प्रेतिक मॅष्य प्रेरित ( पु० ) एलची दूत सूतक का शुद्धि । श्राद्ध ( २० ) सरन की तिथि से एक वर्ष के अन्तर होने वाले १९ श्राद्ध इनम सपिण्डी, मासिक और पारमासिक आाद | 4 1 शेष ( घा० उभय० ) [ प्रेषति -प्रेषते ] जाना । प्रेषः (पु० ) १ आग्रह २ सन्ताप कट शोक | भी शामिल हैं। --हार, ( पु० ) १ मृत शरीर प्रेषणं ( न० ) २१ प्रेरणा | भेजना | २ किली को उठाकर शमशान तक ले जाने वाला | सुरदा ! प्रेषणा (जी० ) ) विशेष अभीष्ट सिद्धि के लिये उठाने वाला २ सुतक का सगा या नातेदार । प्रतिकः ( पु० ) भूत प्रेत प्रेत्य (अन्यथा० ) लोकान्तरित । परलोकात ज्ञातिः, (स्त्री० ) परलोक में मरने के बाद किसी की परिस्थिति - भावः, (पु० ) किसी जीव की शरीर छोड़ने के बाद की दशा। प्रेत्वन् (पु०) १ पवन हवा । २ इन्द्र का नामान्तर ग्रेप्सा ( बी० ) १ प्राप्त करने की अभिलाषा । २ इच्छा प्रेप्सु (वि० ) अभिलाषी । इच्छुक प्रेमन् ( पु० न० ) प्रगाढ़ प्रेम । स्नेह | २ अनुकम्पा अनुग्रह | ३ श्रमोद प्रमोद | ४ हर्ष । प्रसन्नता | -अक्षु, ( स्त्री० ) प्रेम या स्नेह के आँसु /- ऋद्धिः ( स्त्री० ) स्नेह का आधिक्य प्रेम ।-~-पर, ( वि० ) प्यारा । प्रियपातनं, ( न० ) ( हर्ष के ) आँसू । २ क्षेत्र ( जिनसे | प्रेमाधु गिरे। -- पात्रं, ( न० ) प्रेमपात्र /- बंधः, ( पु० ) - बन्धनम्, ( न० ) प्रेम की ! फाँस या गाँस। प्रेमिन् (वि० ) [ स्त्री० ~प्रेमिणी] प्यारा स्नेही | प्रेयस् (वि० ) [ स्त्री०- प्रेयसो ] अधिकतर प्यारा ( पु० ) प्रेमी | पति 1 (पु० न० चापलूसी । प्रेयसी (स्त्री० ) पली। स्वामिनी । प्रेयोपत्यः ( पु० ) बगुला । बुटीमार । प्रेरक (दि० ) [ स्त्री० -प्रेरिका] बाला उत्तेजन देने वाला | २ फेकने वाला। प्रेरणा करने मेजना | प्रेषित ( ६०] कृ० ) १ ( संदेसा देकर ) भेजा हुआ। २ आज्ञा दिया हुआ । निर्देश किया हुआ | ३ घूमा हुआ। गड़ा हुआ किसी धोर फिरा हुआ। (आँखे ) नीचे किये हुए ४ बहिष्कृत | प्रे (व० कृ० ) अतिशय प्रिय प्रियतम | बहुत 1 प्यारा । करना । प्रेरित ( व कृ० ) 1 उत्तेजित किया हुआ आग्रह | किया हुआ। २ उद्विग्न ३ भेजा हुआ रवाना ! किया हुआ ४ स्पर्श किया हुआ " प्रेष्ठः ( पु० ) प्रेमी | पति । प्रेडा (स्त्री० ) पत्नी स्वामिनी । प्रेष्य ( वि० ) जो भेजने येग्य हो । जनः, (पु० ) नौकर चाकर - भावः, ( पु० ) गुलामी । चाकरी | बंधन :-वधूः, ( पु० ) नौकर की पत्नी । २ नौकरानी दासी वर्गः, (पु० ) अनुचरों का समूह | प्रेष्यं ( न० ) १ किसी कार्य पर भेजना । २ चाकरी । प्रेष्यः ( पु० ) नौकर | दास । गुलाम । प्रेप्या (स्त्री० ) दासी । चाकरानी । प्रेहिकटा (स्त्री० ) आचार विशेष जिसमें चटाइयों का निषेध है। मेहिद्वितीया (स्त्री० ) अनुष्ठान विशेष जिसमें स्वयं को छोड़ अन्य पुरुष की उपस्थिति वर्जित है। प्रेहिवाणिजा ( श्री० ) अनुष्ठान विशेष जिसमें किसी भी व्यवसायी की उपस्थिति वान्छनीय नहीं है। मैयं ( न० ) कृपा । प्रेम । प्रेरणं ( न० ) } ! उत्तेजित करना । इरिक्याल | मैषः ( पु० ) १ प्रेषण | २ आशा । आदेश । आमं प्रेरणा (स्त्री० ) ) दिलाना २ आवेग । उत्तेजना | प्रवृत्ति : ३ फेंकना | डालना ४ भेजना | रवाना ! पागल- श्रण | ३ सङ्कट विपत्ति ४ विक्षिप्तता पन | सनक ५ दवाना। कुचलना | मर्दन । प्रैष्यम् (न० ) चाकरी | गुलामी । भैष्यः (पु० ) नौकर दास । गुलाम | कमीन 1- भावः, ( पु० ) नौकरी / दासत्ववृत्ति । मेहिकमा (स्त्री० ) अनुष्ठान विशेष जिसमें अपकि- वर्जित है।
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