पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३३

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श्रघम (वि०) | नीच दुष्टातिदुष्ट बहुत बुरा -अङ्गभू ( स० ) पैर पाद । अर्ध (न० ). शरीर के नीचे का श्राधा अङ्ग । नाभि के नीचे का ( अंगॠणः ऋणिकः ( पु० ) कर्जदार कटुआ ! ( उत्तमर्णः का उलटा ) - भृतः, भृतकः ( पु० ) कुली | मज़दूर साईस अधमः (०) जार अधरमा ) श्रधरतः अधमा (स्त्री० ) दुष्टश मलकिन । दुष्टा स्वामिनी J (वि०) १ नीचे का | निचला | तले का । २ नीच । अधम । दुष्ट गुण में कम अश्रेष्ठ ३ परास्त किया हुआ पराभूत | सुप किया हुआ | - उत्तर (वि०) १ नीचला और ऊपर का | अच्छा बुरा । २ शीघ्र या देर से । ३ उल्टा पल्टा । अंडबंड। अस्तव्यस्त ४ समीप दूर । -: ( पु० ) नीचे का होंठ -कण्ठः ( पु० ) गरदन के नीचे का भाग ।-पानं (न०) चूमना | चुम्बन करना । —मधु अमृतं ( न० ) औठों का अमृत / स्वास्तिकं । ( न० ) अधोविन्दु । - अधरम् (न०) १ (शरीर के) नीचे का भाग । निचला हिस्सा २ भाषण | व्याख्यान | अधरस्तात् अधरातू अधुतात् अधरे २८ ) (अव्यया० ) नीचे की ओर। निचले भाग में। नीचे के लोक में । अधरीकृ (धा० उ०) आगे निकल जाना। हरा देना। पराजित कर देना। प्रघरीण (वि०) १ निचला | २ निन्दित । वदनाम | अपकीर्तित । भर्सिंत । श्रधरेयुः (अव्यया० ) किसी पूर्व दिवस १२ परसों | ( बीता हुआ ) धर्मः (पु०) । पापकर्म अन्याय दुष्टता अन्याय से अन्यायपूर्वक | २ अन्याय्य कर्म । निषिद्ध कर्म । पाप धर्म और अधर्म। न्याय में वर्णित २४ गुणों में से दो और इनका सम्बन्ध श्रात्मा से है। सुख और दुःख के ये ही कारण है। ३. एक प्रजा- पति का नाम सूर्य के एक अनुचर को नाम अधि धर्मम् ( म० ) उपाधिशून्यता । विशेष आत्मन, चारिन पापी । - ब्रह्म की उपाधि (वि० ) दुष्ट । अधर्मा ( स्त्री० ) मूर्त्तिमान दुष्टता ध्रुघवा (स्त्री०) राँड़। बेवा। जिसका पति मरगया हो । ● में । अस्, अधः (अन्या०) नीचे | नीचे के लोक में नरक में 1-अंकम् ( न० ) निचला कपड़ा यथा बनियाइन । नीमास्तीन आदि । २ धोती । कटिवस्त्र /- अक्षजः (पु०) विष्णु का नाम । - करः ( पु० ) हाथ का निचला हिस्सा ।—करणम् ( न० ) पराभव | श्रवःपास । - खननम् ( न० ) गाड़ना । तोपना । -गतिः (स्त्री० ) गमनम्, (न०) - पातः (१०) नीचे जाना। नीचे गिरना 1 नीचे उतरना। अवनति हास-गन्तु ( पु० ) चूहा । भूसा । -चरः ( पु० ) चोर - जिहिका ( स्त्री० ) अलि-प्रति-जिह्वा । सुधाश्रवा तालु- जिह्वा । घण्टिका छोटी जीभ जो तालु के नीचे रहती है। -दिश (स्त्री० ) अधोविन्दु । दक्षिण दिशा । -दृष्टि: (स्त्री० ) नीचे को निगाह 1- प्रस्तरः ( पु० ) वह चटाई जिस पर वे लोग जो मातमपुर्सी करने आते हैं, बिठाये जाते हैं। - भागः (पु०) नीचे का भाग :-- भुवनं ( न० ) -लोकः ( पु०) पृथिवी के नीचे के लोक पाता- लादि ।—मुख चदन (वि० ) नीचे की ओर मुख किये हुए। -जम्बः (पु०) सीसे का गोला । लम्बितरेखा सीधी खड़ी रेखा । वायुः (पु०) अपानवायु उदराध्मान पेट का फूलना। --- स्वस्तिकं (न०) प्रधोविन्दु । I 1 2 अधस्तन (वि० ) [ स्त्री० - अधस्तनी ] जो नीचे हो। निचला। अधस्तात् ( क्रि० वि०) (अधि०) नीचे की ओर | अंदर। भीतर । अधामार्गवः (पु० ) अपामार्ग । अधारणक (वि० ) जो लाभदायक न हो । अधि (अन्यया० ) १ यह क्रियाओं के साथ उपसर्ग की तरह आता है। ऊपर ऊर्ध्व । अतीत अधिक। २ प्रधान मुख्य विशेष 1 ●