पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४४०

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( ४३३ ) निर् न मिले। जिसस मनारजन न हो। जैसे नीरस काव्य | ४ अप्रिय । ५ निष्ठुर बेरहम --रसः (नीरसः ) ( पु०) अनार:-रसन (वि० ) (मरसन ) विना कमरवंश का 1-ल्लु, ( वि० ) ( ) मंद धुंधला जिसमे चमक हो । रुज, -राज, ( श्रीज्, ) ( वि० ) मीरोग । जो रोगी न हो।-रुष, (1 नीरूप. ) ( दि०) आकारशून्य । जिसकी कोई शक्क न हो।-रोग, (नीरोग) (वि०) स्वस्थ चंगा अगरहित सुरक्षित | सर (वि०) : अत्यधिक उग्र प्रचण्ड २ उत्सुक घनिष्ठ ३ गम्भीर ४ परिपूर्ण-भाग्य (वि०) अभागा । बदकिस्मत |~भृति, (वि०) जिसका रोज़नवारी यानी मज़दूरी न मिली हो ।-मतिक, (जि० ) मक्खियों से रहित। एकाकी । एकान्त-मत्सर, ( वि० ) ईयरहित । --माझ्य, (वि० ) मधु- लियों से शून्य। -मद, (वि० ) जो नशे में न हो । जो अभिमानी न हो। ~ मनुज, मनुष्य, ( वि० ) गैरआवाद | जहाँ कोई मनुष्य न रहता हो। -मन्यु (वि० ) सौंसारिक सम्बन्धों से मुक्त | निस्वार्थी निरव - मर्याद. ( वि० ) असीम :-मल, ( वि० ) १ जिसमें मैल न हो । साफ़ | स्वच्छ । २ चमकीला | ३ पापरहित | --मलं, (न० ) 1 अक। २ निर्मली। देवता को समर्पित पदार्थ का अवशेष |~मशक, (वि०) मच्छरों से रहित-मांस. ( वि० ) माँस से रहित 1-मानुष, (वि०) गैरआवाद | उजाड़ | - मार्ग, ( वि० ) पथशून्य /-मुटः (पु० ) १ सूर्य | २ बदमाश । गुंडा । मुटं, (न०) बढ़ा बाज़ार या बड़ी पैंठ-मूल, ( बि० ) जड़द्दीन । २ आधारहीन | ३ मिटाया हुआ ।-मेघ, (वि०) विना बादलों का। -मोह, (वि०) मूर्ख । मूह । -मोह, (बि०) निर्भ्रान्त। श्रश्रान्त। --यक्ष, (वि०) अक्रियाशील सुस्त । -यंत्रण (वि० ) जिसकी कोई रोकटोक न हो। जो वश में न रह सके । हठी | जिद्दी । -यंत्रणम्, ( न० ) स्वाधीनता | मनमौजीपन | ~ यशस्क, (वि०) अकीर्तिकर 1- ग्रुथ, (वि०) झुंड से छूटा हुआ।- रक्त (नरत, बे रंग का फीका-रज, रजस्क, ( वि० ) (नोरज, नीरजस्क, ) 1 जिसमें गर्द गुबार न हो। (स्त्री० ) स्त्री जो रजस्वला न हो। -रन्त्र, (=नोरन्ध, ) (वि०) १ बिना छेदों या सूराखों का २ सघन घना ३ मैौटा। जाड़ा । -रव, (नीव) (वि०) जो शोर न करे। जो कोलाहल न करे। -रस, (नीरस. ) (वि०) १ जिसमें रस न हो। रसहीन सूखा | शुष्क | २ फीका जिसमें कोई स्वाद न हो। जिसमें कोई आनन्द 1-- 1 - तंदुरुस्त लक्षण, (वि०) १ जिसके शरीर में कोई शुभ चिन्ह न हो । २ जिसको कोई पहचान न पावे | ३ सुच्छ | ४ जिसमें कोई धन्या न हो 1-लज्ज, (वि० ) बेहया | वेशर्म I-- जिङ्गः (पु० ) जिसकी पहचान के लिये कोई चिन्ह न हो लेप (वि०) १ विषयों से अलग रहने वाला निर्लिप्त। २ जो लीपा पोता न गया हो । ३ पापरहित कलङ्कशून्य - - लोभ, 1. - ( दि० ) जो लोभो न हो। जो लालची न हो । इच्छा रहित-लोमन् (वि० ) जिसके बाल न हो ।वंश. (वि० ) सन्तानहीन वगण, - वन, (वि० ) जंगल के बाहिर । जहाँ जंगल न हो। खुला हुआ ऊसर । -वसु, ( वि० ) निर्धन । गरीव - -घात, वि० ) जहाँ पवन न हो । शान्त /- वातः, (पु०) ऐसा स्थान जो पवन के उपयों से रक्षित हो । -वानरा, (वि० ) जहाँ बंदर न हों 1-वायस, (वि० ) जहाँ कौए न हों। विकल्प विकल्पक, ( दि० ) १ जो विकल्प परिवर्तन या प्रभेदों से रहित हो। २ जो हद विचार वाला न हो। ३ जो पारस्परिक सम्बन्ध न रख सके। -विकार, ( वि० ) ३ अपरिवर्तित । जो बदले नहीं। २ जिसका कोई स्वार्थ न हो -विकास, ( वि० ) अनखिला हुआ 1-- विघ्न, (वि० ) विना विघ्न बाधा के वित्र वाधाओं से मुक्त | - विनम् ( न० ) विनों का अभाव /- विचार, ( वि० ) अविचारी। जो किसी बात पर विचार न करे। अविवेकी 1~-विचिकित्स, ( वि० ) वह जो सन्देह या शहा न करे । सं० श० कौ०-५ 4