पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४२६

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नाग ( ४१६ ( पु० ) शेष जी । अतः (पु० - रातिः- (पु० ) १ गरुड़ | २ मोर | ३ सिंह । --प्रशनः, ( पु० ) १ मयूर 1२ गरुड़ /- श्राननः, ( पु० ) गणेश जी । - प्रातः, ( पु० ) हस्तिनापुर | इन्द्रः ( पु० ) १ उत्कृष्ट हाथी । २ ऐरावत | ३ शेष जी । –ईशः, ( पु० ) · शेष जी । २ परिभाषेन्दुशेपर के रचयिता का नाम ( नागेश भट्ट ) ३ पातअलि का नाम । - उदरं, ( न० ) लोहे का तबा या बकतर जिसे अस्त्रों के आघात से बचने के लिये छाती पर बाँधा करते थे २ गर्भापद्रव भेद । -केसरः, (पु० ) सदाबहार का पेड़ --गर्भम्, ( न० ) सिन्दूर 1-चूड़ः, ( पु० ) शिव जी । -जं, ( न० ) १ सिन्दूर । २ बंग । – जिडिका, ( स्त्री० ) मैनसिल 1- जोवनं ( न० ) बॅग | फूका हुआ बंग | - दन्तः, - दन्तकः ( पु० ) १ हाथीदाँत । २ खूंटी जिस पर कपड़े आदि टाँगे जाते हैं। --तन्ती, (स्त्री०) १ सूर्यमुखीफूल विशेष | २ रंडी | वेश्या |-नक्षत्रं, ( न० ) नायकं, (न० ) अश्लेषा नक्षत्र |-- कः, ( पु० ) सर्पों का राजा - नासा, ( स्त्री० ) हाथी की सूँड । -निर्यूहः, ( पु० ) | खूंटी या बैक्रट । - पञ्चमी, ( स्त्री० ) श्रावण शुद्धा ५ को नाग सम्बन्धी एक उत्सव विशेष । -पदः, ( पु० ) रतिबंध | मैथुन करने का आसन विशेष - पाशः, (पु०) १ऐन्द्रजालिक फंदा, जो युद्धकाल में शत्रु को फसाने के लिये व्यवहृत किया जाता था । २ बरुण के फंदे का नाम - पुष्पः (०) १ चम्पा का पेड़ ।२ पुनाग वृत्त /- बन्धकः, ( पु० ) हाथी पकड़ने वाला 1- बन्धुः, (पु०) यट या घरगद का पेड़ । चलः, ( पु० ) भीम की उपाधि। - भूषणः, ( पु० ) शिव जी का नाम । - मण्डलिकः, ( पु० ) १ सपेरा | २ सॉप पालने वाला /-मल्लः, ( पु० ) ऐरावत ) राजः, ( पु० ) शेप जी–लता, बल्लरी - बल्ली, (स्त्री० ) पान की लता पान - लोकः ( पु० ) नागों के रहने का लोक। पाता लोक 1- बारिकः, ( पु० ) १ राजा की सवारी का हाथी । २ सहावत । ३ मयूर । मोर | गरुड़ | ५ हाथियों के यूथ का यूथपति । ६ किमी सभा का प्रधान पुरुष:- सम्भवम् - सम्भूतं ( न० ) सिन्दूर 1- सायं. ( न० हस्तिनापुर । नाटार नागर ( वि० ) [ स्त्री०- नागरी ] १ नगर में उत्पन्न हुआ। शहरुमा । २ नगर सम्बन्धी ३ नगर में बोली जाने वाली । ४ शिष्ट । चतुर चालाक ६ बुरा । वह पुरुष जिसमें नगर की बुराइयाँ आगयी हों। नागरः ( पु० ) १ पौर | पुरवासी | २ देवर | ३ व्याख्यान | ४ नारंगी २ थकावट । परिश्रम ६ किसी बात की जानकारी से इंकार । नागरक ) ( वि० ) १ नगर में उत्पन्न | शहरुआ । नागरिक ) २ शिष्ट | सभ्य | ३ चालाक | चतुर विदग्ध । नागरकः नागरिकः ) ( पु० ) १ नगर में रहने वाला | २ शिष्ट मनुष्य । ५ वह जिसमें नगर के समस्त दोष आगये हो । ६ चोर | ७ कारीगर | म पुलिस का प्रधानाध्यक्ष । नागरी (स्त्री० ) १ वह वर्णमाला जिसमें संस्कृत लिखी जाती है। २ कपट से भरी चालाक औरत। ३ स्नुही का पौधा थूहर । नागवीट: १ लम्पट | व्यभिचारी | २ प्रेमी | नागरीट: आशिक | ३ जार } नागरुकः ( पु० ) नारंगी । नागये ( न० ) चालाकी । नाचिकेतः ( पु० ) याग । नाटः ( पु० ) १ नाच । अभिनय करने की क्रिया | २ करनाटक देश का नाम । हाथी । -यष्टिः, (स्त्री० ) - यष्टिका ( स्त्री० ) | नाटकं ( म० ) ड्रामा । दृश्यकाव्य | अभिनय ग्रन्थ । १ नये खुदे ताल का पानी नापने का बाँस विशेष । २ धरती में छेद करने का वर्मा । - रक्तं (न०) - रेाः, (पु०) सिन्दूर ।-रंगः (पु०) नारंगी - नाटकः ( पु० ) अभिनय करने वाला । नट | नाटकीय (वि० ) नाटक सम्बन्धी । नाटार: (५०) नटी का पुत्र