पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१६५

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( १८ ) 1 उत्कर्ष उत्कर्षः (पु०) 5 उखाड़ना उचेलना ऊपर खींच जेना। २ उद्यत । बढ़ती प्रसिद्धि उदय समृद्धि | २ आधिक्य । अधिकाई सर्वोकृष्टता उत्तमोत्तम गुए। महिमा : २ अहङ्कार। अभिमान | ६ हर्ष प्रसनता | [उचेल लेना उत्कर्षणम् (न०) १ ऊपर खींचना | २ उखाड़ लेना । उत्कलः ( पु० ) उड़ीसा प्रान्त का नाम । २ बहे लिया। चिड़ीमार | ३ कुली । उत्कलाप (वि० ) पूँड़ उठाये और फैलाये हुए। उत्कलिका (सी०) १ उत्कठा चिन्ता विकलता | २ हेला | कोड़ा विशेष | ३ कली ४ लहर उत्कोशः ( पु० ) १ चिह्नपों। शोरगुल ५ --प्रार्थ ( न० ) ऐसी गद्य रचना जिनमें २ घोषणा | दिढोरा | ३ कुरी। कटुअरों और लंबे लंबे समासों की भर | उदः (पु० ) तर होना भींगना | मार हो । 1 "भवेदुरशशिकायं मामा हृदय" उत्कप ( १० ) १ फादना | खींचना २ जोतना । हज चलाना। ३ मलना रगड़ना। उत्कार: (पु० ) अनाज फटकना | २ अनाज की थनाज योने वाला। तेरी लगाना |३ उत्कासः ( 50 ) उत्कालनं ( न० उत्कासिका (सी०) उत्किर (पि० ) गुफना की तरह घुमाया हुआ | हवा में उड़ाया हुआ। उत्कीर्तनम् (१०) प्रशंसा स्तुति कीर्तन | उत्कुटम् ( न० ) उत्तान खेटना | चित्त लेटना | उत्कुणः ( पु० ) खटमल खटकीरा । चिलुवा श्रीव्हर [नाम करने वाला। उत्खात उत्कोचकः ( पु० ) 2 घूस २ घूसखोर रिश्वती । उत्कम (पु० ) 1 प्रस्थान | २ उन्नतिशील । उन्नत | ३ नियमविरुद्धता | विरुद्धाचरण ४ उड्डाल | फलांग | t उत्कुल ( त्रि० ) पतित । भ्रष्ट। अपने कुल को बद- उत्कूजः ( पु० ) कोकिल की कूक । उत्कूट: ( पु० ) छावावरी । उत्कूदनम् ( न० ) उड़ाल कुलांच। फलांग । उत्कूल (वि० ) तट को नाँध कर यहने वाली। उत्कूलित ( वि० ) तटवर्तिनी उत्क्षिप्त (व० कृ०) १ उछाला हुआ। लुकाया हुआ। ऊपर उठाया हुआ | २ रोका हुआ या रुका हुआ। अवलम्बित ३ एकर हुआ। ४ ढाना हुआ। गिराया हुआ उजादा हुआ। २ गले का कफ साफ | उत्तितः (पु० ) धतूरे का पौधा 9 खम्बारना । खांसना । करना। उत्तितिका (स्त्री० ) आभूषण विशेष जो कान के ऊपरी भाग में पहिना जाता है। वाला। उत्क्षेपः (पु० ) उड़ाल लुकान । २ ऊपर उछाली हुई वस्तु । ३ मेषण रवानगी ४ वमन | उट 1 उत्कृष्ट (व० ० ) १ ऊपर उठाया हुआ। उठा हुआ। उक्षत | २ सर्वोत्तम | उत्तम श्रेष्ठतम । उच्चतम | २ जुता हुआ। हल चलाया हुआ। उत्कोचः ( 50 ) घूंसे रिश्वत । उत्क्रमणं ( न० ) १ उड़ा | निकास । प्रस्थान | २ मृत्यु | जीव का शरीर से वियोग । [२] मृत्यु | उत्क्रान्तिः ( स्त्री० ) उड़ा बहिर्निष्क्रमण । उत्क्रामः ( पु० ) ऊपर था बाहिर जाना प्रस्थान | २ अतिक्रमण । ३ विरुद्धता नियम का अंग करण | कोलाहल । उशः (पु० ) १ घबड़ाहट । अशान्ति । विकलता। २ विचारों की गड़बड़ी ३ रोग बीमारी विशेष कर समुद्री बीमारी । 1 उत्क्षेपक (वि० ) उच्चालने वाला या वह वस्तु जो उडाली जाय। उचाली हुई वस्तु । उत्क्षेपक (पु० ) कपड़ों की चोर | २ भेजने बाला आज्ञा देने वाला। ३ श्रोतप्रोत । जड़ा उत्क्षेपणं ( न० ) १ उचाल । लुकान | २ वमन । उछांट | ३ रवानगी | प्रेषण | ४ सूप | देखा। उत्खचित (वि० ) घोलमेल । हुआ। बैठाया हुआ। उत्खला (खी० ) सुगन्धि विशेष उत्खात ( च० कृ० ) १ [विशेष | खुशबुदार वस्तु खोदा हुआ | उखादा हुआ। २ खींच कर बाहिर निकाला हुआ | ३ जब से उसादा हुआ। जड़ तोड़ कर निकाला हुआ।