पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४५९

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( ४५२ ) नौ 1 " नो ( श्री० ) १ जहाज पोन नौका | नाव | बेदा २ एक नत्र का नाम -शाराह [= नावा राई (पु०) श्नाव का यात्री २माझी वारः, (पु०) डाँइ खेने वाला |--कर्मन, (न०) माझी का पेशा -चरः-जोषिक (पु० ) | मरजाह माझी। -तार्य, (वि० ) जहाज़ या नाव में बैठ कर जाने योग्य दराडः, (पु० ) डाँड़ /- यायिन् ( वि० ) यात्री 1-वाहः, ( ० ) नाव चलाने वाला जूदाज़ का बड़ा अफसर या कपतान। व्यसनं, (न० ) जहाज का नष्ट होना । जहान का नाश । ~ साधनं, ( न० ) जहानी बेड़ा। नौसेना। जलसेना । नौका (सी० ) छोटी नाव | बोट । दण्डा, (पु०) डाँड़ न्यक् ( अव्यया० ) एक अव्यय जो तिरस्कार, अधः- पात, अपमान का अर्थवाची है। कारणं, ( न० ) कार ( पु० ) अधःपात | अपमान | हतक ।-भावः, ( पु० ) अधःपात । तिरस्कार | अपकृष्ट बनाने वाला। अधीनताई। मातहती। -भावित, ( वि० ) १ तुरछ | अष:- पतित अपमानित | २ धामीकृत | न्यक्ष (वि० ) नीच | अपकृष्ट दुष्ट कमीना | त्यक्षं ( न० ) सुराख । न्यक्षः (पु० ) १ भैसा | २ परशुराम | न्यग्रोध ( पु० ) व बरगद का पेड़ २ लंबाई का एक नाप उतनी लंबाई जितनी कि दोनों हाथों के फैलाने से होती है। पुरसा- परिमण्डला, (खी० ) उत्तमाखो | उत्तमात्री का लक्षण इस प्रकार हैं :- मिध्ये विशालता मध्ये शोधा] [[भवेदासा म्ययोधपरिभण्डला अन्यच्च "हर्वाकारडभिव श्यामा पोषपरिभवडला ।" न्यङ्कः ( ५० ) वारहसिंहा विशेष । म्यंच् ? (वि० ) [स्त्री० - नीवी] १ नीचे फेंका था भ्यञ्च ) मुश हुआ।२ मुंह के बल पड़ा हुआ | ३ नीच | तुच्छ कमीना | दुष्ट ४ सुस्त काहिल | २ समूचा समस्त । न्याय न्यचनम् ) ( न० ) १ मोड़ | घुमा न्यञ्चनम् स्थान छिपने की जगह गुफा। २ लुकने का १ सुखाल न्ययः ( पु० ) 1 हानि | नाश । २ बरवादी । न्यसनम् ( न० ) १ धरोहर | न्यास | २ सौंपना दे देना | J व्यस्त ( ३० कृ० ) १ नीचे फेंका हुआ फेंका हुआ डाला हुआ। २ रखा हुआ घरा हुआ। ३ स्थापित किया हुआ। बैठाया या जमाया हुआ। ४ चुन कर सजाया हुआ। ५ घरोहर रखा हुआ। अमानत रखा हुआ हस्तान्तरित किया हुआ। ६ छोड़ा हुआ हटाया हुआ। त्यागा हुआ।~~दण्ड, (वि० ) सजा से बरी किया हुआ दण्डः (पु० ) संन्यासी -देध, ( पु० ) सूत | मरा हुआ -शस्त्र ( वि० ) १ वह जिसने अपने हथियार रख दिये हों। २ निरख। जिसके पास अपने बचाव के लिये कुछ भी न हो । ३ जो हानिकारक न हो । न्याक्यं, ( म० ) भुना हुआ चावल । न्यादः ( पु० ) भोजन। आहार। 1 न्यायः ( पु० ) १ पदति । तौरतरीक़ा | रीति । नियम | दव र योग्यता औौचिष्य । उपयुक्तता । ३ आईन। इंसाफ | पुण्य | खरापन | धार्मि- कता।। ईमानदारी ४ मुकदमा | कानूनी कार्र बाई ५ फौजदारी कानून के अनुसार सना६ राजनीति पालिसी सुशासन ७ साहस्य | समानता । ८ प्रसिद्ध नीतिवाक्य । प्रसिद्ध कहा- वत फबती हुई नज़ीर उपयुक्त उदाहरण । उदाहरण १ वैदिकस्वर विशेष १० सावं- जनिक नियम 139 हिन्दूषडदर्शनों में से एक, जिसके थाविष्कारकर्ता गौतम ऋषि थे । १२ न्यायशास्त्र १३ सवयव सर्फ जिसमें प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण, उपनय और निगमन ये पाँच अवयव होते हैं । १४ विष्णु /~-पथः, (पु० ) मीमांसा शास्त्र - वर्तिन, ( वि० ) सदाचारी /- वादिन्. (वि० ) वह जो ठीक और न्यायोचित बात कहता है।- वृत्तं, (न० ) अच्छा चाल- चल्लन । पुख्य । सगुण ।~शास्त्रं, (न० )