पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५५८

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( ५५१ ) 1 प्रपये ( न० ) गिरा हुआ पत्ता | प्रपलायनम् (न० ) उड़ान | पलायन । प्रपा (श्री०) १ पौसाला प्याऊँ २ कृप । कुण्ड ३ यह जल का स्थान जहाँ पशु जलपान करें। ४ अल का देना -पालिका. ( श्री ) वह स्त्री जो बटो- हियों को जल पिजावे। प्रपाठकः ( पु० ) १ सवक्र | पाठ | २ अन्ध का अध्याय परिच्छेद | प्रपाणिः ( पु० ) हथेली प्रपातः (१० ) हाथ का अप्रभाग २ हाथ की । प्रस्थान | पतन ३ अधानक आक्रमय ४ जलप्रपात पानी का भरना । २ सट समुद्रसद । ६ लुधा चट्टान पहाड़ का उतार या दाल । ७ भड़ना (जैसे केशों का ) = निकल पड़ना ( जैसे वीर्य का ) 1 8 बहाय के ऊपर से अपने को नीचे गिरा देना १० उड़ान विशेष प्रपातनं ( म० ) अपने को नीचे गिरा देगा। प्रमादिकः ( पु० ) मयूर मोर | प्रपानं ( न० ) पीना। प्रपानकं ( न० ) एक प्रकार का पेय पदार्थ । प्रपितामहः ( पु० ) १ पिता का पिता | वाया । २ कृष्ण का नामान्तर । प्रपितामही (स्त्री० ) पिता की माता दाही। अपितृव्यः ( पु० ) चचेरे बाया। प्रपीडनम् ( २० ) १ दबाना | दवाकर निचोड़ना । २ कोष्ट करने वाली ( दवा ) प्रपीत प्रपीन प्रवाध नेत्र | बदन, (वि० ) जिसके चेहरे पर हर्ष छाया हो। हर्षित | प्रवद्ध (व० ० ) १ बंधा हुआ। २ रोका हुआ | अवचन में ढाला हुआ। प्रवेश प्रवर्द्ध ( पु० ) ग्रन्थकार भवन्धः ( 50 ) १ बंधन | गाँस २ अप्रतिबन्धता । अविच्छित ३ ऐसा निवन्ध जिसका सिल सिला जारी रहे । ४ कोई भी रचना; विशेष कर पद्यमयी ५ योजना - कल्पना, ( श्री० ) कल्पित कहानी । प्रपूरित ( च० कृ० ) भरा हुआ। परिपूर्ण । प्रपृष्ठ (वि० ) विशिष्ट पोठवाला । प्रपौत्रः (पु०) पौत्र का पुत्र पंसी । प्रयौनी (स्त्री० ) पौत्री की पुत्री पंसिन । प्रफुल्ल ( च० ० ) १ पूर्ण खिला या फूला हुआ। २ आनन्दित । ३ मुसस्याता हुआ ।-नयन, -नेत्र-लोचन, ( वि० ) हर्ष से खुले हुए प्रवन्धनम् ( न० ) वन्धन | गाँसी । वः (पु० ) इन्द्र का नामान्सर | } ( वि० ) अत्युत्तम । सर्वोत्तम | सर्वश्रेष्ठ , प्रवर्द्ध प्रहं ) घल ( वि० ) १ अत्यन्त मजबूत था ताकतवर | २ प्रचण्ड | सुद३ आवश्यक विपुल २ खतरनाक भयानक नाशकारी । प्रवद्धिका प्रवाहिका } { स्त्री॰ ) पहेली । बुझौअल । प्रवाधनम् ( न० ) १ अत्याचार प्रर्पीडन । २ अस्वी कृति इंकारं ३ दूर रखना। इटाना। प्रवालः -प्रचालः ( पु० ) ११ अर | खुश्रा | प्रवालं--प्रवालम् ( न० ) ) कोंपल | २ मूंगा । ३ वीणा का भाग विशेष (पु० ) १ शिष्य शामिई २ पशुश्मत (पु० ), वृक्ष विशेष | मुंगे का बुध-पद्म, ( न० ) खाल कमल-फलं, (न० ) लाल चन्दन काष्ठ / अस्मन्, ( न० ) मुंंगा की भस्म । 1 } { बि० ) निगला ढुशा ३ प्रपुनाट:- -प्रपुझाट: (पु०) चक्रमर्द नाम का वृक्ष । प्रधाहुः (पु० ) | प्रयुँनाड:--पहुँचाडः ) चकलैंड। बाहुकम् (अव्यया) १ ऊंचाई पर २ साथ ही साथ । प्रबुद्ध ( व० ऋ० ) १ जागृत जागा हुआ । २ बुद्धिमान | विज्ञान चतुर । ३ जानकार | ४ पूर्ख खिला हुआ फैला हुआ। $ प्रवेशध: ( पु० ) 3 जागना। नींद का हटाना। (आलं०) यथार्थज्ञान पूर्ण बोध २ (फूलों का) खिलना या फैलाना। ३ जागृति अनिद्रता ४ सतर्कता। २ समझदारी शान | भ्रम का दूर होना सस्य