पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३१

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अदत्ता प्रदत्ता (सी.) अविवाहित लड़की । अदत्तूम् (न०) निष्फलदान ।-~- प्रादायिन् ( go ) निष्फल दान का ग्रहण करने वाला वह पुरुष जो बिना दी हुई वस्तु को उठा ले जाय। उठाई- गीरा। चोर-पूर्वा ( स्त्री० ) विना सम्बन्ध युक्त | जिसकी सगाई पहले न हुई हो। 'श्रदत्तपूर्वोत्याशंक्यते । १३ मालतीमाधव । अ० ४ अदंत १ बिना दाँतों वाला | २ जिनके अन्त में अदन्त । अत्याध हो । ३ जोंक । प्रदत्य ( (वि०) १ दाँत सम्बन्धी नहीं। २ दाँतों के अदन्त्य | योग्य नहीं। दाँतों के लिये हानिकारक | अ (वि० ) कम नहीं। बहुत अधिक । विपुल । प्रदर्शनम् ( न० ) १ अदृष्ट अनुपस्थित २ (व्याकरण में ) वयंलोप । ( २६ ) "" अस् (वि० ) दूर की वस्तु । तत् | दूसरा अन्य । ये अभी । अदादि (वि० ) जिसके आरम्भ में श्रद् हो । व्याकरण की रूढि विशेष । अदाय (वि० ) जो भाग पाने का अधिकारी न हो। श्रदायाद ( वि० ) १ जो उत्तराधिकारी होने का अधिकारी न हो। २ उत्तराधिकारी रहित । लावारिस । प्रदेव अदितिनन्दनः } ( पु० ) देवता । अदुर्ग ( वि. ) १ जिसमें प्रवेश किया जा सके। २ दुर्गरहित 1 विषयः ( पु० ) ऐसा देश जिसमें रचा के लिये दुर्ग न हो। अरक्षित देश या राज्य | अदायिक (वि०) १ वह वस्तु या सम्पति जिसके प्रदायिको (स्त्री० ) पाने के उत्तराधिकारी ने अपना स्वत्य प्रदर्शित न किया हो। लावारिसी जिसका कोई वारिस न हो । २ न हो। जो पुश्तैनी अदा ( वि० ) १ ( लड़की जो ) विवाह में न दी । अष्टम् ( न० ) वह जो देख न पढ़े । २ गयी हो। २ अवदान्य कंजूस । प्रारब्ध भाग्य। नसीय | किस्मत पाप या पुण्य जो दुःख या सुख का कारण है। ४ ऐसी विपत्ति या खतरा जिसका पहले कभी ध्यान भी न रहा हो। ( जैसे अग्निकाण्ड, जलप्लावन ) । -अर्थ ( वि० ) अध्यात्मविया सम्बन्धी । सम्वविद्या सम्बन्धी :-कर्मन् (वि० ) श्रि यात्मक अनुभवशूल्य 1- फल ( वि० ) वह जिसका परिणाम दृष्टिगत न हो फलं ( न० ) अच्छे बुरे कर्मों का भावी फल या परिणाम | अदितिः ( स्त्री० ) १ पृथिवी । २ श्रदिति देवी, जो | धादियों की माता है। पुराणों में देवताओं की उत्पत्ति अदिति ही से बतलायी गयी है। ३ भायीं। ४ गौ। प्रदूर (वि० ) जो बहुत दूर न हो । समीप (समय और स्थान सम्बन्धी ) । रम् (पु० ) सामीप्य पड़ोस श्रदूरे प्रदू, अरेण प्रदूरतः रात् (०) (किसी स्थान या समय से बहुत दूर नहीं। अदृश् (वि० ) दृष्टिहीन | नेत्रहीन | अंधा | (०) १ जो देखा न जाय । अनदेखा हुआ। जो पहिले न देखा गया हो। २ जो जाना न गया हो । ३ पूर्व से अनदेखा न देखा या न सोचा हुआ। अशात अविचारित | ४ अस्वीकृत | आईन के विरुद्ध | अदृष्टिः (स्त्री० ) बुरी दृष्टि । ( वि० ) अंधा | देय ( वि० ) जो देने योग्य न हो या जो दिया न जा सके। देयम् ( न० ) वह जिसका दिया जाना या देना ठीक नहीं या आवश्यक नहीं। इस श्रेणी क वस्तु में स्त्री, पुत्र आदि हैं। यदेव (बि० ) १ देव के समान नहीं । २ अपवित्र