना। ३ प्रालि । इन करना ४ खेलना । नाचना | भटकना लवण ( वि० ) ३ निमकीन खारा २ सलौना | सुन्दर प्रिय। मनोश | अन्तकः (पु०) शत्रुघ्न । -अब्धिः, (पु०) खारी समुद्र-अम्बुराशिः | लसा ( स्त्री० ) १ केसर | २ हल्दी (पु०) समुद्र -अम्मस्. (पु०) समुद्र (न०) | जसिका ( स्त्री० ) थूक । क्षार