पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६०२

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

वीजन्त भुजाओं के बीच में होकर योनि के द्वार पर श्रा जाय । वीजन (वि०) बीजों वाला। जिसमें अधिक वीज हों वीतिक (वि० ) अधिक बीजों वाला। बीजिन् वि० ) [ स्त्री०-वीतिनी ] वीशों वाला। ( पु० ) १ असली जनुक ( बीज बोने वाला। २ पिता जनक | ३ सूर्य । बोज्य (वि० ) १बीज से उत्पन्न | २ कुलीन । वीभत्स (वि० ) १ घृणित २ डाही | ईर्ष्यालु | उपद्रव ३ बर्बर निष्ठुर भयानक ४ मन फिरा हुआ। बोभन्सः ( ० ) घृणा २ काव्य के नरसों के अन्तर्गत सातवाँ रस ३ अर्जुन का नामान्तर | वीभत्सुः ( पु० ) अर्जुन। + बुक् ( अध्यया० ) नकली शब्द 1-कारः, ( पु० ) सिंह की गर्जन। बुक (धा० परस्मै० ) [ बुकति बुकयति बुक्कयते ] १ भूखना | २ बोलना। बातचीत करना । धुकं ( न० ) ) १ हृदय | २ वक्षःस्थल । छा बुकः ( पु० ) ) ३र४ | ( पु० ) बकरा | २ समय | बुक (पु० ) हृदय बुकनं ( न० ) भूकना । वुकस (पु० ) चाण्डाल बुका ) बुकी ) ( श्री० ) हृदय दिल बुद्ध (धा० उभय ) [पोदति, बांदते] १ देखना | समझना | जानना | पहचानना बुद्ध ( ३० कृ० ) १ जाना हुआ। समझा हुआ । पहचाना हुआ। २ जागा हुआ। ३ देखा हुआ। ४ बुद्धिमान | परिडत | बुधू. बुन्धू बुद्धिः (श्री) धाशक्ति } - बोधचित्त प्रतिभा समझ । ३ ज्ञान | ४ विवेक ५ मन ६ हाज़िर शवायी ७ धारणा | राय। विश्वास याक इरादा अभिप्राय | ६ सचेनता चैतन्य --- अतीन (वि० ) समझ के बाहिर । इन्द्रियं (न०) शानेन्द्रिय -गम्य -प्रात, ( वि० ) समझ के भीतर जो बुद्धि से समझा जा सके। ---जीचिन (वि० ) वह जो बुद्धि द्वारा अपना निर्वाह करता हो । भ्रमः, ( ० ) चित्त का डाँवाडोल होना । मन की अस्थिरता - ६ शालिन्, सम्पन्न (वि०) बुद्धिमान समझ- अनुमन्द-सखः सहायः (पु० ) मंत्री सचिव वज़ीर होन, (वि० ) मूर्ख | दार बेवकूफ । बुद्धिमत् ( वि० ) विज्ञान : ३ चतुर - द्धिमान प्रतिभाशाली २ चालाक बुदबुदः ( पु० ) बबूला दुल्ला बुधू ( धा० आत्म० ) [ बोधति-बोधते, दुष्यते, वुड ] 1 जानना समझना। २ पहचानना | ३ खयाल करना। विचारना ध्यान देना । ५ सोचना | विचारना | ६ जागना । ७ होश में थाना| चैतन्य होना | बुध (वि० ) बुद्धिमान चतुर विद्वान बुधः (g० ) बुद्धिमान या विद्वान् आदमी १२ देवता | ३ बुधग्रह-जनः, (पु० ) बुद्धिमान या विद्वान् आदमी-सातः (g० ) चन्द्रमा -दिनं, (ज०) – चार, (पु०) वासरः, (पु०) बुधवार 1-एनं. ( न० ) पता (~-सुतः, ( पु० ) राजा पुरुरवा की उपाधि । बुधान: ( पु० ) बुद्धिमान् । गुरु बुधित ( वि० ) जाना हुआ। समझा हुआ। बुधिल (वि० ) बुद्धिमान | विद्वान् । बुद्ध: ( ९० ) १ क बुद्धिमान या परिडत पुरुष | २ | बौद्ध धर्म के प्रवर्तक शाक्यसिंह का नाम - आगमः ( पु० ) बुद्धधर्म के सिद्धान्त और यमनियम । उपासकः ( पु० ) बौद्ध धर्मा | बुंद, बुन्द ) (धा० उभय० ) [ बुंदति- बुन्दते, नुयायी -गया, (स्त्री० ) तीर्थ स्थान विशेष | | बुध - -मार्ग, (पु०) बुदधर्म बुद्धधर्म के सिद्धान्त। बुन्धू बंधति-चुन्धते ]१ पहचानना । देखना | २ समझना। विचारना । बुधः (पु० ) 1 वर्तन की तली २ पेड़ की जड़ ३. सब से नीचे का भाग ४ शिव