पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६१५

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सपना भषगा ( पु० ) कुत्ता भया ( म० ) कुत का भूकना कुछ का गुरुंना भसद् (पु० ) : सूर्य | २ गोरत ३ बतक विशेष समय ५ मेरा घरनै ६ पिछला भाग : भसनः ( पु० ) शहद को मक्खी। भसन्तः ( पु० ) समय } भसित ( वि० ) जलकर राख हुआ। भस्म हुआ। भसितं ( २० ) राख । मस्त्रका ( श्री० ) १ धोंकनी । मसक या घास का कोई पात्र जिसमें जल भरा मस्त्रि ) जाय | ३ धमड़े का थैला | भस्त्रा भस्मकं ( न० ) १ राख। खाक | २ एक रोग विशेष जिसमें भोजन तुरन्त पच जाता है ३ नेत्र रोग विशेष | ( ६०८ ) भस्मन् (वि०) १ राख। ग्राक। २ भस्म जो शरीर में लगायी जाती है - अग्निः पु०) भस्मक रोग : -अवशेष, (वि० ) राख के रूप में रहने वाला अथवा जिसकी केवल राख बच रहे -माहूय, ( ० ) कपूर उद्लनं, (न०) गुरुठनम्, ( न० ) शरीर में भस्म मलना 1-कार:, (५०) धोवी -कूटः ( पु० ) राख का ढेर। -गन्धा, --गन्धिका-धिनी, (सी० ) सुगन्धय विशेष -तुलं, (न०) १ कुदरा | वर्फ २ धूल की वर्षा ३ कई ग्रामों का समुदाय प्रियः, ( पु० ) शिव /- रोगम, ( १० ) रोगविशेष | - लेपनं (न० ) भस्म से शरीर पोतना। -विधिः, ( पु० ) कोई विधान जो भस्म से किया जाय। -वेधकः, (g० ) कपूर 1--स्नानं, ( न० ) } भस्मस्नान | भस्मता ( श्री० ) भस्म होने का कार्य । भस्मसान् | अव्यया० ) भस्म होना । भा (धा० परस्मै० ) [ भाति, भात } २ दिखलाई पड़ना । ३ होना दिखलाना। 1 भा ( स्त्री० ) १ प्रकाश अभा चमक २ प्रति ई-कोश १ चमकना ।। ४ अपने को भागिक गया ( पु० ) नक्षत्रो का ( पु० ) किरणों का संग्रह, प्रकाशपुञ्ज - नेमिः, (पु० ) सूर्य । ( पु० ) सूच समुदाय 1-निक सौन्दर्य - कोषः, भात (वि०) १ परमुखापेक्षी परतंत्र | २ भोज्यपदार्थ होने के योग्य ३ गौण | अपष्ट | ४ गौण भाव में प्रयुक्त | 1 भातिकः ( पु० ) अनुगामी चाकर। नौकर भात ( वि० ) [ श्रो०-भाती] भुक्खद भोजनभट्ट भागः ( पु० ) | धँश हिस्सा पाती भाग । २ बंटवारा ३ भाग्य प्रारब्ध किसी समूची वस्तु का एक अंश या टुकड़ा चतुर्थीश ६ वृत्त के व्यास का ३६० वाँ अँश ७ किसी राशि का ३० वाँ अंश भागफल ६ स्थान जगह | -- (वि० ) पैतृक सम्पत्ति में भाग पाने का अधिकारी सपना, ( स्त्री० ) हिस्सों का विभाजन-जातिः, ( खी० ) विभाग के चार प्रकारों में से एक । इसमें एक हर और एक श होता है। यह चाहे समभिन्न हो चाहे विषमभिन्न जैसे "। -धेयं, (न०) १ पाँती । हिस्सा। र भाग्य प्रारब्ध । ३ सौभाग्य खुशकिस्मती । ४ सम्पत्ति | १ भारदाद 1-धेयः ( पु० ) १ कर | टेक्स | २ उत्तराधिकारी | भाजू, ( वि० ) हिस्सेदार पाँतीदार वह जिसका कुछ लगाय हो। भुज ( पु० ) राजा बादशाह । -हरः, ( पु० ) १ समान उत्तराधिकारी । २ भाग | (अणका ) -हाः (पु० ) (ग- शित का ) भाग : f - भागवत ( वि० ) [ खी०-भागवती ] विष्णु- सम्बन्धी विष्णुभक्त २ भगवान सम्बन्धी ३ पावन । दैवी ( पवित्र ) । भागवतं ( न० ) अष्टादश पुराणों में से एक सात्विक पुराण भागवतः ( पु० ) विष्णुभक्त । भागशस् (वि० ) (अन्यथा० ) 1 टुकड़ों में हिस्सा करके २ हिस्से के अनुसार। भागिक (वि० ) १ हिस्सा सम्बन्धी २ हिस्से वाला । ५ भिन्नात्मक । ४ व्याज ।