पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३६८

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तथिक तैर्थिक (सि० ) पवित्र शुद्ध | तैथिक ( स० ) पविनजल किसी पुण्य नदो या सरोवर का जल । तैर्थिकः (g०) १ संन्यासी साधु २ नवीन दार्शनिक सिद्धान्त का आविष्कार करने वाला नवीन मत या सदाय का प्रवर्तक । तैलं ( न० ) १ सेल । २ धूप | जोवान -प्रटो, ( स्त्री० ) बरैया। -अभ्य (पु० ) शरीर में तेल की मालिश । -कल्कजः, ( पु० ) खली । -का-पर्णी (स्त्री० ) १ चन्दन २ धूप | ३ तारपीन /-पिञ्जः ( धु० ) सफेद तिल । -- पिपीडिका. ( स्त्री० ) छोटी लाल चींटी 1- फलः ( पु० ) इंदीवृत। - भाविनी (स्त्री० ) चमेलीमाली, स्त्री० दीपक की बत्ती।--- यंत्रे, ( न० ) कोल्हू 1-- स्फटिकः ( पु० ) रम विशेष । ( तैलः (पु० ) आधुनिक कर्नाटक प्रदेश । तैः (पु० बहु० ) कर्नाटक प्रदेश के अधिवासी | जन} (गु० ) हेली। तैलिनी (सी० ) बत्ती | तैलीनं ( न० ) तिल का खेत । वैषः (पु० ) पौष मास । तोकं (न० ) औलाद | यच्चा । तोककः ( पु० ) चातक पक्षी | तोडनम् ( न० ) १ चीरना विभाजित करना | २ फाड़ना। ३ चोटिल करना । तोत्वं ( न० ) अ या कीलदार चाबुक । तोदः ( पु० ) पीड़ा | सन्ताप | तोदनं ( न० ) १ पीड़ा | कष्ट। २ अङ्कुश | ३ मुख । सुराड । तोमरं (न०) ) १ लोहे का डंडा । २व | साँग । तोमरः (पु०) ) - धरः ( पु० ) अग्निदेव । - + - अधिवासिनी, (स्त्री०) पुष्प प्राधारा, आशयः (पु०) सरोवर तोयं ( न० ) पानी । - विशेष कूप । जलाशय । --श्रालयः (पु० ) समुद्र - ईश:, ( पु० ) वरुण की उपाधि | -ईशं, (न०) पूर्वाषादानक्षत्र - उत्सर्गः, (१०) जल-दृष्टि- त्यक कमन् (न०) १ शरीर के भिन्न भिन्न अवयवा के जल से मार्जित करना। २ जलतपंख | तुच्छू, ( पु० ) - इच्छ्रस्, ( न० ) व्रतचर्या विशेष जिसमें केवल जल पीकर ही निर्दिष्ट काल तक रहना पड़ता है। --फोड़ा (स्त्री०) जलविहार । - गर्भः ( पु० ) नारियल । -चरः, ( go ) जलजीव - डिम्बः, -डिम्मः, (पु०) भोला । -दः, ( पु० ) बादल -धरः, (पु०) वादल - धिः, - निधिः, ( पु० ) समुद्र /-नीवी, (स्त्री०) पृथिवी-प्रसादनम्, (न०) नारियल को साफ करना । ~ मलं, (न० ) समुद्रफेन /- मुच् (पु०) बादल । -यंत्र (न०) : जलधड़ी | २ फव्वारा । राज. - राशिः, (पु० ) समुद्र । - वेला, (स्त्री० ) समुद्रसट 1-1 - व्यतिकर, ( पु० ) ( नदियों का ) सङ्गम /- शुक्तिका, (स्त्री०) सीपी । सपिंका, (स्त्री०) ~~ सूचका, ( पु० ) मेडक । तोरणं ( म० ) १ मेहरावदार द्वार | २ बरसाती | तोरणः (पु०) ) फाटक ३ अस्थायी रूप से बनाया - - हुआ फाटक | ४ महराबदार स्नानागार के समीप का चबूतरा । ( न० ) गर्दन । गला | तीलं ( न० ) ३ १ तौल जो तराजू में तौल कर तोल: (पु० ) ) जानी गयी हो । २ १२ माशे की तौल । एक तोला । तोषः ( पु० ) सन्तोष । प्रसन्नता । तोष (न० ) सन्तोष प्रसन्नता । तोपलं (न०) मूसल ! तौतिकः ( पु० ) मुलाराशि | तौति ( न० ) मोती | तौतिकः ( पु० ) सीपी जिसमें से मोती निकलता है। तौर्य ( न० ) तुरही का शध्द | - त्रिकं, ( न० ) नृत्य और सङ्गीत | गान, वाद्य और नृत्य तीनों की संगति । तौलं ( न० ) तराजू | तौलिकः तौलिककः } ( पु० } चित्रकार | चित्तेरा । व्यक्त ( व० कृ० ) १ यागा हुआ | छोड़ा हुआ । २ त्यागी । -अग्निः, (पु०) ब्राह्मण जिसने अग्नि- सं० श० कौ०-४६