पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६०३

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

बुभुक्षा बुभुक्षा ( श्री० ) १ भूख । २ किसी वस्तु के उपभोग की इच्छा सुभुक्षित ( वि० ) भूखा । बुभुक्षु ( वि० ) भूखा | साँसारिक सुखोपभोग का 13 बुलू (धा० उभय० ) [ वोजयति बोलयते ] डूबना १२ दुवांना | बुलिः ( श्री० ) भय दर घुस् ( घा० परस्मै० ) छोड़ना। बुसं ) ( म० ) 1 भूसी यं ३ उपरी [ दुस्थति ] निकालना | २ रही। कूड़ा फर्कट | कंदा ४ धन दौलत | वस्तू ( घा० उभय० ) [ बुस्तयति सुस्तयते ] १ सम्मान करना अपमान करना । बृहत् (वि० ) [ श्री० बृहती ] बहुत बड़ा mons - विशाल । भारी । २ चौड़ा। ओवा ||बहुत विस्तार युक्त ३ विपुल ४ वनवान् | ५ लंबा | ६ पूर्ण वृद्धि को प्राप्त १७ ठसा हुआ। सघन ( स्त्री० ) व्यावयान । ( न० ) १ वेद | २ साम वेद का नाम ३ ब्रह्म का नाम। श्रङ्ग, काय. ( वि० ) बड़े भारी लडील का ( पु०) हाथी ।-आग्रायं, आरण्यकं, (न०) एक प्रसिद्ध उपनिषद् जो शतपथ में ब्राह्मण के अन्तिम ६ अध्याय में वर्णित है।-एला, ( स्त्री० ) बड़ी इलायची ।-कुत्तिः, (वि० ) बड़े पेट वाला।-~-केतुः, (पु०) अग्नि का नाम । अङ्ग M वृहतिका ( स्त्री० ) उत्तरीयवस्त्र चादर दुस्तं ( न० ) भुना हुआ माँस विशेष | वृशी वृषी (स्त्री० ) किसी महात्मा की गद्दी । इसी । बृहस्पतिः (पु० ) देवताओं के गुरु २ बृहस्पति अह । ३ एक स्मृतिकार का नाम /~-पुरोहितः, ( पु० ) इन्द्र का नाम -वारा, वासरः, ( पु० ) गुरुवार । बेडा (स्त्री० ) नाव | बोट बहू ( धा० पर० ) [ बृंहति, वृहित] चढ़ना। उगना। २ दहावना । गर्जना बृंहणं (न० ) हाथी की चिंघार। वेह (धा० आत्म० ) [ बेहते ] प्रयत्न करना । उद्योग करना। कोशिश करना। बृंहित (व० कृ०) १ उगा हुआ। यड़ा हुआ । २ गर्जता | वैजिक (वि० ) [स्त्री० --वैजिकी] १ बोर्ष सम्बन्धी। २ असली । ३ गर्भाधान सम्बन्धी ३ संम्भोग हुआ। बृहितं ( न० ) हाथी की चिंधार: } सम्बन्धी । वृहू ( धा० पर० ) [ बर्हति, गृहति ] बढ़ना । उन्नत | बैजिकं ( न० ) उपादान कारण । उद्गम स्थल । होना फैलना | २ गर्जना J निकास | वैजिकः ( पु० ) आँसुधा वैल्व 1- -गृहः, ( पु० ) देश विशेष - वित्तः, (१०) नीबू या जंभोरी का वृत ~ढक्का, (स्त्री० ) बड़ा ढोल |~~नटः, -नलः, ( पु० ) नला, ( स्त्री० ) विराट् के दरबार में जिन दिनों चर्जुन छिप कर रहते थे, उन दिनों वे इसी नाम से वहाँ परिचित थे -- नेत्र, ( वि० ) दूरदर्शी | विवेकी पाढलिः, ( पु० ) धनूरे का फल । - पालः, ( पु० ) वट या गुलर का वृक्ष - भट्टारिका, ( स्त्री० ) दुर्गा का नाम /-भानुः, ( पु० ) अग्नि /- रथः, ( पु० ) १ इन्द्र जरासन्ध के पिता का नाम -राविन, (पु० ) छोटी जाति का उल्लू / स्फिच, (वि० ) बड़े निर्तयों वाला | २ - ++ . । बैडाल (वि० ) [ स्त्री०-चैडाली ] बिली सम्बन्धी । --प्रतं, (न० ) बिल्ली की तरह ऊपर से तो बहुत सीधा साधा बना रहना पर समय पर बात करना /- प्रतिः, ( पु० ) कपटी खुली। वह पुरुष जो पवित्र जीवन व्यतीत इस लिये करे कि विना ऐसा किये उसके फँसाये कोई स्त्री फँसे ही नहीं। -प्रतिकः, - प्रतिन, ( पु० ) पाखराडी साथ दम्भी सन्त नास्तिक । बैंबिक कि: } (S० ) रसिक । रसीया । बैल्व (वि० ) [ श्री० - वैल्वी ] १ चेल वृक्ष सम्बन्धी