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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३००

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गृहयाय्य -चिद्रम् (न० ) गृहथिद्र घर गृहस्थी की कमजोरियाँ या कलङ्क २ पारिवारिक भगड़े । -जः, ~~जातः, ( पु० ) वह दास जो वहीं या उसी घर में जन्मा हो जिसमें वह नौकर हो । जालिका, ( सी० ) धोखा कपट खुल कपट वेश-ज्ञानिन् -[गृहेशानिन्, भी रूप होता है। ] (वि०) अनुभवशून्य | मूर्ख । सूद | बेवकूफ | - तटी. (स्त्री०) चबूतरा | चौतरा ।- देवता, (स्त्री०) घर का देवता कुलदेवता - देहली (स्त्री० ) दहलीज | दहरी / नमनम्, (न०) पवन हवा ।-नाशनः, (पु० ) जंगली कबूतर 1-नीडः, (पु०) गौरैया -पतिः, (पु०) | गृहीतिनर्दिन ( पु० ) घर में डींगे मारने वाला और घर के बाहिर युद्ध में पीठ दिखाने वाला| फायर | दरपोंक | १ गृहस्थ २ यश करने वाला। घर का स्वामी । गृहस्थ के अनुष्ठेय कर्म, यथा आतिथ्य। --पालः, (g० ) १ घर का मालिक । २ घर का कुत्ता - पोतकः, (पु० ) वह स्थल जिसके ऊपर मकान खड़ा हो और उससे सम्बन्ध रखने वाली उसके थास पास की ज़मीन - प्रवेशः ( पु० ) नये बने मकान में जाने के पूर्व कतिपय शास्त्रीय कर्मानुष्ठान |-चभ्रुः (पु० ) पालतू न्योला । गृहा (वि० ) १ आकर्षणीय | प्रसन्न करने योग्य २ घरेलू । ३ परतंत्र बाहिर अवस्थित । ( पु० ) अग्निहोत्र की आग | गृहाः (50) घर में बसने वाला | २ पालतू जानवर | गृह्या (स्त्री० ) नगर के घासपास का गाँव । -~~-पत्रिः, (स्त्री० ) अवशिष्ट अन्न से सब गृ ( धा० परस्मै० ) [ गृणाति, गुर्ण ] १ बोलना । प्राणियों को श्राहारदान जैसे पशु पची, पुकारना | बुलाना । आमंत्रण करना। उद्घोषित करना । २ वर्णन करना । ३ प्रशंसा करना । स्तव करना । ( २३३ ) गृहिणी (स्त्री० ) घरवाली । पत्नी-पदं, (न० ) धरस्वामिनी की मर्यादा । का भेदुआ । २ घर में झगड़े उत्पन्न कराने वाला। - मणिः ( पु० ) दीपक। लॅप। -माचिका, ( स्त्री० ) चमगादड़ --मृगः ( पु० ) कुत्ता | -मेघः, ( पु० ) गृहस्थ / यंत्र, ( न० ) | डंडा या बाँस जिस पर उत्सव के अवसरों | पर ध्वजा फहरायी जाय । -वित्तः, (पु० ) घर का मालिक ।~~कः, (पु० ) आमोद प्रमोद | के लिये पाला गया तोता। - संवेशक:, (पु० ) थबई राज मैमार। --स्थः, ( पु० ) गृहस्थ बालबच्चों वाला । = ग्रहिन (९० ) गृहस्थ : बाल बच्चे वाला। गृहीत (६० कृ०) अहण किया हुआ २ स्वीकृत ३ प्राप्त उपलब्ध। पहिना हुआ धारण किया हुआ। २ लूटा हुआ था लुटा हुआ । ६ सीखा हुआ पड़ा हुआ समझा हुआ- गर्भा, ( स्त्री० ) गर्भवती स्त्री |--दिश, ( वि० ) : झगड़ा | २ गायव | लापता | गृहीतिन् (वि० ) [ स्त्री- गृहीतिनी ] वह व्यक्ति जिसने कोई बात समझ ली हो । - परमुखापेक्षी | ४ पाल्तू । ५ ६ मल-द्वार /- अग्नि, गृहदेवता आदि को |-भङ्ग (पु० ) 1 घर से निर्वासित | २ घर को नाश करना ३ घर फोड़ना । ४ असफलता । किसी दूकान या घर की गडक: } ( १० ) गेंद । गद्दा । पु० 1- भेद गेंदुक: गेय ( वि० ) १ गाने वाला | गवैया | २ याने योग्य गेधू ( धा० आत्म० ) [ गेषते, गेष्या, ] तलाश करना | खेोजना इदना। अनुसंधान करना । गेहम् ( न० ) घर | मकान। बस्ती । गेहेइवेडिन् (वि० ) भीरु। कायर डरपोंक गेहेदाहिन् (वि० ) भीरु | कायर । डरपोक । रोहनदिन (वि० ) डरपोक । पर्दे का सुरा। गोबर के ढेर पर बैठा हुआ मुर्गा गेहेमेहिन् ( वि० ) घर में मूतने वाला। कामचोर । गेहेन्याड (पु०) अकड़बाज़। डींगें हाँकने वाला अभिमानी । हयाय्यः ( पु० ) गृहस्थ । बालबच्चों वाला । इयालु ( वि० ) पकड़ने वाला । ग्रहण करने वाला । | गेहेर (पु० ) भीरु। डरपोंक।