पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३८४

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दाहक वाला भभकने बाला वर. ( १० ) ज्वर जिसके चढ़ने पर शरीर में जलन सी उत्पन्न हो जाय।-सरः, ( पु० ) - सरस्, ( ३० ) --स्थलं, ( न० ) श्मशान मरघद | कवगाह । -हर, (वि० ) गर्मी नष्ट करने वाला हरं, ( न० ) उशीर | खस दाहक (वि० ) [स्त्री० - दाहिका, ] : जलने वाला। सुलगने वाला | २ भाग लगाने वाला ३ दागने बाबा जुल देने वाला। दाहा (वि० ) जलाने योग्य भभक उठने योग्य दिकः ( पु० ) करम | जवान हाथी, जिसकी उम्र २० वर्ष की हो । ( ३७७ दिग्ध, (बि०) १ लिखा हुधा लिपा हुधा २ तिलहा नष्ट किया हुआ । ३ जहर में बुझा हुआ। दिग्धः (पु० ) 1 तेल मलहम । २ उबटन । ३ अग्ति । ४ आग में दुझातीर | ५ कहानी | [सची या कल्पित ] विधिः, दिगिड: दिडिरा, दिण्डिर: वित ( वि० ) फटा हुआ फटा हुआ चिरा हुआ । विभाजित । ( पु० ) एक प्रकार का बाजा विषम् सहित २४ घंटे का है- ( न० ) अन्ध कार --अत्ययः, अन्तः, --अवसानं, (न०) सन्ध्या सूर्यास्त का समय :--अधीशः, (पु.) सूर्य। - ईश्वरप्रात्मजः, (१०) १ शनिग्रह | २ सुग्रीव -करः, -फर्तृ, - कृत् ( पु० ) सूर्य । --केशः, -वः, (पु० ) धन्धकार क्षयः, 1 ( पु० ) सध्या काल थर्या. (स्त्री० ) निस्य का धंधा नित्य का कार्यक्रम ज्योनिस, ( ३० ) धूप दुःखित, ( पु० ) चक्रवाक | चकवाचकईः पतिः, बन्धुः - H मणिः - मयूखः, रक्षं, (न०) सूर्य 1- मुखं ( न० ) प्रातः काल 1-मूर्खन ( १० ) उदया चल पर्वत । -ग्रौवनं (न० ) दोपहर मध्याह्न काल । ) ~ दिनिका (स्त्री० ) एक दिन की मज़दूरी । विरियकर (पु.) खेलने की गेंद दिलीपः ( पु० ) सूर्यवंशी एक राजा जो राज अंशुमत के पुत्र और भागीरथ के पिता थे। किन्तु कालि- दास ने इनको स्खु का पिता बतलाया है। विष् ( धा० परस्मै० ) [दीयति धूत या धूनः ] १ चमकना । २ फेंकना पटकना । ३ जुझा खेलना। पांसों से खेलना कीड़ा करना । २ हँसी मज़ाक करना ६ दांव लगाना ७ बेचना | म फजुल खर्ची करना । उड़ाना । ६ प्रशंसा करना। १० प्रसस होना ११ पागल होना । नशे में चूर होना। १२ सोना । १३ अभिलाषा करना । [देवति, देवयति, देवयते ] १ विज्ञाप करना | २ तंग कराना। सतवाना | दितिः (स्त्री० ) १ उदारता | २ काटफॉस ३ दश की एक कन्या का नाम जो कश्यप को व्याही थी और जो देस्यों की माता थी अः, तनयः, ( पु० ) राचस | दैत्य । दित्यः (पु० ) दैत्य | दिन्सा ( श्री० ) देने की इच्छा विद्वता (स्त्री० ) देखने की इच्छा दिनु ( वि०) देखने के लिये इच्छुक -- दिधिषु (पु० ) १ एक स्त्री का दूसरा पति | २ अक्षत | दिव् ( स्त्री० ) [ कर्त्ता एकवचन- द्यौः] १ स्वर्ग १२ योनि विधवा जिसका पुनर्विवाह हुआ हो। विधिपूः ) (स्त्री० ) दो बार व्याही हुई स्त्री। वह दिघीषूः) अविवाहिता स्त्री जिसकी छोटी बहिन का विवाह होगया हो।-पतिः, (पु० ) वह मनुष्य जिसने अपने भाई की fasarea से मैथुन किया हो । आकाश ३ दिवस ४ प्रकाश चमक - पतिः, (दिवस्पतिः) (पु० ) इन्द्र । -- - स्पृथिव्यौ (दिवस्पृथिव्यौ) पृथिवी आकाश --दिविजः, -दिविएः, दिविस्थः, - दिविसद् ( पु० ) दिविषद् ( 50 ) दिवोकस् (पु०) दिवाकसू -दिवौकसः, (पु० ) स्वर्गवासी देवता । दिवम् ( न० ) १ स्वर्ग | २ धाकाश । २ दिवस । दिघीष ( स्त्री० ) सहायता करने की अभिलाषा । दिनं, (ज०) १ दिन २ दिवस जिसका मान रात ४ जंगल | सं० श० को ४