पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४५७

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नेत्रिकम् ( न० ) सुर्मा | - रोमन ( न० ) आँख की | बिरनी या बन्ही । --वस्त्रं, (२०) यूँ घट विशेष -सन्मः, (पु० ) का पथरा जाना आँखों का हिलना इतना बंद हो जाना । नेत्रिकम् ( न० ) १ पाइप | नली | २ कलछी । नेत्री ( ० ) १ नदी । २ धमनी | ३ स्त्रीनेता ४ जन्मी देवी । नेपालजा नेपालजाता ( ४५० ) नैःस्वयं) नेदिष्ठ (वि० ) अत्यन्त निकट। निकटतम् । नैदीयस् ( वि० } { स्त्री॰—नेदीयसी ] निकटतर । नेपः ( पु० ) घर का पुरोहित नेपथ्यम् ( स० ) १कार | भूषण | २ पोशाक । परिच्छद ३ अभिनयकर्ता की पोशाक | वह स्थान जहाँ नाटक के पात्र अपना रूप भरते रूखा। हैं 1 ५ पर्दे के पीछे का स्थान ।—विधानं, (न० ) नैगमः ( पु० ) १ वेद का व्याख्याकार या टीकाकार । नैगम (वि० )[ खो० -नैगमी, ] वेद सम्बन्धी । उस स्थान की व्यवस्था जहाँ अभिनयकर्ता अपना रूप भरते हैं । नेपालं ( न० ) ताँगा । २ उपनिषद् | ३ युक्ति | उपाय | विवेकपूर्ण आचरण | ५ नागरिक । व्यापारी । सौदागर । महाजन | १ नेपालः ( पु० ) भारतवर्ष के उत्तर में स्थित स्वनाम- | नैघंटुकम् } (न॰ ) १ वेद का शब्दकोष । वैदिक ख्यात राज्य विशेष | नैयराटुकम्/ शब्दों का कोष | २ शब्दकोष नैचिकं (न० ) बैल का सिर । नैचिकी (स्त्री० ) एक उत्तम गौ नैतलं (न० ) नरक | पाताल /-सझन्, ( ५० ) नैमृत्य ( न० ) धनहीनता। गरीबी मुहताजी | नैक (वि० ) [ न + एक ] एक नहीं - प्रात्मन्, ( पु० ) रूपः, ( पु० ) - शृङ्गः ( पु० ) पर- ऋतु। ३ सीमा हद ४ छाता | बाड़ा । ५ दीवाल की नींव ६ कुन्त फपढदा ७ सन्ध्या। शाम ८ गढ़ा सूराख ६ जड़ | नेमिः ) ( स्त्री० ) १ चक्रपरिधि | २ किनारा । नेमो बाद । ३ व्यास । चक्कर १४ वज्र | पृथिवी नेमिः ( पु० ) तिनिश वृक्ष। तिनास । तिनसुना । नेष्ट्र ( ५० ) सोमयाग में यज्ञ कराने वाले, जिनकी संख्या १६ होती है। नेष्टु (पु० ) मट्टी का ढेला । नैःश्रेयस (वि० ) [स्त्री०-नैःश्रेयसी नैःश्रेयसिक (वि०) [स्त्री० -नैःश्रेयसिकी] बाला। सिंगरफ। नेपाला: ( पु० ) नेपाल देश के अधिवासी । नेपालिका (स्त्री० ) सिंगरफ | [ फल । यम । नेपाली ( स्त्री॰ ) जंगली छुहारेका वृक्ष या उसके नेम (बि०) [ कती बहुवचन–नेमे,–नेमाः] आधा नैत्यं ( न० ) अनन्तता । सातत्य । नैत्यक (वि०) { स्वी० नैत्यकी अवधि }} अनुष्ठेवदेव । ब्रह्म। नैकटिक (वि० ) [ स्खी० -नैकटिकी ] पड़ोस का | भिक्षुक पास का समीपी। नैकटिकः ( पु० ) साधु नैकवेयः (पु० ) राक्षस । दानव । नैकवयं (न०) सामीप्य समीपता | } नैकृतिक ( वि० ) [ स्त्री० -नैकृतिकी ] १ येईमान | झूठा | २ कमीना | नीच दुष्ट | ३ धुन्ना । मोच देने - 1 नियमित रूप से अनुष्ठेय | ३ अनिवार्य | जो टल न सके । नैदाघः (पु० ) ग्रीष्म ऋतु । गर्मी का मौसम । नैदानः ( पु० ) शब्द व्युत्पत्ति-तत्व | नैदानिकः ( पु० ) निदान शास्त्र विशारद । नैदेशिकः ( पु०) आशापालन करने वाला मौकर नैपातिक (वि० ) [ स्त्री०- नैपातिको ] अकस्मात या दैवसंयोग से वर्णन करने वाला। 1 - नैपुरायम् ( न० ) १ निपुणता । पटुता । चातुर्य । योग्यता । २ नाजुक मामला ।। ४ सम्पूर्णता नैमृत्यं (न०) लाज | सङ्कोच । विनम्रता । २ रहस्य