पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७२६

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लसित लाट लक्षित ( ८० कृ० : खेदा हुआ। प्रकट हुआ || लांघ (०० ) [ arer ] समान होना। 1 शदुर्भूतु । पर्याप्त होना। लसीका ( स्त्री० ) लार थूक लस्ज् (धा० आत्म०) [ लज्जते, लज्जिन ] शर्माना। खजाना | लस्त (वि० ) १ आलिङ्गित । २ नियुख | दक्ष । लस्तकः (g० ) धनुष का मध्यभाग लस्नकिन (पु० ) धनुष कमान | लहरिः । लहरी ला (धा० परस्मै० ) [ जाति ] लेना पाना । प्राप्त करना| ले लेना। लाक्षणिकः ( पु० ) पारिभाषिक शब्द | लाक्षराय ( वि० ) १ लक्षण सम्बन्धी १२ लक्षा जानने या बतलाने वाला लात्तिक ( वि० ) [ बी० सम्बन्धी | लाख का का २ लाख सम्बन्धी लाघवं ( ३० ) १ - लाता (स्त्री० ) १ लाख २ वह कीड़ा को लाख उत्पन्न करता है। --तरुः - वृत्तः ( ० ) | पलास | दाक रक्त, ( वि० ) लाख के रंग में रंगा हुआ ।-~~-प्रसाधनः ( पु० ) लाख | लोध } वृक्ष | ३ विचारहीनता | चिकत्ता लाख ( धा० परस्मै ) [ लाखति ] 1 सूख जाना। २ सजाना | ३ काफी होना ४ देना। ५ रोकना जामुद्रिक देखो लाकुटिक । | गिरस्कार ग

2 तेज़ी| जीता। तत्पर म विपयों की पारदर्शिता । १ संचित | लाकुटिक ( वि० ) [ स्त्री० -लाकुटिकी ] लद्वैत । लाठी धारण किये हुए। लाकुटिकः ( पु० ) सन्तरी । पहरेदार | लाक्षकी ( श्री० ) सीताजी का नाम । लाक्षणिक (वि० ) [ खी० वह जो - लाक्षणिकी ] १ लांगलीपा लक्षणों का ज्ञाता हो। लक्षण जानने लागतीपा । ( श्री० ) हल का खट्टा हरिस । वाला । २ जिससे लक्षण प्रकट हो । पू गौणार्य | लांगुलम् } (न०) १ पूंछ | २ लिङ्ग । जननेद्रिय१ चाची ४ गौष शपकृष्ट । ५ पारिभाषिक । ) २ हलकोपन | २ असम्मान | लांगलं ) (२०) हल | २ हल के आकार का लाङ्गलम् शहतीर ला ३ ताड़ का वृक्ष 7 ४ गिरन । लिङ्ग २ दुष्प विशेषग्रह (०) हलवाना-दण्डः, (५०) हल का लड़ा। हरिस -ध्वजः, (पु० ) बलगमजी का नाम । - -पद्धतिः. ( श्री० ) हल की दाल । लांगलिन् ) ( पु० (इति) . | हलाई | लीक फालः (०) लाक्षिकी ] १ लाख बना हुआ। लाखी रंगानं जी का नाम २ का पेर ३ सर्प ! लागली } (स्त्री० ) नारियल का वृद्ध । लांगूलिन ( ५० ) बंदर } • लंगूर लि)

लाजू ) ( धा० परस्मै० ) [ लाजति, जांजति ]

लांडू लगाना | धिकारना । २ भूनना | राना । लाजः ( पु० ) भींगा अनाज लाजाः (पु० ) ( बहुवचन ) भुना हुआ धनाज | लांड़ ) (चा० परस्मै० ) [ लांइति ] १ चिन्हित लालू करना । २ सजाना । } लांडूनं ) ( न० ) १ चिन्ह | निशान ५ का चिन्ह | २ नाम ३ संज्ञा | धव्या लाहन चन्द्रजान्छन । २ भूसीमा लांन्ति ) ( 5०१ चिन्हित १२ नामक | ३ लावित ) सजा हुआ | ४ सम्पन्न । जाट (पु० बहुवचम० ) एक देश विशेष का नाम और उसके निवासी । पहचान ३ दृारा ।