पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५१९

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पण्यवत् अच्छे कर्म का प्रभाव फलं, (न० ) सत्कम www ! का पुरस्कार -फलः, ( पु० ) लता-कुञ्ज - भाजू, (वि० ) धन्य | नेक धर्मात्मा। -भूः --भूमिः ( स्त्री० ) पवित्र स्थान | तीर्थ स्थान आर्यावर्त देश। - लोकः (पु०) स्वर्ग /-शकुनं, ( न० ) शुभ शकुन --शकुन:, ( पु० ) शकुन पक्षी ।-शोल, (वि० ) मनुष्य जिसका सम्मान सत्कर्मों की ओर हो।-- -श्लोक (वि० ) अच्छे या सुन्दर चरित्र अथवा यश वाला चरित्र या आचरण वाला पवित्र एवं शिक्षाप्रद जीवन वृत्तान्त वाला। युधिष्ठिर आदि । यथा:- पवित्र लोकः ( पु० ) नल । . -- पुष्यलोको मसरे रामा पोको सुचि: पुषयोका वैदेही पुचोको जनार्दनः । -श्लोकाः, ( स्त्री० ) सीता और द्रौपदी स्थानं, ( न० ) तीर्थस्थान । पुण्यवत् ( वि० ) १ सत्कर्मी धर्मात्मा २ भाग्य- वान | शुभ ३ सुखी। पुत् ( न० ) नरक विशेष जिसमें वे जीव ढाले जाते हैं जो अपुनक हैं। पुत्तलः ( पु० ) १ १ मूर्ति । प्रतिमा | पुतला | २ पुतली ( स्त्री० ) 5 गुड़िया पुतली | - दहनं, (न०) -विधिः, ( पु० ) प्राप्त मृतक के बदले उसका पुतला बना कर जलाना । पुतलकः ( पु० ) ) पुतलिका (स्त्री० ) पुस्तिका ( स्त्री० ) : मधुमक्षिका | २ दीमक । ( २ ) गुड्डा | गुड़िया | पुत्रानो नरकास्मात् प्रायवे पितरं सुतः । तस्परपुत्र इति मोत: स्वयमेव स्वयंभुवः | 1 -अन्नादः, ( पु० ) पुत्र की कमाई पर निर्वाह करने वाला। २ कुटीचक संन्यासी । अनि, (वि०) पुत्र की कामना रखने वाला ।इष्टि- इष्टिका, (स्त्री०) पुत्र प्राप्ति के लिये यज्ञ विशेष- काम. ( वि० ) पुत्र की अभिलाषा वाला - कार्य, (न०) कोई रीति या रस्म जो पुत्र सम्बन्धी हो । कृतकः ( पु० ) गोद लिया , हुआ - पनर पुत्रीया (स्त्री०) पुत्र प्राप्ति की कामना या अभिलाषण | पुगुल ( वि० ) सुन्दर | मनोहर । पुत्रः ( पु० ) १ बेटा । पूत । वेटा का नाम पूत इस पुदलः ( पु० ) १ परमाणु | २ शरीर | ३ आत्मा । जीव । ४ शिव का नामान्तर । लिये पड़ा- देटा । —जात, ( वि० ) बेटा चाला | पुत्र वाला । - दारं, (न० ) बेटा और जोरू 1-पौत्र, पौत्राः, ( पु० ) बेटा और नातियों वाला पौत्रोण, (वि०) परम्परागत । पुश्तैनी ।-प्रति- निधिः, (पु० ) बेटा का एवजी दत्तकपुत्र - लाभः, ( पु० ) पुत्र की प्राप्ति। --सखः, (पु० ) वह पुरुष जो लड़कों को बहुत चाहता हो।---- होन, ( वि० ) वह पुरुष जिसके कोई पुत्र न हो । पुत्रः (पु० ) १ छोटा पुत्र या बच्चा | २ पुसली । गुड़िया ३ गुंड़ा | छलिया | ४ टीढ़ी। पतिंगा । २ शरभ जन्तु । ६ बाल केश ० 1 - पुत्रका, पुत्रिका, पुत्री, (स्त्री०) १ वेटी | २ गुड़िया पुतली ( समासान्त शब्दों में जब यह अन्त में होता है तब इसका अर्थ "छोटी जाति की कोई भी वस्तु" होता है। यथा “असिपुत्रिका" / - पुत्रः, -सुतः, (पु०) १ लड़की का पुत्र जो अपने नाना की गोद गया हो। २ वह लड़की जो अपने पिता के यहाँ पुत्र के स्थान पर गयी हो । ३ पौत्र-प्रसूः, ( स्त्री० ) ऐसी माता जिसकी सन्तान कन्याएँ ही हौं – पुत्र न हो। —भर्तु, ( पु० ) जामाता । जमाई । दामाद । पुत्रिन् (वि० ) [ स्त्री० - पुत्रिण] पुत्र या पुत्रों वाला ( पु० ) एक पुत्र का पिता पुत्रिय, पुत्रोय, पुज्य ( वि० ) पुत्र सम्बन्धी सन्तानोचित | । 1 1 पुनर् ( अन्यया० ) १ पुनः । फिर नये सिरे से २ पोछे। सामने की ओर से बरखिलाफ इसके । इसके विरुद्ध । किन्तु । बल्कि ! यद्यपि | तोभी । -अर्थता, ( स्त्री० ) बार बार की हुई प्रार्थना | -भागत, (वि० ) लौटा हुआ | फिरा हुआ | -श्रधामं आधेयं, ( न० ) यज्ञीय अग्नि का पुनसंस्कार । -आवर्तः, ( पु० ) १ प्रत्यागमन | २ पुनर्जन्म । -- प्रावर्तिन, (वि० ) पार्थिवा- स्थिति में लौट कर आने वाला। -आवृत,