अप्रकाशम् अप्रकाशे प्रकाशम् (अन्यथा०) चुपके से गुपचुप ध्यप्रकृत ( वि० ) समुख्य अप्रधान २ विषय से भिन्न अकृतम् ( न. ) १ बनावटी | २ झूला अमगम ( वि० ) इतनी तेज़ी से जाने वाला कि अन्य लोग पीछे न चल सकें। अप्रासङ्गिक । उपमान नैमितिक । अस्वाभाविक | अमगल्भ (वि० ) १ असाहसी । शर्मीला । शीलवान् 1 २ अौड़ ३ नियम। डीजा। सुरत श्रमण (वि० ) व्याकुल । प्रकृष्ट गुणहीन | अमज ( वि० ) १ सन्तान रहित । सन्ततिहीन । २ अनुपा ३ जो ( स्थान या घर) बसा न हो। जहाँ बस्ती न हो। अप्रजस् । ( वि० ) १ सन्तति हीन । जिसके कोई श्रमजतो | धौलाद न हो। अप्रजाता ( स्त्री० ) बन्ध्या स्त्री | प्रतिकर्मन (वि० ) १ ऐसे कर्म करने वाला, जिसकी बराबरी अन्य कोई न कर सके । २ अनिवार्य | प्रति प्रवल । अप्रतिरोधनीय | अप्रतिद्वंद्व २(वि० )जन अप्रतिद्वन्द्व ) हो । अजेय । २ बेजोड़ । अप्रतीत प्रतिभ (वि० ) १ शीलवान | लज्जालु । २ प्रतिभाशून्य उदास ३ स्फूर्ति रहित सुस्त । ४ मतिहीन निर्बुद्धि | अप्रतिभट ( वि० ) जिसका सामना करने वाला कोई न हो। बेजोड़ । ● अप्रतिभः ( पु० ) ऐसा योद्धा जिसके सामने कोई खड़ा न रह सके। अप्रतिपक्ष ( वि० ) : अप्रतियोगी । विपक्षीशून्य । शत्रुरहित २ असदृश | श्रप्रतिपत्ति ( स्त्री० ) १ अस्वीकृति । प्रकृति । २ उपेक्षा | ३ समझदारी का अभाव ४ दृढ़ विचार शून्यता गड़वदी। विह्वलता। प्रतिबन्ध ( वि० ) १ रुकावट का न होना | स्वच्छ- म्दता २ विवादरहित । विना झगड़े का । अप्रतिबल ( वि० ) अजेयशक्तियुक्त वह मनुष्य जिसके समान थली दूसरा न हो। अप्रतिम (वि० ) जिसकी तुलना न हो सके। बेजोड़ असदरा असमान अप्रतिद्वन्द्वी । व्यतिरथ (वि० ) ऐसा धीर योद्धा जिसके समान दूसरा वीर योद्धा न हो। बेजोड़ वीर योद्धा । प्रतिस्थः (पु० ) विष्णु अप्रतिरथम् ( म० () १ युद्ध की यात्रा २ युद्धार्थ यात्रा के लिये किया गया मङ्गलाचार | ३ सामवेद का एक भाग अप्रतिरव (वि० ) विवादरहित । जिसके सम्बन्ध में कोई झगड़ा न हो। अप्रतिकार ) (वि०) १ जिसका कोई उपाय या तद्- अप्रतीकार वीर न हो सके। लाइलाज । असाध्य । २ जिसका कोई बदला न दिया जा सके। अति ( वि० ) १ अभेद्य | अजेय | २ जो नष्ट न ध्यप्रतिवीर्य (वि० ) वह जिसके समान शौर्य या परा क्रम किसी अन्य में न हो अथवा जिसके शौर्य या पराक्रम की समानता अन्य न कर सके। किया जा सके। अरे हटाया न जा सके। जो दूर | अप्रतिशासन (वि० ) जिसका शासन में दूसरा कोई न किया जा सके। ३ कोधी । शान्त | 1 ३ प्रतिद्वन्दी न हो। एक हो शासन में रहने वाला। रूप (वि० ) जिसके समान रूप वाला कोई न हो। अद्वितीय अनुपम जिसकी तुलना न हो सके। -कथा, (स्त्री०) ऐसा वचन जिसका उत्तर न हो। उत्तरहीन वचन | प्रतिष्ठ (वि० ) १ अस्थायी विनवर | २ जो लाभप्रद न हो। निकम्मा ध्ययें | ३ अपकीर्तिकर अप्रतिष्ठानम् (न० ) अनस्थिरत्व प्रौदता या खता का अभाव | अबाधित। निर्विज्ञ अजेय 1 अप्रतिहत (वि० ) २ श्रावावरहित ३ बलवान । जो नियंत न हो। ४ जो हतोत्साह न हो।-नेत्र (चि० ) जिसके नेत्र निर्बल न हो । अतीत ( वि० ) १ जो प्रसन्न या हर्षित न हो। २ जिसकी बात समझ में न आवे । अस्पष्ट शब्द न दोष विशेष | सं०० कौ8
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