पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४७३

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( ४ पथक ( पु० ) १ रास्ता जानने वाला | २ मार्च यत खाने वाला। पधत् (पु०) माग | सड़क पथिक (पु०) यात्री २ पथप्रदर्शक - प्राश्रयः, ( पु० ) सराय : धर्मशाला । -सन्नतिः, - संहतिः, (खो० ) - सार्थः, (पु० ) यात्रियों - पथक का 1 पथिका ( स्त्री० ) मुनका पथिन ( पु० ) १ राह मार्ग सड़क २ यात्रा | ३ पहुँच बसव का ढंग ५ पंथ सम्प्रदाय सिद्धान्त ६ नरक का विभागकृत (पु० ) [ वैदिक ] पथप्रदर्शक २ अग्नि का नाम । - देयं, (न० ) सार्वजनिक सड़कों पर लगाया गया राजकर द्रुमः, (पु० ) कत्था का पेड़ | -प्रज्ञ, (वि० ) राखों का जानकार/-वाइक, ( वि० ) निष्ठुर (~वाहकः ( पु० ) १ शिकारी। चिनीमार बहेलिया २ बोका ढोने बाजर। कुली । पथिलः (पु० ) यात्री राहगीर । मुसाफिर । पथ्य ( वि० ) १ लाभदायक | गुणकारी | २ योग्य | उपयुक्त उचित ।-अपथ्यम् (न० ) हित- कारी और अहितकारी वस्तुएं । 1 पथ्यम् ( न० ) १ रोगी के लिये हितकर वस्तु या आहार | २ नीरोगता। पथ्या (स्त्री० ) भार्ग रास्ता पद् (धा० धात्म०) [पदयतें] जाना । चलना फिरना । ( भिजन्त ) १ जाना | २ समीपगमन | ३ प्राप्ম करना ४ अभ्यास करना। अनुष्ठान में लाना। २ [ वैदिक ] थक कर गिर पड़ना ६ [ वैदिक ] नाश करना | पद ( पु० ) १ पैर । २ चतुर्थ भाग चौथाई हिस्सा। -काषिन, ( वि० ) पैर मलने या खरोचने वाला २ पैदल जाने वाला । (पु० ) पैदल चलने वाला-गः (=पः) (पु० ) पैदल सिपाहीज, (=ज्जः ) १पैदल चलने वाला। २ शुद्ध | ना, – नधो, (स्त्री०) मुंडा जूता। शू । बुद/निष्कः, ( पु० ) निष्क सिके का चतुश/- रथः (=पद्रथः) (पु० ) पैदल ) सिपाही इति १ मार्ग 2 } शब्द ( 5० ) पैर की आहट हती, (स्त्री० ) [ = पद्धतिः पद्धती ] सड़क । रास्ता २ पंकि । श्रेणी | अवली ३ उपनाम उपाधि पदवी। जाति सूचक उपाधि [गया शर्म वर्म गुरु और दास ।] ४ एक श्रेणी के लेखों का नाम 1-हिमं, (= पद्धिमं ) पैरा की रंडक-अङ्कः, ( पु० ) -चिन्हन्, (न० ) पैर का निशान-- गुड, ( पु० ) पैर का अँगूठा 1-अध्ययनम् (न० ) पदपाठ के अनुसार वेदाध्ययन अनुग पछियाना| पीछे लगना ।-अनुगः ( पु० ) अनुयायी पिछलग्गू |-अनुरागः, ( पु० ) 1 चाकर नौकर २ सेना ।-अनुशासनम्, व्याकरण-अनुषंगः ( पु० ) कोई वस्तु जो पद में जोड़ दी जाय। - अन्तः (पु० ) १ किसों वाक्यगढ की पंकित की समाप्ति | २ शब्द का श्रन्त/अन्तरं, (न० ) और एक पग एक पग का अन्तर। अन्य (वि० ) अन्तिम जं, अम्भोजन - अरविन्दम्. कमलं, - - - पङ्कजम्- पद्मं, (१०) कमल जैसे पैर/अर्थ: ( पु० ) १ शब्दार्थ | २ पदार्थ | वस्तु ३ अभि- धेय -श्राघातः, ( पु० ) लात /- आजि ( पु० ) पैदल सिपाही दिः ( पु० ) वाक्यखण्ड के चारम्भ की पंक्ति । किसी शब्द का आदि या प्रथम अक्षर । —विद्, (पु०) कुशिष्य । बुरा शागर्द।- उत्तपता, ( श्री० ) जूती । आवली (स्त्री०) शब्दों की श्रेणी। -प्रासनं, ( म० ) पैर रखने की काठ फी चौकी विशेष ग्राहत (वि०) लतियाया हुआ। कारः, कृत् ( पु०) पदपाठ का रचयिता। - क्रमः, (पु०) चलना। गमन (गः (पु० ) पैदल सिपाही । -गतिः, ( स्त्री० ) चाल । वेदः - विच्छेदः, (पु० ) -विग्रहः ( पु० ) शब्दों का पार्थक्यच्युत ( वि० ) स्थान या पद से ध्रुथक् किया जाना मुअसली-भ्यासः, ( पु० ) १ कदम रखना | २ पदचिन्ह ३ विशेष ढंग से पैर का रखना। ४ गोपुर गोखरू । ५ श्लोकपाद लिखता :-- पंक्तिः, (स्त्री०) पदचिन्हों की श्रेणी | २ शब्दा- · -