पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२९९

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गू गृहं ( (स्त्री०) १ कूडा करकट २ विष्ठा । मल राध्यं ( न० ) } अभिलाषा | लालच । लोभ । गूढ (व० कृ०) १ गुप्त | छिपा हुआ । २ ढका हुआ । गृध्या ( ० ) ३ गहन | ४ एकान्त । अङ्ग (पु० ) कड़वा | | गृभ (वि० ) खालची | लोभी ! -कूटः, ( पु० ) ) --अंधः, (पु०) सौंप-आत्मन् (गृहमन्) एक पर्वत का नाम जो राजगृह के समीप है।--. परमात्मा उत्पन्नः, -जः. ( पु० ) धर्माशास्त्रों के मतानुसार १२ प्रकार के पुत्रों में से एक। अज्ञातनामा पिता का पुत्र, जिसकी उत्पत्ति गुपचुप हुई हो। 'गृहे मात्र वरपनो गुडस्तु सुतः शत्रुतः । याज्ञवल्क्य | ~नीड़ः, (पु०) खअन पक्षीपथा (पु०) 1 गुप्तमार्ग २ पगडंडी | ३ मन | समझ । प्रतिभा | --पाद-पादः, (पु०) सर्प 1 साँप 1-पुरुषः, (पु०) भेदिया। जासूस पुष्पकः, (पु०) वकुल वृक्ष |~~-मार्गः, (पु० ) सुरङ्गी रास्ता - मैथुनः, ( पु० ) काक | कौआ |-वर्चस्, (पु०) मैदक-साक्षिन्, (न० ) प्रपनी गवाह । ऐसा गवहा जो छिप कर अन्य गवाहों की गवाही सुन ले और तदनुसार स्वयं गवाही दे । गूथं ( न० ) विष्ठा | मल गूथः (go ) ) गुपणा (स्त्री० ) आँखों की वह आकृति जो मोर के पंखों में होती है। गृ ( धा०] परस्मै० ) [ गरति] छिड़कना तर करना। ( नम करना। गूंज } ( घा० परस्मै० ) [ गर्जति, या शृंजति ] गृज्जू ) नाद करना। गर्जना | बुरघुराना | गुरौना। गुंजन: सृञ्जनः }(पु०) १ गाजर । २ शलगम । ३ गाँवा। ३ गुंजनम् २ (च० ) विषैले तीरों से वध किये हुए गृजनम् ) पशु का मॉल डितः ( ( पु० ) शृगाल विशेष स्यारों की एक गृडीव: | जाति । -- गृधू ( धा० परस्मै० ) [ गृध्यति, - गृद्ध ] कामना करना। लोभ करना । लालच दिखाना । ग्रुधु (वि०) लंपट | कामी । ग्रुधुः (पु० ) कामदेव । गृनु ( वि० ) १ लालची। अभिलाषी । लोभी । २ उत्सुक | २६२ ) पति, - राजः, ( पु० ) जटायु की उपाधि - वाज, -वाजित, (वि० ) गीध के परों से युक्त (बाय)। - गर्छ ( नं० ) गृधः (पु० ) गीध गिद्ध गृप्रिः ( स्त्री० ) १ एक प्रसूता गौ। एक व्यान की गौ। वह गौ जो केवल एक बार ही व्यायी हो । २ कोई भी जवान मादा जानवर। गृहं ( न० ) १ घर भवन | २ पत्नी । वियो बृद सुष्यते।" -पंचतन्त्र | 4. ३ गृहस्थ का जीवन ४ नाम [ यह शब्द जय एक घर के लिये प्रयुक्त किया जाता है, तब नपुंसक लिङ्ग और जब एक से अधिक घरों के लिये तब पुलिङ्ग होता है। यथा मेघदूते -" तत्रागारं धनपति - गृहन्"]-गृहः, ( वा० पु० ) 1 घर-अक्षः (पु०) छेद सूराख्न | खिड़की (विशेष) अधिपः, - ईशः, ईश्वरः, (पु०) गृहस्थ-अयनिका ( पु० ) गृहस्थ अर्थः, ( पु० ) गृहस्थी के मामले |अलं, (न० ) काँजी । खट्टामाँड -अवग्रहणी (स्त्री० ) देहरी दहलीज़ ( पु० ) २ पाट। सिख /- आरामः, ( 50 ) घर के आसपास का बाग | --आश्रमः, (पु०) गृहस्थ-आश्रमिन, (पु.) गृहस्थ । ~उपकरणं, ( न० ) गृहस्थी के लिये उपयोगी पात्र अथवा अन्य कोई वस्तु । -कपोतः, -कपोतकः ( पु० ) पालतू कबूतर ।- करणं, ( नं० ) घर गृहस्थी के मामले | भवन या घर की इमारत ।-कर्मन, ( न० ) गृहस्थी के धंधे कलहः, ( पु० ) घरेलू कारकः, ( पु० ) थबई । राज। मैमार। --कार्य, घर गृहस्थी के काम- चुल्ली (स्त्री० ) घर, जिसमें पास पास दो कमरे हों, किन्तु इनमें से एक का सुख पूर्व और दूसरे का पश्चिम की ओर हो । झगड़े -