पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५८३

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प्रियवद् चापलूस-ध्रुवस ( पु० ) कृष्ण का नाम || -सवासः, (पु०) प्रियपान का सत्सङ्ग । - सखः, ( पु० ) प्यारा मित्र | सखी (स्त्री० ) प्यारी सहेली :- सत्य. ( त्रि० ) 1 सच्च को पसन्द करने वाला । २ सत्य होने पर भी प्रिय - संदेशः, ( पु० ) 1 खुशखबरी अच्छा सन्देसा २ चम्पा का पेड़ । समागमः, (पु० ) प्रेमपात्र के साथ मिलन ~ सहचरी, ( स्त्रीर) प्यारी पत्नी। सुहृदु, ( पु० ) प्राणप्रिय मित्र | - | स्वप्न, ( वि० ) सोने का शौकीन । जो निद्रा लेना बहुत पसन्द करना हो । प्रियंवद (वि० ) मधुरभाषी । प्रियंवदः ( पु० ) १ पक्षीविशेष २ एक गन्धर्व का नाम । प्रियकं ( न० ) असन के पेड़ का फूल । प्रियकः ( पु० १ मृग विशेष । चित्तमृग २ नीपवृक्ष । ३ प्रिय लता | ४ शहद की मक्खी | ५ पक्षी विशेष । ६ केसर । प्रियकर प्रियंकरण ( वि० ) १ कृपा करने वाला दयालु | प्रियकरण > कृपालु | २ अनुकूल | प्यारा ३ मन- प्रियंङ्कार प्रियङ्कार भावन । प्रियंगुः ) ( पु०) १ एक लता विशेष का नाम, जिसके प्रियङ्गः ) सम्बन्ध में कहा जाता है कि, जहाँ उसे किसी स्त्री ने स्पर्श किया कि वह फूलने लगती है । २ बड़ी पीपल । ( न० ) केसर प्रियतम ( वि० ) सब से अधिक प्यास। प्रियतमः ( पु० ) आशिक । प्रेमी। पति । प्रेयतमा (स्त्री० ) पत्नी प्रेयसी माशूका प्रेयतर (वि० ) अपेक्षाकृत प्यारा ।. प्रेयता ( स्त्री० ) ) १ प्रिय होने का भाव २ प्यार प्रेयत्वं ( न० ) ) स्नेह | ( वि० ) प्रेमपात्र | प्रियंभविष्णु प्रयंभावुक प्रेयालः ( पु० ) पियाज पेड़। प्रेयाला ( स्त्री० ) दाख हे ( घा० उमय ) [ मीणाति, प्रीणोते, प्रीत ] प्रसन्न करना। आनन्दित करना। तृप्त करना । ) पुष प्रीण ( वि० ) : प्रसन्न | सन्तुष्ट आनन्दित । २ प्राचीन | पुरातन । ३ पहिले का अगला | प्रीणनम् ( न० ) प्रसन्नकारक | धानन्ददायी । सन्तोष- कारक तृतिकर | प्रीत ( वि० ० ) १ आनन्दित हर्पित २ प्रसन्न सुखी श्रल्हादमय | ३ सन्तुष्ट | ४ प्यारा १ कृपालु । स्नेहमय -- यात्मन, – चित् मनस, ( चि० ) मन से प्रसन्न । वित्त से आनन्दित । प्रीतिः ( स्त्रि० ) १ हर्ष | ग्रानन्द | सुखी २ धनु- कम्पा । अनुग्रह ३ प्रेम स्नेह ४ अनुराग ५ मैत्री | मेल । ६ कामदेव की स्त्री और रति की ॥ सौत का नाम।-कर. ( वि० ) कृपालु अनु- कूल / – कर्मन्. ( न० ) मित्रोचित कर्म |-दः, ( पु० ) हँसोड़ | मसखरा । विदूषक - दत्त, ( वि० ) प्रेम से दिया हुआ | स्नेह के कारण दिया हुआ । दत्तं ( न० ) वह सम्पत्ति जो किसी स्त्री को उसके सगे सम्बन्धियों से मिली हो विशेष कर वह जो उसे उसके ससुर या सास से विवाह के अवसर पर प्राप्त हुई हो । -दानं, (न०) - दायः, ( पु० ) प्रेमोपहार । - धनं, ( न० ) प्रेम या मित्रता के नाते दिया हुआ धन था रुपया -~-पात्रं, (न० ) प्रेमपात्र | कोई भी पुरुष या पदार्थ जिसके प्रति प्रेम हो। पूर्व, पूर्वकं, ' (अन्यया० ) दयामय | स्नेहमय 1- मनस् (वि०) मन में प्रसन्न । प्रसन्न 1- युज, ( प्यारा । स्नेही । –चचसू, ( न० ) - वचनम्, ( न० ) मित्रोपयुक्त वचन या भाषण । - वर्धन, (वि० ) प्रेम था हर्ष बढ़ानेवाला ।- वर्धनः, ( पु० ) विष्णु भगवान् । -वादः, ( पु० ) मित्रोपयुक्त वाद विवाद । - विवाहः, ( पु० ) वह विवाह जो केवल प्रीटिवश हुआ हो। – श्राद्धम् ( न० ) श्रद्धापूर्वक किया गया श्राद्ध विशेष | प्र ( घा० आत्म० ) [ प्रवते ] १ जाना | २ ३ उचुलना | कूदना | पुष ( धा० परस्मै० ) [ प्रोषति, पुष्ट ] १ जलाना । भस्म कर डालना। २ जला कर राख कर डालना । [ प्रष्णाति ] १ सर होना । भींग जाना २ उड़ेलना । छिड़कना । ३ भरना | परिपूर्ण करना।