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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३८५

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दिवस, दिवस (वस ( न० ) | दिन | इश्वर कर ( पु० ) दवस (१०) सूर्यमुख (१०) प्रान काल विगम (पु० ) सन्ध्याकाल सूमालकाल | देवा (धन्यवा० ) दिन से दिन के समय में श्रटनः, ( पु० ), काक ( पु० ) उल्लू -अन्धकी, अधिका -अन्धः, ( स्त्री० ) छछूंदर /~कर, ( पु० ) सूर्य । | २ काक | ३ सूरजमुखी फूल।कीर्तिः, (पु० ) १ चारढाल। नीच जाति का आदमो। २ नाई। ३ उल्लू / निशं, (अन्य ) दिन रात |-- प्रदोषः, (पु० ) दिन का दीपक दुर्योध मनुष्य । -भीतः, - भौतिः, (पु० ) १ उल्लू । २ चोर | सेंध लगाने वाला /~-मध्यं, ( न० दोपहर-रात्र (अन्य ) दिन रात । -वसुः, ( पु० ) पुत्र शयं ( बि० ) दिन में सोने चाला | स्वप्नः, - स्थापः, ( पु० ) दिन में सोना | [ या दिन सम्बन्धी देवातन (वि० ) [ श्री० - दिवातनी ] दिन का - दिशा दिव्य ( २० ) १ नैसगिक स्वभाव दैवी २ आकाश ३ ( धरल्याद द्वारा ) परीक्षा | शपथ । किरिया । गम्भीर बोषणा | २ लौंग ६ चन्दन विशेष | दिव्यः (g० ) ( ३७८ ) अलौकिक पुरुप । स्वर्गीय जीव २ यव | जवा३ यम ४ तत्ववेचा दार्शनिक दिश ( धा० उभय० ) [ दिशति-दिशते दिउ ] ² सामने रखना २ सौंपना ४ अदा । १ बतखाना। दिखलाना निर्दिष्ट करना | ३ देना करना | ५ राज़ी होना अङ्गीकार करना । ६ आज्ञा देना हुक्म देना | ७ अनुमति देना । परवानगी देना । दिश ( श्री० ) [ कर्ता एकवचन । दिक, १ दिशा । २ निर्देश | सङ्केत ३ अञ्चल ४ विदेशी अञ्जल दृष्टिकोण ६ भाা। दिग्, ] प्रदेश आदेश । ७ सात की संख्या ८ पक्ष या दल ६ काटने की गूत या चिन्ह । -धन्तः, (पु०) दूरवर्ती स्थान | अन्तरं, (न) १ दूसरी थोर । २ सुदूरवर्ती स्थान नितंग नंगा । j मध्यवर्ती स्थान अन्तरिक्ष | ३ विशेष -अम्बर ( वि० ) मादरजात नंगा |-अम्बर: ( पु० ) १ नागा। जैन या बौद्ध धर्म का २ भिक्षुक संन्यासी | ३ शिव ४ अन्धकार-ईशः -ईश्वरः, (पु० ) दिकपाल |--करः, ( पु० ) १ युवक युवा- पुरुष । २ शिव जी । -कारिका, करी, (खी०) युवती लड़की या स्त्री कारिन्-गज्, दस्तिन, चारणः, (पु० ) अष्टदिमाजों में से एक चक्रं. (न०) १ थाकाश मण्डल | २ समूचा संसार । -ज्ञयः, विजयः, (पु० ) संसार का विजय-दर्शनं, ( म० ) केवल दिशा निर्देश। - नागः ( पु० ) १ दियाज २ कालिदास का समकालीन एक कवि । मुखं, ( न० ) आकाश का कोई स्थान या भाग (मोहः, ( पु० ) दिग्भ्रम । -वस्त्र, (वि० ) नितंग नंगा | नागा। -वस्त्रः ( पु०) दिगम्बरी साधु । २ शिव जी -विभावित ( वि० ) जगत्प्रसिद्ध । देविः ( श्री० ) चाप पक्षी । देव्य (बि० ) १ दैवी स्वर्गीय | नैसर्गिक । २ अलौकिक अद्भुत ३ चमकीला | दमकदार | ● मनोहर | सुन्दर । अंशु, ( पु० ) सूर्य | अङ्गना, नारी, -स्त्री, ( स्त्री० ) अप्सरा, अदिव्य (वि० ) लौकिक तथा अलौकिक (वीर) जैसे अर्जुन (~-उदकं, (न०) वृष्टि का जल । ~ कारिन्, ( वि० ) शपथ खाने वाला सत्यासत्य की परीक्षा देने वाला गायनः, (पु० ) गन्धर्व । -चतुस् (वि० ) १ दिव्य दृष्टि वाला २ अंधा (पु०) १ वानर २ अलौकिक दृष्टि-ज्ञानं, (न० ) अलौकिक ज्ञान नैसर्गिक ज्ञान । -दृश (g०) ज्योतिषी दैवज्ञ 1-प्रश्नः, ( पु० ) शकुन विचार- रत्नं, (न. ) चिन्तामणि /- रथः, ( पु० ) देवविमान जो आकाश में चलता है। -रसः, ( पु० ) पारद। पारा - वस्त्र, (वि० ) नैस- र्गिक परिच्छेद सम्पन्न - खः ( पु० ) 1 धूप । घाम २ सूरजमुखी फूल-सरित ( श्री० ) | दिशा (श्री० ) दिशा | सिम्त । अञ्जल । प्रान्त ।-- श्राकाशगङ्गा ।- सारः, ( पु० ) साल वृक्ष | गजः, -पालः, (पु० ) दिमाज । दिक्पाल | } -