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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३८३

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दार ( ३७६ ) दाह दारद ( पु० ) पारद | पारा २ समुद्र । ( पु० ) दाव वि० [स्त्री० दायें] लकडी का | काठ का ( न० ) सिन्दूर मॅगर दारा (बहु० ) भार्या पत्नी । टावर ( न० ) कोसिलघर न्यायालय। अदालत | दार्शनिकः ( पु० ) दर्शन शास्त्रों से सुपरिचित । दार्षद (वि० )[ श्री०-दादी ] पत्थर का खनिज चपटे पत्थर पर का फर्श । दाशत ? (वि०) [स्त्री० --दर्शन्ती] रटान्त देकर दान्त समझाया हुआ। 1 दादिमः ( पु० ) इन्द्र का नाम । दावः ( दु० ) देखो दाव |-अग्निः, अनलः, दारका ( बी० ) १ लड़की । २ रंडी | वेश्या । दारित ( वि० ) फटा हुआ। विभाजित कटा हुआ चिरा हुआ। दारिद्र्य (न० ) निर्धनता | ग़रीबी दारी (स्त्री० ) १ दरार | बिवाई | २ रोग विशेष दारु ( वि० ) फाड़ने वाला चीरने वाला। दारूं ( न० ) १ काठ काठका टुकड़ा। शहनीर | २ कुन्डेकती वरंगन | टेकन | डंबी ४ चट सनी । १ देवदारु वृक्ष ६ कच्चा लोहा | ७ पीतल /--अराडः, ( पु० } भोर | मयूर - आघाट: (पु० ) कठकुड़वा-गर्भा, (स्त्री० ) कठपुतली /~जः, (पु० ) ढोल विशेष ।-पात्रं ( न० ) काठ का पात्र | कठोता । -पुत्रिका | पुत्री, ( स्त्री०) काठ की गुड़िया | मुख्याहया- मुख्याता (सी०) चुकली 1--यंत्र (न०) | १ कठपुतलियाँ जो तार के बल नचायी जाती हैं। २ काठ की कोई भी फल |~~-वधूः (पु०) कपुतली | या काठ की गुड़िया। --- सारः (पु०) चन्दन " 2 -हस्तकः ( पु० काठ का चमचा दारु (पु०) १ उदार पुरुष २ चित्रकार | दारुकः ( पु० ) १ देवदारु वृक्ष | २ कृष्ण के सारथी का नाम । दारुका ( स्त्री० ) १ पुतली | २ काठ की बनी किसी की शह। दारुण (वि० ) १ कड़ा रूखा २ कठोर | निष्ठुर करुयशून्य | ३ भयानक | भयङ्कर ४ भारी । प्रचण्ड | ५ वीच्ण । तीव्र | ६ निवारण | ७ दिल दहलाने वाला। दारु ( न० ) सती निष्ठुरता दारुणः ( पु० ) भयानक रस का भाव । दाड (न० ) १ सती ! इढ़ता २ विश्वास जनक प्रमाण | समर्थन । दादु ( न० ) १ शंख (दाहिनावर्ती) | २ जल | }² दाः ( 50 ) दार्भ (वि० ) [ स्त्री०-दाभ ] कुश का बना हुआ। (50) -दहनः, (पु०) दावानल। वन की आग। दाश: ( पु० ) महा। धीमर माह । --ग्रामः, ( पु० ) ग्राम, जिसमें अधिकाँश महुए रहते हों। -नन्दिनी ( स्त्री० ) सत्यवती, जो व्यास की माता थीं। दाशरथः ) ( पु० ) दशरथ का पुत्र । साधारणतः दाशरथि 5 श्री राम तथा उनके तीनों भाइयों का नाम, किन्तु विशेषतः श्रीरामचन्द्र का नाम । दाशा: ( बहु० ) दार्शाह के वंशज अर्थात् यादव गण । दाशेरः (१०) मधु का पुत्र | २ मा ३ घंटे | दाशेरकः ( पु० ) मालवा प्रदेश दाशेरकाः ( पु० बहु० ) मालवा प्रदेश के शासक और अधिवासी । दासः ( पु० ) १ दास । गुलाम । सेवक | २ मध्वा | ३ शुद्ध चतुर्थ वर्ण का आदमी ४ शुद्ध के नाम के पीछे लगाया जाने वाला शब्द विशेष ~~अनु- दासाः ( पु० ) गुलाम का गुलाम-जनः ( पु० ) सेवक या दास दासी (स्त्री० ) १ स्त्रीगुलाम चाकरनी | २ मधुए की पत्नी ३ शुद्ध की पत्नी | ४ रंडी। वेश्या दासेर: ) दासेरकः - पुत्रः, सुतः, ( पु० ) दासी का पुत्र या बेटा। सभं, (न० ) दासियों का समूह | ( पु० ) दासी का पुत्र २ शुद्ध २ । मधुआ | ४ ऊंट दास्यं ( न० ) गुलामी । चाकरी | नौकरी | बन्धन । दाहः ( पु० ) १ जलन | भाग | २ सानिमा (जैसे- आकाश की ) |३ जवन ४ ज्वरॉश - अगुरु ( न० ) - कार्ड ( न० ) काष्ठ विशेष /-आत्मक, ( वि० ) जल उठने