पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६३३

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भ्रमरक मधुमक्षिका द्वारा विन 1-मराडलं, (न० ) : अमर था नधुमक्षिकाओं का दल भ्रमरकः ( पु० ) मधुमक्षिका २ भँवर | समरकं ( स० ) | माथे पर लटकने वाली ट भ्रमरकः ( ० ) या थलक। २ कोड़ा के लिये गेंदा | ३ लहू । विगी। भ्रमरिका ( श्री० ) चारों ओर भ्रमण करने वाली ग्रामः ( स्त्री० ) १ चक्कर खाना घूमना । २ कुम्हार का खाक ३ खराड़ी की खराद ४ भँवर । ५ देवों का चक्षर | वक्रदर ३६ गोलाकार सैन्य व्यूह | ७ भूल | रावती | भ्रश (देखो) भ्रंश | 1 भ्रंशिमन् (पु० ) प्रचण्डता आधिक्य उग्रता भ्रष्ट ( व० १० ) १ गिरा हुआ। २ पतित ३ भूला भटका | ४ वियोजित | निकाला हुआ। २ चीण। | भ्रातृक (वि० ) भाई सम्बन्धी । बरबाद १६ खोया हुआ | ७ दुराचारी बदचलन | -अधिकार ( वि० ) बरखास्त किया हुआ | किसी पद या अधिकार से निकाला हुआ - भ्रात्रीयः किया, (वि० ) कर्म को छोड़े हुए। -योगः, प्रात्रेयः ( (इ० ) भाई का पुत्र भतीजा | ( go ) धर्मव्युस । धर्म से किया हुआ | भ्राम्यं ( न० ) भाईचारा । आतृभाव । भ्रस्ज ( धा० उभय० ) [ भुज्जति, सृष्ट ] भूनना। अकोरना । भ्राजू ( धा० भाष्म० ) [ भ्राजते ] १ चमकना । S धूमकना । भ्राजं (न० ) एक प्रकार का साम औ गवामयनसय में विषुव नामक प्रधान दिन में गाया जाता था। म्राजः (१०) सप्तसूर्यों में से एक का नाम । भ्रातिमत् भ्रम्तिमत् a ३ समीपी सम्बन्धी | ३ सगा | नातेदार | ४ साधारणतः सम्बोधनात्मक शब्द यथा "भ्रात: कटमो” भाई ! बड़ा कष्ट है।" (द्विवचन ) भाई बहिन -गन्धि, गन्धिक, ( वि० ) नाम मात्र का भाई । ---जः, ( पु० ) भतीजा | -जा, (सी० ) भतीजी-जाया, (स्त्री० ) [ = भ्रातुर्माया भी रूप होता है। ] भौजाई। भाई की थी। -दत्तं, (न० ) वह सम्पत्ति जो भाई अपनी बहिन का विवाह के समय है।- द्वितीया (श्री० ) दिवाली के बाद की द्वितीया । भैयाज--पुनः, ( पु. ) ( भ्रातुपुत्रः भी रूप होता है।) भाई का बेटा | भतीजा / ---वधूः, (स्त्री० ) भाई की पत्नी | भौजाई । भाभी।- श्वसुरः, ( पु० ) पति का बड़ा भाई । जेठ । भसुर ।-हत्या, ( स्त्री० ) भाई का वध | भाजक (वि० ) [ स्त्री० -- भ्राजिका ] प्रकाशमान दीप्तिमान | भ्राजक ( न० ) पित्त । भ्राजथुः (पु० ) आमा । चमक सौन्दर्य | ब्राजिन् (वि० ) चमकीला । भ्राजिष्णु ( वि० ) चमकीला चमकदार | भ्राजिष्णुः ( पु० ) १ विष्णु । २ शिव । भ्रातृ (पु० ) 1 भाई | २ सगा या सहोदर भाई । भ्रातृव्यः ( पु० ) : भतीजा भाई का लड़का २ शत्रु | दुश्मन | भ्रांत ) (व० कृ० ) १ भ्रमण किये हुए | धूमा भ्रान्त ) फिरा हुआ । २ चहर खाया हुआ । ३ भूला हुआ। भटका हुआ ४ परेशान | घबड़ाया हुआ। ५ इधर उधर घूमा हुआ। ( न० ) १ अंमण | २ भूल | ग़लती । भ्रांतं भ्रान्तम् भ्रांतिः भ्रान्तिः ) ( श्री ९.) १. भ्रमण । २ चक्कर काटना । ३ धूम कर आना। ४ गलती । भूल । अम । ५ परेशानी । घबड़ाहट ६ सन्देह संशयकर, (वि० ) भ्रम में गलने वाला | -नाशनः, (पुं० ) शिव जी ।-हर, (वि० ) भ्रम दूर करने वाला । भ्रांतिमत् ) ( वि० ) १ घूमने वाला | २ भूल करने भ्रान्तिमत्) वाला | ३ कोन्यालङ्कार विशेष, जिसमें किसी वस्तु को दूसरी वस्तु के साथ उसकी समानता देख, भ्रम से वह दूसरी वस्तु ही समझ लेना निरूपित होता है।