भागिन् साडि भाशिड भागिन् ( वि० ) १ भागो या हिस्सों वाला २ हिस्से | आदिः ( स्त्री० ) १ नज़दूरी उजरग २ रविडयों वाला ३ बाँट या हिस्सा लेने वाला ४ सय की आमदनी । न्ध युक्त। ५ अधिकारी भाग पाने का कृष्ट | गौण : भागिनेयः ( पु० ) भाँजा भगिनीपुत्र । 1 > नागिनेयी ( स्त्री ) भाँजी भगिनी की पुत्री । भागीरथी (स्त्री) श्री गङ्गा | 1 मालिक । ६ जो एक अधिकारी हो ७ भाग्यवान 1 भाँग ) (वि० ) [ स्त्री - भाङ्गी ] पटसन का बना भाङ्ग ) हुआ सनिया । भौगकः भाङ्गकः ) ( पु० ) चिथदा श्रीथड़ा। भाङ्गीनम् } ( न० } पटसन का स्खेत । भाजू ( धा० उभय० ) १ बना | वितरित करना । भाज (वि० ) १ रखने वाला भोगने वाला । २ कर्तव्य जो करणीय हो । भार्ग्य ( म० ) १ प्रारब्ध क्रिस्मत २ सौभाग्य | ३ समृद्ध ४ हर्प । कुशलता (वि० ) प्राध पर निर्भर उदयः (पु० ) प्रायत्त, 1- भाग्योदय । भाग्य का खुलना । - विप्लवः (पु०) : भाकः ( पु० ) घोषणा करने वाला । निरूपण बदकिस्मती 1- बगानू, (अध्यय० ) भाग्य करने वाला। से भाग्यवश भाग्यवत् (वि० ) १ भाग्यवान् । खुशकिस्मत २ हरा भरा समृद्धवान् । भाजकः ( पु० ) भाग करने वाला बाँटने वाला। भाजनं ( न० ) १ वरतन | पात्र योग्य व्यक्ति या वस्तु पल की तौल विशेष) भाजितं ( न० ) पाँती 1 भाजी ( श्री० ) चाँवल भाई भाटकं २ बाधा । ३ ४ प्रतिनिधित्व | ६४ हिस्सा धंश माँड़ पीच | 1 अझ जिसे भाजक थङ्क से भाग दिया जाता है। ३ उत्तराधिकार। पैतृक सम्पत्ति । .
भाट्ट (पु० ) कुमारित भट्ट के मीमांसा सम्बन्धी सिद्धान्तानुयायी ( न० ) मज़दूरी | उजरत । किराया । • भाण: ( पु० ) नाट्य शास्त्रानुसार एक प्रकार का + रूपक को नाटकादि इस रूपों में से एक माना गया है। इसमें केवल एक ही अंक होता है और इसमें हास्य रस की प्रधानता होती है। इसमें वह प्रकाश की ओर देखता हुआ आप ही आप सारी कहानी उक्ति प्रत्युक्ति के रूप में कह डालता हैं, मानों यह किसी से बातचीत कर रहा हो। भाज्यं (२० ) १ अॅश भाग । पाँती । २ वह भाण्डारिन (पु० ) मालगोदाम का अधिकारी। भांडारिन् भाडं ( न० ) १ बरतन २ पेटी ट्रंक वक्स ३ कोई भी भार या यंत्र ४ बाजा २ माल । सामान सौदागरो माल ६ माल की गाँठ ७ क्रीमती माल बहुमूल्य सामान नदीगर्भ ६ घोड़े का जीन या साज १० भाइपन | मस- 1 खरापन | भांडाः ) ( go ) ( बहुवचनान्त ) माल । सामान भाण्डाः ) पगारः - आगार, ( पु० /- श्रगारं, आगारं, (न० ) मालगोदाम | मराड- रिया २ खजाना | धनागार ३संग्रह | सामान | गोलाबारूद - पतिः, ( पु० ) व्यापारी ।- पुदः, ( पु० ) नाई। प्रतिभागडकम्, ( न० ) विनिमय --शाजा, ( स्त्री० ) मालगोदाम | भांडकः ( पु० भागडकः ( पु० ) ( कटोरा । ( न० ) सौदागरी का भांडकं (न० भाण्डकम् ( न० माल । भांडारं ( न० ) मालगोदाम । भांडि: ((खी०) १ उस्तरा रखने का घर या खोल
- ) -वाहः, ( पु० ) नाई 1-शाला,
(स्त्री० ) हज्जाम की दूकान सं० शब् कौ०७३