प्रबोधन ज्ञान ६ वाढस धीरज ७ किमी सुगन्ध द्रव्य में पुनः सुगन्ध उत्पन्न करने की क्रिया । प्रबोधन (वि० ) [खी०-प्रबोधनी] जागने वाला। प्रबोधनम् (न० ) १ जागृति आगरा २ सह होना ३ ज्ञान बुद्धिमत्ता ४ शिक्षण परा- मर्श ४ सुगन्ध हृदय की नष्ट हुई सुगन्ध को पुनः सुगन्ध से युक्त करना । Sareer ) ( श्री० ) कार्तिक शुका 19 जिस प्रबोधिनो दिन भगवान चारमास शयन कर जागते हैं। प्रभासनम् ( न० ) चमक। दीप्ति प्रकाश | प्रबोधित ( व० ० ) १ जागृत | जागा हुआ | २ | प्रभास्वर (वि० ) चमकीली । दीप्तिमान् । सूचित किया हुआ शिक्षा दिया हुआ | प्रभिन्न ( ३० कृ० ) अलग किया हुआ अगाया हुआ | फटा हुआ । चिरा हुआ। विभक्त । २ तोड़ कर टुकड़े टुकड़े किया हुआ | ३ कटा हुआ। काट कर अलग किया हुआ १४ फूजा हुआ। खिला हुआ। ५ परिवर्तित अदल बदल किया हुआ। ६ वदशक्ल किया हुआ अंग भङ्ग किया हुआ । ढीला किया हुआ नशे में चूर । प्रभंजनम् ) प्रभञ्जनम् प्रभञ्जनः ( पु. ) पवन वायु । विशेष कर आँधी। प्रभद्रः (१० ) नीव छ । ( न० ) टुकड़े टुकड़े कर डालना। उमस्थल । निकास २ जन्म उपा प्रभवः (पु० ) उत्पत्ति १३ कारण । २ रचयिता स्थान | ७ शक्ति | वल पराक्रम प्रभाव विष्णु का नामान्तर | नदी का उद्गमस्थान । सृष्टिकर्ता ६ उत्पत्ति प्रभूत प्रभावः ( पु० ) १ आमा चनक जगमगाहट । २ महत्व गौरव ३ शक्ति | वल | ४ राजोचित शक्ति या अधिकार | ५ अलौकिक शक्ति । ६ महिमा | माहात्य (, ( दि० ) प्रभाव से प्रभावितृ ( पु० ) शासक। प्रभविष्णु ( वि० ) बलवान | शक्तिमान | प्रभविष्णु (पु० ) १ स्वामी । मालिक | २ विष्णु । प्रभा ( स्त्री० ) १ चमक जगमगाहट आमा । २ किरण ३ सूरजधवी पर सूर्य की छाया ४ दुर्गा का नामान्तर १ कुबेर की नगरी का नाम ६ एक अप्सरा का नाम -- करा. ( पु० ) : सूर्य २ चन्द्रमा ३ अग्नि | ४ समुद्र | १ शिव मीमाँसा दर्शनकार का नाम / फीट:, ( पु० ) जुगनू । खद्योत - तरल, (वि०) कम्पित भाव से दीसमान्/-मण्डलं, ( म० ) प्रकाश का घेरा -लेपिन्. ( दि० ) प्रकाश से आच्छादित | ६ प्रभागः ( ५० ) विभाग २ भिन्न का भिन्न, जैसे का आदि। २ प्रभात (व० कृ० ) रोशनी होना आरम्भ हुआ। प्रभातं ( ० ) प्रातःकाल सवेग | प्रभानं ( न० ) ज्योति । दीसि । प्रकाश । उत्पन्न प्रभावजात । 1 प्रभाषणं (न० ) व्याया। कैफियत अर्थ। प्रभासः ( पु० ) चमक सौन्दर्य आभा प्रभासं (न० ) ) एक प्रसिद्ध तीर्थस्थान जो काठिया- प्रभासः (पु० ) ) बाड़ में है। मतवाला । प्रभिन्नः ( ० ) मतवाला हाथी-अञ्जनम्, (न०) काजल | प्रभु ( वि० ) [ स्त्री० -प्रभु, प्रभ्वी ] १ ताक़तवर बलवान २ योग्य अधिकार प्रास ३ जोड़ का बराबरी का - भक्त, (वि०) अपने मालिक का हितैषी या खैरवाईभक्तः (०) घोड़ा :-भक्तिः ( स्त्री० ) अपने मालिक की हित तत्परता था खैरवाही। प्रभुः (पु०) स्वामी मालिक । २ शासक । सूबेदार । सर्वोच्च अधिकारी ( किसी वस्तु का ) मालिक | 8 पारा । २ विष्णु | ६ शिव । ७ इन्ध | प्रभुता ( स्त्री० ) ११ मलकियत | साहिनी | मालिक- | प्रभुत्वं ( म० ) ) पन | २ बड़ाई महत्व | प्रभूत (६० कृ०) ३ उद्गत निकला हुआ । उत्पन्न २ बहुत विपुल ६ बहुत से बहुत | ४ 1 1 पूर्ण परिपक १ उच्च विशाल । ६ लंबा ७ अधिष्ठाता।- यवसेंधन, (वि० ) हरी घास और इंधन की बहुतायत या इफरात 1-वयस्, ( वि० ) बुड्ढा । उमररसीदा। -
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