दिन दिए ( वि० ) १ दिखलाया हुआ निर्दिष्ट २ वर्णित ३ निश्रित | ४ आनिष्ट | अन्त (5०) मृत्यु | दियम् (न० ) १ अश भाग २ प्रारब्ध आज्ञा आदेश निर्देश ४ उद्देश्य दिष्टिः ( स्त्री० ) १ अंश भाग २ निर्देश | आदेश नियम आशा ३ भाग्य प्रारब्ध ४ सौभाग्य हर्ष शुभ कार्य । । विश्वा ( अध्यया० ) सौभाग्य से भाग्यवश | विह (धा० उभय० ) [ देग्धि, दिग्धे, दिग्धः ] १ लेप करना उपदन करना। प्लास्टर करना | फैलाना २ खराब करना भ्रष्ट करना अपवित्र करना । दी (घा० यात्म०) [ दीयते, दीन, ] नष्ट होना मर जाना | दीक्षू ( घा० आत्म० ) [ दीक्षते, दीक्षित ] १ करने की योग्यता प्रदान करना।२ आत्मसमर्पण करना । ३ शिष्प बनाना ४ उपनयन संस्कार करना। ५ यज्ञ करना । ६ यात्मसंयम का अभ्यास करना | ३७६ ) दीक्षकः (पु० ) दीक्षा गुरु दीक्षण ( न० ) शिक्षादान | दीक्षादान | दीक्षा (सी० ) १ संस्कार २ यज्ञारम्भ के पूर्व का कर्म विशेष | ३ उपनयन संस्कार ४ किसी उद्देश्य की सिद्धि के लिये आत्मसमर्पण करना । दीक्षित ( ३० ऋ० ) 11 १ दोहामाप्त। मंत्रोपदिष्ट २ यज्ञ करने के लिये तैयार । ३ व्रत धारण किये हुए दीक्षितः (पु० ) १ दीक्षा में संलग्न यज्ञ कराने वाला । २ शिष्य | ज्योतिष्टोम आदि बड़े बड़े यज्ञ करने वालों की सन्तान | दीदिविः ( पु० ) १ भात । २ स्वर्ग । दीधितिः (स्त्री०) प्रकाश की किरा २ चमक | ३ कान्ति । शारीरिक स्फूर्ति । दीधितिमत् ( वि० ) चमकीला ( पु० ) सूर्य । दीधी ( था० आत्म० ) [ दीघीते ] १ चमकना । २ मालूम पड़ना प्रकट होना । दीन (बि० ) १ गरीब | निर्धन । निष्किश्शन | २ सन्तप्त । पीड़ित । अभागा ३ दुःखी। बदास | ४ भीर | डरपोक | ५ कमीना दाई । करुण दयालु (वि० ) पर कृपा करने वाला का मित्र । दीपित धन्सल (वि० ) दीनों बन्धु (पु० ) दीनों दीनः (१०) निर्धन मनुष्य। पीड़ित मनुष्य | दीनारः ( पु० ) एक प्रकार का प्राचीन कालीन सौने का सिका। २ सिद्धा ३ सुवर्ण भूषण दीपू (धा० आत्म० ) [ दीप्यते, दीप्त, देदीप्यते ] १ चमकता | भभकना । २ जलना ३ धधकना। ४ क्रोधादिष्ट होना। ५ ज्योतिर्मय होना। दीपः (पु० ) दीपक | चिरा अन्तिा, (स्त्री० ) अमावास्या | - आराधनं, ( न० ) करना। प्रालिः - प्रालि, आवती, - उत्सवः ( पु० ) दीपकों की माला या पंक्ति दिवाली का उत्सव जो कार्तिकी अमावास्या को किया जाता है। -कलिका, ( स्त्री० ) दीपक का फूल | चिराग का गुल (किम्, ( न० ) काजल 1-कूपी-खरी, (खी० ) दीपक की बत्ती पलीता 1-पादपः, -वृक्षः, ( पु० ) डीवट फाड़ शमादान/- पुष्पः, ( पु० ) चम्पक बृद्ध | -भाजनं, ( म०) लैंप।-माला, ( स्त्री० ) रोशनी ।-शत्रः, ( पु० ) पतिंगा। पंखी - -शिखा, (स्त्री०) दीपक की लौ - ला. (स्त्री० ) दीपकों की पंकि। रोशनी । दीपक (वि० ) [ बी०-दीपिका ] १ अलता हुआ । प्रकाशमान । २ चमकता हुआ । सुन्दर बनाने वाला ३ भक्काने वाला उभारने वाला। ४ बलप्रद पाचनशक्ति बढ़ाने वाला। | दोपकं (न० ) १ कैंसर । जाफ़ॉन | २ अर्थालङ्कार विशेष । दीपकः ( पु० ) १ रोशनी चिराग़ दीपक | २ याज पक्षी ३ कामदेव की उपाधि । दीपनम् ( न० ) १ जलानेवाला । प्रकाश करने वाला। २ वलप्रद । पाचनशक्ति को बढ़ाने वाला। ३ स्फूर्ति उत्पन्न करने वाला ४ केसर | जाफ़ॉन । दीपिका ( स्त्री० ) पलीवा। मसाल। दीपित १ (वि० ) : आग लगा हुआ । २ जलता हुआ। ३ प्रकाश करता हुआ४ प्रकट किया हुआ। प्रत्यक्ष किया हुआ "-.
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३८६
दिखावट