चर्चियम् ( ३१२ चर्चियम् (न०) शरीर में चन्दनादि लगाना | लेप । उक्टन । चर्चित ( ३० कृ० ) १ लगा हुआ । लेप किया हुआ २ विचारित । अनुसन्धान किया हुआ। चर्पट: (पु० ) चपेट थप्पड़ | चापड़ चर्पटी (स्त्री० ) चपाती। रोटी। चर्मट: (पु० ) ककड़ी [ ककड़ी | चर्मटी (स्त्री० ) १ आनन्द कोलाहल । हपैरव । २ चर्मम् ( न० ) ढाल | O चर्मरावती (स्त्री० ) चंबल नदी । यह नदी इटावे के पास यमुना में गिरती है। चर्मन् ( न० ) १ चाम । २ चमड़ा | ३ स्पर्शज्ञान | ४ ढाल /- अम्भस, ( न० ) शरीर का स्वच्छ तरल पदार्थ रस - अनं, (न० ) चमड़े का कारोबार । अवकर्तिन, प्रवकर्तृ (न०) मोची । जूता बनाने वाला । चमार /- कारः, - कारिन्, (पु० ) मोची । चमार | -कीलः, कीलं, (न० ) मस्सा | टेंदर - चित्रकं, (न० ) सफेद कोढ़ । -जं. ( न० ) १ बाल । २ खून –तरङ्गः, (५०) सुरी। शिकन । -दण्डः (पु०) -नालिका, (स्त्री० ) कोड़ा । द्रुमः, वृक्षः, ( 50 ) भोजपत्र का वृक्ष - पा, ( स्त्री० ) पाँसे फेंकने का चमड़े का चौरस टुकड़ा1-- पत्रा, (स्त्री०) चिमगीदछ । पादुका, ( स्त्री० ) जूता । —प्रभेदिका, (स्त्री०) चमार की राँपी :- प्रसेवधः (पु० ) - प्रसेविका, ( स्त्री० ) धोंकनी | बंधः, ( पु० ) चमड़े का तस्मा। -मुराडा, ( स्त्री० ) दुर्गा का नाम । यष्टिः, ( स्त्री० ) चाबुक 1-वसनः, ( पु० ) शिवजी | वाद्य, ( न० ) दोल । ढोलक | सबला आादि । –सम्भवा, (स्त्री०) बड़ी इलायची-सारः, (पु०) शरीर का स्वच्छ तरल पदार्थ या रस। · चर्ममय ( वि० ) चमड़े का चर्मरुः चर्मार: } ( पु० ) मोची चमार | 7 ) चलन ढालधारी सिपाही । २ केला । का पेड़ | चर्या (स्त्री० ) १ गति । चाल । २ ३ भूर्जपत्र चालचलन । व्यवहार | आचरण १३ अभ्यास | अनुष्ठान | निर्वाह | रहा। ५ नियमित अनुष्ठान | ६ भत्तण । ७ रस्म । रीति । चव् ( धा० पर० ) [ चर्वति, चर्वयति चर्षयते, चर्षित ] : चवाना | खाना। कुतरना। दुनगना । 4 २ चूसना | घसकना । ३ चखना | चर्वणम् ( स० ) चर्वण ( स्त्री० ) चर्चा ( स्त्री० ) थप्पड़ का प्रहार। चर्वित ( भू० कृ० ) १ चवलाया हुआ | कुतरा हुआ। खाया हुआ धक्खा हुआ। चर्वणम्, ( न० ) चवाये हुए को चवाना। एक ही विषय की शब्दान्तर में पुनरुक्ति 1- पात्रं ( न० ) पीकदानी । १ चबाना । खाना । २चसकना । १२ चखना | चलू ( धा० पर० )[ चलति, चलते, चलित ] हिलना। काँपना। थर्राना धड़कना । उथल पुथल होना । धार्मिक ( वि० ) ढाल बारी । घर्मिन् (वि० ) वालधारी | २ चमड़े का । ( पु० ) | चलनः ( पु० ) पैर । २ हिरन । 1 चलू ( वि० ) १ डोलता हुआ । काँपता हुआ | २ अस्थिर । ढीला | ३ निर्बल कमज़ोर। भाशवान । ४ घबड़ाया हुआ । प्रचल, (वि० ) १ स्थावर जंगम २ चंचल नाशवान --अचलः, (पु०) काक /- अन्तकः ( पु० ) गठिया । --श्रात्मन, ( वि० ) चञ्चल।-इन्द्रिय (वि० ) १ इन्द्रिय सम्बन्धी । इन्द्रियसेव्य २ सहज में परिवर्त- नीय । -इघुः ( पु० ) वह तीरंदाज़ जिसका तीर लक्ष्यच्युत हो जाय। -कर्णः (पु० ) किसी ग्रह का पृथिवी से ठीक ठीक अन्तर - चञ्चुः, ( पु० ) चकोर पक्षी- चित्त, ( वि० ) चञ्चल मना - दलः, -पत्रः, ( पु० ) अश्वत्थ वृत्त । चलः (पु० ) १ कंपकपी । घबड़ाहट विकलता । २ पवन | ३ पारद | चला ( स्त्री० ) १ लक्ष्मी । २ सुगन्धद्रव्य विशेष | चलन ( वि० ) हिलने वाला। काँपने वाला।
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