पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४७४

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पद - पद् चली ३ इंट| सूखी ईंट का पाठ ( पु० ) वेद पढ़ने का क्रम विशेष|पातः- विचैषः, (पु० ) क़दम पग-बन्धः (पु० ) पग कदम 1-भञ्जनम्, ( न० ) शब्दों का पृथक्करण। भखिका, (स्त्री० ) टीका जिसमें शब्दों की सन्धियों और शब्दों के समासों पर | अधिक श्रम किया गया हो। २ वही। रजिस्टर | ३ पञ्चाङ्ग भ्रंशः, (पु०) पदच्युति । मुअत्तली माला, (सी० ) तांत्रिक मंत्र (-योपनं. (न०) बेही । [ वैदिक ] 1-वायः, (पु० ) [ वैदिक ] "नेता पेशवा विष्टम्भः ( पु० ) पग कदम | -वृत्ति ( स्त्री० ) दो शब्दों की सन्धि | | -व्याख्यानं, (न० ) शब्दों की व्याख्या या टीका। -संघातः, संघशटः, (पु०) संहिता | के उन शब्दों का मिलान जो पृथक हैं। २ टीका- कार | व्याख्या करने वाला।स्थ, (वि०) ९पैदल चलने वाला | २ अधिकारी या उच्चपदस्थ !-- स्थानं, (ज० ) पदचिन्ह | पदं ( न० ) १ पैर । २ दम | पग | ३ पदचिन्ह | पैर का निशान ४ खोज पता चिन्ह छाप २ स्थान स्थिति अवस्थान ६ महिमा | मर्यादा पढ़ | ७ कारण । गुखादि का आधार | आवासस्थान घर मकान पदार्थ । आधार रलोकपाद । १० विभक्ति युक्त या पूर्ण शब्द । ११ वहाना १२ वर्गमूल १३ ( fere are का ) खण्ड या बैंश |-१४ लंबाई नापने का मौंप १५ वृत्तपाद वृत्त या उसकी परिधि का चतुर्थीश ६ किसी श्रेणी का अन्तिम भाग १७ भूखण्ड । पदः (पु० ) प्रकाश की किरण • { पदकं ( स० ) पग कदम परिस्थिति पद | पदकः (पु०) दार गले का आभूषण का शाता । ३ निष्क | सुवर्ण की तौल पदविः ) ( स्त्री० ) १ मार्ग | रास्ता २ पद पदवी संस्थान | स्थान १३ जगह ४ सदा- ( ४६७ ) - पदातः पदातिः, २ पदपाठ विशेष | चरण । ) ( पु० ) १ पैदल सिपाही । २ पैदल | चलने वाला। - अध्यक्षः, (पु० ) पैदल सेना का चमूपति । पद्म पदातिन् ( वि० ) १ पैदल सेना रखने वाला | २ पैदल चलने वाला । ( पु० ) पैदल सिपाही । पदातिक ( पु० ) पैदल सिपाही दरवान | पहातीयः पारः (पु० ) पैर की भूल पदिः [ वैदिक ] पैदल चलने वाला | २ एक पाद लंबा ३ केवल एक दल या विभाग वाला। पदिकः ( पु० ) पैदल सिपाही पदिकम् ( न० ) पैर की नोंक : पदेशः ( पु० ) बाजप पद्धन् ( पु० ) मार्ग | रास्ता | देखो पढ़ अन्तर्गत 1 पन (०० गिरा हुआ हूया हुआ नीचे उतरा हुआ। २ गया हुआ। पद्मम् ( न० ) १ नीचे की थोर गति उतार पतन २ रेंगना | पनगः ( पु० ) सर्प सौंप पद्म (वि० ) कमल के रंग का: अक्ष, वि० ) कमल सदृश नेत्र वाला 1-अक्षः, ( पु० ) विष्णु का नामान्तर /- अक्षम्, (न०) कमलगट्टा । --अन्तरम् ( न० ) -अन्तरः ( पु० ) कमलपत्र ।--ग्राकर, (पु० ) १ यदा तलाव जिसमें कमल की बहुतायत हो । २ जलपूर्ण सरोवर या ताजाव। ३ कमल का तालाव | ४ कमल समूह -शालयः ( पु० ) सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का नामान्तर 1 प्रालया ( स्त्री० ) १ लक्ष्मी देवी का नामान्वर । २ लवङ्ग | लौंग ।-- श्रासनं, ( न० ) कमल की बैठको ध्यान करने के लिये बैठने वालों का आासन विशेष जिसमें पालथी मार कर सीधे बैठते हैं ।-यासनः, (पु०) १ सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का नामान्तर । २ शिव का नगमान्तर ३ सूर्य का नामान्तर 1-आम् ( न० ) लवङ्ग । लौंग /-उद्भवः (पु० ) बा का नामान्तर। -कर, - हस्त ( वि० ) वह जिसके हाथ में कमल होकरः, - हस्तः, ( पु० ) १ विष्णु का नामान्तर | २ कमल सदृश हाथ | ३ सूर्य का नामान्तर 1-करा, हस्ता,