पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४५८

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नमयकम् नमंत्रणकम् ( न० ) भोज । दावत । नैमित्तिक ( वि० ) [खी॰ -नैमित्तिकी] १ जो किसी कारण विशेष वश किया जाय । जो निमित्त या कारण उपस्थित होने पर या किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिये हो । २ थलाधारण । कभी कभी होने वाला। नैमित्तिकम् ( न० ) १ कारण । २ कभी कभी होने वाला शास्त्रोक्त कर्म ● नैमिषी ] एक निमिष या विनश्वर । नैमित्तिकः ( पु० ) ज्योतिपी । फरिश्ता | ईश्वरबूत । नैमिष (वि०) [ सी० क्षण रहने वाला क्षणिक नैमिषं ( न० ) नैमिपारण्य सीर्थ । नैमेयः (पु० ) विनिमय बदलौल | नैयग्रोधं ( न० ) गूलर का फल । गूलर का वृक्ष | नैयत्यं ( न० ) संयम | जितेन्द्रिय | नैयमिक (वि० ) [ स्त्री०- नैयमिकी ] नियमित नियमानुसार । नैयमिकं ( न० ) नियमानुसारता नैयायिक (पु०) न्यायशास्त्र का जानने वाला। न्यायवेत्ता | ( ४५१ ) नैरंतये नैरन्तर्यम् नोघा नैल्यम् (न०) नीलापन। नीलारंग । ( ) सामीप्य सकुड़न । नैविड्यम् } बनिष्ठता ! धामी नैवेद्यम् ( न० ) भोज्य पदार्थ जो किसी देवता को अर्पण किया जाय। रात नेश (वि० ) [ स्त्री०- नैशी ] नैशिक (वि० ) [ स्त्री० -नैशिकी ] ) सम्बन्धी । २ रात में दिखलाई पड़ने वाला। नैश्चल्यं ( न० ) अटलता । अञ्चलता । नैश्चित्यम् ( न० ) १ हद विचार । पक्का इरादा । निश्चय ! २ निश्चित कृत्य या रस्म । नैषधः ( पु० ) १ निषध का राजा । २ यह उपाधि इस देश के राजाओं में से राजा नल की थी। ३ निपध-देश-वासी । 1 नैष्कर्म्य ( न० ) १ सुस्ती अकर्मण्यता २ कर्म या कर्मफलों से छेका हुआ चा मुसूखसना | ३ समाधि द्वारा प्राप्त मोच । नैष्किक ( न० ) [ स्त्री० --नैष्किकी ] वस्तु जिसका मूल्य एक निष्क हो । नैष्किकः ( पु० ) १ टकसालघर का व्यवस्थापक नैष्ठिक (वि० ) [ स्त्री० --नैष्ठिकी ] 1 अन्तिम | } ( न० ) निरन्तरत्व । अविच्छेदत्व । । खीर | २ निर्यात स्पष्ट । पक्का । ३ निर्दिष्ट | दृढ़ | सतत । ४ सर्वोच्च पूर्ण ५ पूर्णतया परिचित या अवगत ६ सदैव के लिये स्यागने और शुद्ध रहने का व्रत धारण करने वाला। नैरपेक्ष्यम् (न०) निरपेक्षता । तटस्थता । उदासीनता । नैरयिकः ( पु० ) नरकबासी । नैरथर्धम् ( न० ) निरर्थकता । ऊटपटाँग । वाहियाद | | नैष्टिकः (पु०) वह ब्रह्मचारी जिसने आजन्म के लिये नैराश्यम् (न० ) १ नाउम्मेदी निराशा का भाव । ब्रह्मचर्यव्रत धारण किया हो औौर जो अपने गुरुदेव की सेवा में रहे। २ आशा या इच्छा का अभाव | नैरुक्तः (पु० ) शब्द-व्युत्पत्ति तत्वज्ञ । नैरुज्यम् ( न० ) स्वास्थ्य । तंदुरुस्ती । नैऋतः ( पु० ) राचस। दैत्य | नैॠती (स्त्री० ) १ दुर्गादेवी : २ दक्षिण-पश्चिम का कोना। उपदिशा विशेष नैर्गुण्यम् ( न० ) १ गुणों का अभाव | २ उत्तमता का अभाव | अच्छे गुणों का अभाव नैर्घृण्यम् ( म० ) निष्ठुरता । नृशंसता । क्रूरता । नैर्मल्यम् ( न० ) सफाई। शुद्धता । निष्कलङ्कता | नैर्लज्ज्यम् ( द० ) निर्लज्जता । बेशर्मी | नैष्टुर्यम् ( न० ) क्रूरता | नृशंसता | निष्ठुरता | नैष्ठ्यं ( न०) दृढ़ता | मज़बूती स्थिरता स्थिरत्व । नैसर्गिक (वि० ) [ स्त्री० - नैसर्गिकी ] स्वाभा विक। प्रकृतिजन्य । परंपरागत नैस्त्रिंशकः ( पु० ) तलवारबहादुर। खङ्गधारी । नो (अव्यया० ) ( न+उ ] नहीं। न । नोचेत् (अव्यया० ) नहीं सो । अन्यथा । नोदनम् ( न०) प्रचोदना | प्रेरणा गोदना चलाने या हौंकने का काम | नोधा (अव्यया० ) नौ हिस्सों में नौगुना।