पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४९८

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पांसुर, परशुर - पद शासन -कृत, (वि०) धूल से ढका हुआ । -दारं, (न० ) जम, (२०) निमक विशेष | -वरं, (न०) क्षा-चन्द्रः (पु० ) शिव जी का नाम --चामरः, (५०) 1 भूल का र २ स्त्रीमा । तंबू । ३ बाँध या ( नदी ) मट जो दूब घास से ढका हो । ४ प्रशंसा ! जालिकः (पु०) विष्णु का नामान्तर ।--पटलं, (न० ) धूल की तद था प-मर्दनः, (पु० ) पेड़ के चारों ओर खोद कर खोहुआ बनाया जिसमें जल भर दिया जाय। आलवाल ।

पांसुरः (पु०) १ डाँस । गोमक्खी | २ लुजा जो | पांशुरः । गाड़ी में बैठकर धूमें पाकु: (वि० ) १ धूलभूसरित धूल से पाकुकः ( पु० ) रसोइया । 1 पस्त गंदला किया हुआ भ्रष्ट किया | पाक्य (वि० ) राँधने के योग्य हुआ दगीला दाग़दार | ३ भ्रष्ट करने वाला अपमान करने वाला | ! पकाने योग्य | पांसुल पांशुल पांसुलः ) (पु० ) १ लंपट मनुष्य अधर्मी मनुष्य | पांशुलः ) नास्तिक मनुष्य | रशिव जी का नामान्तर । रजस्वला स्त्री। २ दिनाल पाचन चार यश पोरसर्ग और गृहमतिष्ठा आदि कार्यों में किया जाने वाला खीर का हवन/- शुक्ला, ( स्त्री० ) खड़िया मिट्टी । -शासनः, ( पु० ) इन्द्र का नामान्तर !-शासनिः, ( पु० ) १ इन्द्रपुत्र जयन्त का नाम २ वादि का नाम । न का नाम । [ ज्वर पाकल ( पु० ) १ अग्नि २ हवा ३ हाथी का पाकिम (दि० ) १ रौंधा हुआ । पकाया हुआ है साफ किया हुआ २ पकाया हुआ। ( डार का या पाल का ) । ३ उबाल कर उपलब्ध ( यथानि- यम ) साफ करने योग्य पाक्यः ( पु० ) सेोरा। पाक्ष (दि० ) [ सी० - पाती ] शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पखवारे का २ किसी दल से सम्बन्ध 1 पांसुला) (श्री०) १ पांशुला ) औरत |३ ज़मीन | भूमि | रखने वाला। पाकः (पु०) १ भोजन बनाने की किया २ पकाने | पाक्षिक ( वि० ) [ स्त्री०- पाक्षिकी ] : किसी पखवारे से सम्बन्ध युक्त। पखवारे का । २ पक्षी सम्बन्धी ३ किसी दल की पक्षपात करने वाला। ४ युक्ति सम्बन्धी ५ ऐच्छुक पाक्षिकः (पु० ) बहेलिया । चिड़ीमार | की जैसे एंट आदि की किया। ३ पचन (भोजन) की क्रिया हजम करने की क्रिया ४ प्रकृत ५ पूर्णता । ६ परिणाम। फल । नतीजा | ७ किये हुए कमों का विपाक | कर्मविपाक अनाज नाज | १ (घाव या फोड़े का) पक जाना । १० ( बालों का पक कर वृद्धावस्था के कारण ) सफेद होना ११ गार्हपत्याग्नि । १२ उल्लू | १३ बच्चा १४ एक दैत्य का नाम जिसे इन्द्र ने मारा था।अगा. (पु०) अगारं, (न०) --भागार ( पु० ) - आगारं, (न० ) शाजा, ( श्री० ) - स्थानं, (न० ) रसोईघर | पाखंड: ट्रे पाखण्ड: S ( पु० ) नास्तिक | | पागल (वि०) विक्षिप्त जिसका दिमाग ठीक न हो। पतिय ) ( पिं० ) भोजन की पंगति में एक साथ पाक्य ) बैठने योग्य | संसर्ग करने योग्य । पाचक (वि० ) १ रॉधने वाला भोज्य पदार्थ बनाने वाला। सेकने वाला। २ पका हुआ | ३ ( भोजन को ) पचाने वाला। -अतीसाः ( पु० ) पुरानी दस्तों की जं बनाने वाली। बीमारी। -अभिमुख, (वि० ) १ गद्दर | | पाचकं (न० ) पित्त :--स्त्री. (स्त्री० ) 1 रसोई पकने को तैयार २ अनुकूल होने वाले ( न० ) १ काला निमक। कछिया निमक | २ अफरा। -पात्रं, ( न० ) रसोई के बरतन -पुढी, ( श्री० ) कुम्हार का थँवा-यशः, ( पु० ) पञ्च महायज्ञ में ब्रह्मयज्ञ को छोड़ धन्य पाचकः ( पु० ) १ रसोइया | २ अग्नि । पाचन (वि० ) [स्त्री० -- पाचनी] १ पचाने वाला। हाज़िम | २ किसी वस्तु के अजीर्ण को नाश करने