सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५०१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पारम्, पाण्डुम् पाथः पांडुरमम् } ( न० ) सफेद काग रोग | मीचे गिरा हुआ | २ नीचा दिखाया हुआ |३ ( पद में ) नीचा किया हुआ । पातिव्यं ( म० ) पद या जाति की अंशता । पांडः (०) देश विशेष का अधिपति या पारायः ) राजा। पांड्याः } ( पु० बहु० ) देश विशेष और उसके | पातिन् ( वि० ) [ श्री० --हातिनी ] 1 गमनकारी। २ नीचे उतरने वाला । ३ गिरने वाला | डूबने पाण्ड्या) अधिवासी । पात (वि० ) रचित | रखवाली किया हुआा। बचाया हुआ। बाला ४ सम्मिलित होने वाला गिराने या फेंकने वाला १२ उड़ेलने वाला । निकालने वाला छोड़ने वाला। पातः (पु० ) १ उड़ान पलायन २ नीचे उतरना ( सवारी से ) उतरना ३ पतन | गिराव। ४ नाश | बरवादी | २ प्रहार | आघात | ६ बहना ( जैसे आँसुयों का ) ७ (तर या गोळी आदि का ) छूटना । ८ हम ● होना । ( किसी घटना का ) घटना | १० चूकना ११ राहु का नामान्तर | पातकं (न० ) ) पातकः ( पु० ) ) ( ४१४ ) पाप गुनाह ८ पात्रं ( न० ) १ पानी पीने का बर्तन । प्याला । घड़ा २ कोई भी वर्तन ३ किसी वस्तु का आधार ४ जलाशय ५ दान पाने के योग्य व्यक्ति । इअभिनय करनेवाला । अभिनेता | नट | ७ आमात्य | राजसचिव ८ नदी के उभय तटों के बीच का स्थान र योग्यता । औचित्य १० आज्ञा | आदेश ।-उपकरणम् (न० ) अप- कृष्ट श्रेणी की सजावट --पालः, ( पु० ) १ दाँड़ या सेवा २ तराजु की डंडी। संस्कारः ( पु० ) बरतनों की सफाई २ नदी का प्रवाह | पात्रिक ( व० ) [ स्त्री० - पात्रिकी ] आक से नापा हुआ। २ योग्य पर्याप्त उचित । पात्रिकं (न० ) वरतन । प्याला तश्वरी । क्रिया | पातालं ( म० ) १ नीचे के सप्त लोकों में से अन्तिम पात्रिय } ( बि० ) भोजन में शरीक होने योग्य। 1 लोक का नाम [कहा जाता है; इस लोक में नाग रहते हैं। नीचे के सात लोकों के नाम ये हैं: --- | १ अतल, २ वितल, ३ सुवल, ४ रसातल, १ तलातल, ६ महातल और ७ पाताल ] | २ नीचे का कोई भी लोक | ३ गड़ा या सुराख । वाद वानल |~-गङ्गा (स्त्री० ) नीचे के लोक में पानीयं ( न० ) खुवा आदि यज्ञीय पात्र । पात्रीरः ( न० ) ) नैवेद्य चढ़ावा। भेंट | पात्रीरम् ( ४० ) ) | पात्रसमितः ) मुफ्तखोर। खुशामदी रह । २ दशा- पात्रेबहुलः ) ( पु० ) जुठनखार | पतरीचाट | बाज़ आदमी कपटी या दम्भी मनुष्य । 1 पार्थ ( म० ) १ जल । २ पवन । ३ भोजन ॥ बहने वाली गङ्गा-प्रोकस ( पु० ) निलयः, ( 5०) -- निरासः, (पु० ) वासिन्, ( पु० ) १ रासस । २ नाग | गतिकः (पु०) सुइस शिशुमार पतित ( ब० कृ० ) १ गिराया हुआ। फैका हुआ। जं, (न० ) १ कमल १२ शङ्ख - -घः ( पु० ) बावल धिः - निधिः- पतिः, (५० ) समुद्र पाथः ( पु० ) १ अग्नि २ सूर्य | पातंगिः ) ( पु० ) पातङ्गिः ) कर्ण | ४ सुग्रीव । शनिग्रह २ यमराज ३ पातंजल ) ( वि० ) [ पातञ्जली ] पतंजलि का पातञ्जल ) बनाया हुथा। पातिली (स्त्री० ) १ जाल । फंदा । २ हाँड़ी। पातुक ( वि० ) [ स्त्री०-पातुकी ] जो प्रायः या अक्सर गिरा करे। पतनशील | पातुकः ( पु० ) 1 पहाड़ का उतार २ सुइस | शिशुमार | पातंजलम् । पातञ्जलम्) {} ( न० ) पतंजलि विरचित योग दर्शन । पातनम् (न० ) १ गिराने की क्रिया | २ नीचा दिखाने की क्रिया ३ स्थानान्तरित या हटाने की