पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५५६

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

प्रदर्शित ( ५४६ ) अघर्ष इश ४ शिक्षण उपदेश व्याख्या ५ उदा ! प्रदेशः ( पु० ) १ बतलाने वाला दिखलाने वाला। 1 हरण | दृष्टान्त | प्रदर्शित (च० ० ) 1 दिखलाया हुधा प्रकट किया हुआ घोषित किया हुआ। प्रदलः (पु० ) तीर। मदवः ( पु० ) जलन | वहन | २ स्थान | प्रदेश | जगह देश राज्य ब्रोय भूखरड ३ वाजिश्व विता | ४ निर्णय | निश्चय | ५ दीवाला । ६ ( व्याकरण का ) | प्रदातृ ( पु० ) १ दाता देने वाला २ उदार पुरुष ३ कन्यादान ( विवाह में ) करने वाला ४ इन्न का नामान्तर | प्रदानं ( ० ) १ दान | चड़ावा भेंट | २ विवाह में देना ३ शिक्षण ४ भेट दान पुरस्कार ५ अंकुश - शूरः १ (५०) दानी दानवीर प्रदानकं ( ० ) भेंट चढ़ावा दान पुरस्कार: प्रदायं ( न० ) पुरस्कार भेंट प्रदिः प्रदेयः } (पु० ) पुरस्कार ! भेंट 1 प्रदुध ( ० ० ) १ हुआ । २ दुष्ट कामुक । प्रदूषित ( न० कृ० ) खराब | अष्ट मह उदाहरण । प्रदेशनम् ( २० ) १ आदेश २ नगर चढ़ाया। प्रदेशनी | | ० ) तर्जनी प्रदेशिनी ) उँगली | मंदिग्ध ( व० कृ० ) तेल या घी से चिकनाया हुआ। मंदिग्धं : न० ) विशेष प्रकार से पका हुआ मांस । प्रदिश ( श्री० ) बतलाना । २ आज्ञा आदेश। निर्देश ३ उपदिशा विदिशा| मंदिर ( व० कृ० ) १ दिखलाया हुआ । बतलाया: हुआ। २ आज्ञा दिया हुआ आदिष्ट | नियुक्त किया हुआ निश्चित किया हुआ। एक राजा का नाम । प्रदोष (०) जिससे प्रकाश हो । दीपक | लैंप | प्रकाश | २ वह ! प्रद्योतनं (न० ) १ दहकन । प्रकाशन | २ प्रकाश |

प्रद्योतनः ( पु० ) सूर्य

प्रदीपन ( वि० ) [ स्त्री - प्रदीपनी ] प्रकाश करने | भद्रवः (g० ) पलायन | वाला। २ उत्तेजक भद्राव (पु० ) पलायन । निकल भागना तेज़ प्रदीपनं ( म० ) प्रकाश करने का काम। वित्र | सड़ा हुआ। मदेय ( वि० ) देने योग्य | दान करने योग्य | अप परामर्श ३ भेंट | अंगूठे के पास की प्रदेहः ( पु० ) लेप | पलस्तर | प्रदोप (वि०) बुरा । खराब काल। रात्रि का आरम्भ सायकाल की अंधियारी। प्रदोषः (०) अपराध त्रुटि ऐब पाप जुर्म २ गइर आदि जैसी गड़बड़वा | ३ सायङ्काल | रात्रि का प्रथम प्रहर महोः (०) दुहमा दूध निकालना। मधुः (पु० ) कामदेव का एक नाम प्रयुद्ध जी श्री कृष्ण जी के पुत्र थे और रुक्मिणी जी के पेट से उत्पन्न हुए थे ² प्रयोतः (पु० ) १ जगमगाहट प्रकाश रोशनी | २ चमक आभा ३ किरण ४ उपयन के प्रदीपनः ( पु०) एक प्रकार का खनिज विष प्रदोत ( ० ० ) प्रद्वारः (पु० ) 2 दरवाजे के सामने का स्थान या जला हुआ । प्रकाशित | २ | प्रहारम् ( न० ) ) जगह | प्रकटता हुआ। प्रकाशमान | जगमगाता हुआ | ३ | प्रद्वेषः उदा हुआ फैला हुआ ४ उत्तेजित उत्साहित । बिगाड़ा हुआ खराब किया। निकृष्ट पापी ३ लम्पट | } (५०) थैर । द्वेषणम् प्रधनं (न० ) युद्ध में लूट का माल । २ नाश । विनाश । चीरफाड़ | में चलना या जाना। कालः, (पु०) सायं- -तिमिरं ( न० ) अरुचि घृणा | नफरत | प्रधमनं (न० ) १ वैक में वह क्रिया जिसके द्वारा कोई दवा नाक के रास्ते ज़ोर से सुंधा कर ऊपर चढ़ायी जाय। २ एक प्रकार की संधनी । | अधर्षः (g० ) चलाकार । आक्रमण। हमला |